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जानिए कहां 38 साल बाद अपने भाइयों से मिल पाई महिला

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Published : Oct 30, 2021, 7:43 PM IST

बचपन में अपने परिवार से बिछड़ी महिला की अपने भाइयों से 38 साल बाद सोशल मीडिया के जरिये मुलाकात हो सकी. शुक्रवार को उनके मिलने पर सभी के आंखों में खुशी के आंसू छलक आए. पढ़िए पूरी खबर..

भाईयों से मिल पाई महिला
भाईयों से मिल पाई महिला

अमरावती : बचपन में अपने परिवार से अलग हुई महिला की अपने भाइयों से 38 साल के लंबे अंतराल के बाद मुलाकात हो सकी. सोशल मीडिया के जरिये इस महिला के भाईयों से संपर्क स्थापित किया जा सका.

हालांकि 45 वर्षीय मगम्मा की अपने भाई-बहनों से मिलने की हमेशा इच्छा रहती थी. यही वजह है कि जब भी कोई उससे भाई-बहन और माता-पिता के बारे में बात करता तो वह चुप हो जाती थी. कई बार वह उनको याद कर रोने भी लगती थी. इस पर मगम्मा के दामाद ने उसके परिवार वालों से मिलाने का फैसला किया. इसके बाद उसने मगम्मा के द्वारा बताए गए विवरण के आधार पर सोशल मीडिया के जरिये पता लगाना शुरू किया. उसकी मेहनत रंग लाई और लगभग 38 साल बाद मगम्मा की जब अपने भाई से फोन पर बात हुई तो दोनों भाई-बहन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

इसके बाद मंगम्मा के दोनों भाई उससे मिलने आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के अमृतालुरु के यालावरू पहुंच गए. यहां पर हुई उनकी मुलाकात के दौरान तीनों के आंखों में खुशी के आंसू निकल पड़े. घटना के मुताबिक तेलंगाना राज्य के वानापर्थी जिले के मदनपुर मंडल के नेलिवेदी गांव के कसानी नागन्ना और तारकम्मा की तीसरी संतान मगम्मा अपने सात साल की उम्र में पिता के साथ हैदराबाद आई थी. लेकिन उसके द्वारा ठीक से पढ़ाई नहीं किए जाने पर उसके पिता अपने दोस्त के घर पर उसे छोड़ गए थे.

लेकिन वह घर से बिना किसी को बताए ही निकल गई. इस दौरान उसे सड़क पर भटकता हुआ देखकर एक बूढ़े व्यक्ति ने उससे झूठ बोला कि वह उसे उसकी मां के पास ले जाएगा. उस व्यक्ति ने उसे नाश्ता दिया और ट्रेन से विजयवाड़ा ले आया. बाद में वह बूढ़ा व्यक्ति तारकम्मा को वेमुरु मंडल के गुंटूर जिले में ले गया और उसकी पिटाई कर रहा था. इस दौरान स्थानीय लोगों ने तय किया कि वह व्यक्ति लड़की का कहीं से अपहरण करके लाया है. इसके बाद उसे बूढ़े से चंगुल से अलग किया.

ये भी पढ़ें - मछुआरे के जाल में फंसी अनोखी मछली, कीमत जानकार हो जाएंगे हैरान

इस बारे में वर्षों बाद अपने भाइयों से मिली मगम्मा ने बताया कि वह जब करीब 8 साल की रही होगी, अच्छे से पढ़ाई नहीं करने पर उसके पिता अपने दोस्त के घर हैदराबाद में छोड़ दिया था. लेकिन वहां घर से बाहर जाने के बाद एक बूढ़े व्यक्ति ने मुझे खाने के लिए केला दिया था. लेकिन इसके बाद मुझे जम्पन्ना नामक व्यक्ति अपने घर ले गया. उसके पहले से ही छह बच्चे थे और वह मुझे सातवें बच्चे के रूप में मानने लगा. इसके बाद उसने मेरी शादी भी कर दी और मेरी दो बेटियां हैं. इनमें से मेरी एक बेटी की भी शादी हो चुकी है.

मगम्मा ने बताया कि हमारे दामाद से मेरी परेशानी नहीं देखी गई और उसने फेसबुक के जरिए तेलंगाना के नेलिवेदी के भास्कर नाम के एक व्यक्ति की मदद से उसके परिवार के सदस्यों का विवरण एकत्र किया. इसी कड़ी में तीन दिन पहले उनसे फोन पर संपर्क किया था. मगम्मा ने बताया कि दोनों छोटे भाई वेंकटेश और कृष्ण शुक्रवार को यलावरु आए और उससे मिले.

वहीं मगम्मा के दामाद क्रिस्टोफर ने बताया कि उसने अपनी पत्नी से उसके मां के पता लेने के बाद उसे गूगल मानचित्र से देखा और भास्कर नायडू नामक व्यक्ति से संपर्क किया. इस पर उसने उसके द्वारा दिए गए फोन नंबर पर वीडियो कॉल से बात किए जाने पर उसके भाइयों ने अपनी बहन के बिछड़ने की पुष्टि की.

अमरावती : बचपन में अपने परिवार से अलग हुई महिला की अपने भाइयों से 38 साल के लंबे अंतराल के बाद मुलाकात हो सकी. सोशल मीडिया के जरिये इस महिला के भाईयों से संपर्क स्थापित किया जा सका.

हालांकि 45 वर्षीय मगम्मा की अपने भाई-बहनों से मिलने की हमेशा इच्छा रहती थी. यही वजह है कि जब भी कोई उससे भाई-बहन और माता-पिता के बारे में बात करता तो वह चुप हो जाती थी. कई बार वह उनको याद कर रोने भी लगती थी. इस पर मगम्मा के दामाद ने उसके परिवार वालों से मिलाने का फैसला किया. इसके बाद उसने मगम्मा के द्वारा बताए गए विवरण के आधार पर सोशल मीडिया के जरिये पता लगाना शुरू किया. उसकी मेहनत रंग लाई और लगभग 38 साल बाद मगम्मा की जब अपने भाई से फोन पर बात हुई तो दोनों भाई-बहन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

इसके बाद मंगम्मा के दोनों भाई उससे मिलने आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के अमृतालुरु के यालावरू पहुंच गए. यहां पर हुई उनकी मुलाकात के दौरान तीनों के आंखों में खुशी के आंसू निकल पड़े. घटना के मुताबिक तेलंगाना राज्य के वानापर्थी जिले के मदनपुर मंडल के नेलिवेदी गांव के कसानी नागन्ना और तारकम्मा की तीसरी संतान मगम्मा अपने सात साल की उम्र में पिता के साथ हैदराबाद आई थी. लेकिन उसके द्वारा ठीक से पढ़ाई नहीं किए जाने पर उसके पिता अपने दोस्त के घर पर उसे छोड़ गए थे.

लेकिन वह घर से बिना किसी को बताए ही निकल गई. इस दौरान उसे सड़क पर भटकता हुआ देखकर एक बूढ़े व्यक्ति ने उससे झूठ बोला कि वह उसे उसकी मां के पास ले जाएगा. उस व्यक्ति ने उसे नाश्ता दिया और ट्रेन से विजयवाड़ा ले आया. बाद में वह बूढ़ा व्यक्ति तारकम्मा को वेमुरु मंडल के गुंटूर जिले में ले गया और उसकी पिटाई कर रहा था. इस दौरान स्थानीय लोगों ने तय किया कि वह व्यक्ति लड़की का कहीं से अपहरण करके लाया है. इसके बाद उसे बूढ़े से चंगुल से अलग किया.

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इस बारे में वर्षों बाद अपने भाइयों से मिली मगम्मा ने बताया कि वह जब करीब 8 साल की रही होगी, अच्छे से पढ़ाई नहीं करने पर उसके पिता अपने दोस्त के घर हैदराबाद में छोड़ दिया था. लेकिन वहां घर से बाहर जाने के बाद एक बूढ़े व्यक्ति ने मुझे खाने के लिए केला दिया था. लेकिन इसके बाद मुझे जम्पन्ना नामक व्यक्ति अपने घर ले गया. उसके पहले से ही छह बच्चे थे और वह मुझे सातवें बच्चे के रूप में मानने लगा. इसके बाद उसने मेरी शादी भी कर दी और मेरी दो बेटियां हैं. इनमें से मेरी एक बेटी की भी शादी हो चुकी है.

मगम्मा ने बताया कि हमारे दामाद से मेरी परेशानी नहीं देखी गई और उसने फेसबुक के जरिए तेलंगाना के नेलिवेदी के भास्कर नाम के एक व्यक्ति की मदद से उसके परिवार के सदस्यों का विवरण एकत्र किया. इसी कड़ी में तीन दिन पहले उनसे फोन पर संपर्क किया था. मगम्मा ने बताया कि दोनों छोटे भाई वेंकटेश और कृष्ण शुक्रवार को यलावरु आए और उससे मिले.

वहीं मगम्मा के दामाद क्रिस्टोफर ने बताया कि उसने अपनी पत्नी से उसके मां के पता लेने के बाद उसे गूगल मानचित्र से देखा और भास्कर नायडू नामक व्यक्ति से संपर्क किया. इस पर उसने उसके द्वारा दिए गए फोन नंबर पर वीडियो कॉल से बात किए जाने पर उसके भाइयों ने अपनी बहन के बिछड़ने की पुष्टि की.

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