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तमिलनाडु: चोल रानी सेम्बियन महादेवी की गायब हुई मूर्ति वॉशिंगटन के संग्रहालय में मिली

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Published : Jul 28, 2022, 9:42 PM IST

तमिलनाडु के कैलाशनाथ स्वामी मंदिर से वर्षों पहले गायब हुई चोल रानी सेम्बियन महादेवी की मूर्ति वॉशिंगटन डीसी (अमेरिका) में फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट में मिलने की बात सामने आई है. इससे पहले एक व्यक्ति ने पुलिस में मूर्ति को अमेरिका की आर्ट गैलरी में देखे जाने की बात कही थी.

chol queen Sembiyan Mahadevi idol
चोल रानी सेम्बियन महादेवी की मूर्ति

चेन्नई: तमिलनाडु के नागपट्टिनम में एक मंदिर से चुराई गई चोल रानी सेम्बियन महादेवी की मूर्ति वॉशिंगटन डीसी (अमेरिका) में फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट में मिली है. कहा जाता है कि यह मूर्ति करीब 100 साल पहले मंदिर से चोरी हो गई थी. इस मूर्ति को लेकर ई राजेंद्रन नामक व्यक्ति ने 2018 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 2015 में उसने अपनी यात्रा के दौरान फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट में सेम्बियन महादेवी की मूर्ति देखी है. वहीं व्यक्ति द्वारा बताए गए विवरण को लेकर कैलाशनाथ स्वामी मंदिर के लोगों ने पुष्टि भी की.

पुलिस ने बताया कि इस उत्कृष्ट कांस्य मूर्ति को 1929 में हागोप केवोर्कियन नामक व्यक्ति से फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट द्वारा खरीदा गया था. हालांकि उसने यह मूर्ति किससे और कैसे हासिल की और कितने में बेची, यह फिलहाल जांच का विषय है. वहीं जब मूर्ति वॉशिंगटन डीसी में देखे जाने की बात सामने आई तो मामला तमिलनाडु पुलिस की आइडल विंग को सौंप दिया गया, जिसके बाद पुलिस ने एक स्पेशल टीम गठित कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की पुरालेख शाखा द्वारा कैलाशनाथ स्वामी मंदिर में पत्थर के शिलालेखों पर अंकित गूढ़ाक्षरों को स्पष्ट करवाया गया. साथ ही मंदिर के उन कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई जो करीब 60 वर्षों से अधिक समय से वहां काम कर रहे थे.

यह भी पढ़ें-मूर्ति तस्करी : अमेरिका में मिली कुंभकोणम के पास से तस्करी की गई मूर्तियां

पूछताछ में यह सामने आया कि रानी सेम्बियन महादेवी साम्राज्य की सबसे शक्तिशाली रानियों में से एक थीं जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद, अपना जीवन मंदिरों के निर्माण और कला-संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने 60 वर्षों की अवधि में कई मंदिरों का निर्माण कराया और दक्षिण भारत में कई मंदिरों को उपहार दिए. आइडल विंग ने कहा कि यूनेस्को संधि के तहत सेम्बियन महादेवी की मूर्ति को पुनः प्राप्त करने और इसे सेम्बियन महादेवी कैलाशनाथ मंदिर में जल्द ही बहाल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

चेन्नई: तमिलनाडु के नागपट्टिनम में एक मंदिर से चुराई गई चोल रानी सेम्बियन महादेवी की मूर्ति वॉशिंगटन डीसी (अमेरिका) में फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट में मिली है. कहा जाता है कि यह मूर्ति करीब 100 साल पहले मंदिर से चोरी हो गई थी. इस मूर्ति को लेकर ई राजेंद्रन नामक व्यक्ति ने 2018 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 2015 में उसने अपनी यात्रा के दौरान फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट में सेम्बियन महादेवी की मूर्ति देखी है. वहीं व्यक्ति द्वारा बताए गए विवरण को लेकर कैलाशनाथ स्वामी मंदिर के लोगों ने पुष्टि भी की.

पुलिस ने बताया कि इस उत्कृष्ट कांस्य मूर्ति को 1929 में हागोप केवोर्कियन नामक व्यक्ति से फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट द्वारा खरीदा गया था. हालांकि उसने यह मूर्ति किससे और कैसे हासिल की और कितने में बेची, यह फिलहाल जांच का विषय है. वहीं जब मूर्ति वॉशिंगटन डीसी में देखे जाने की बात सामने आई तो मामला तमिलनाडु पुलिस की आइडल विंग को सौंप दिया गया, जिसके बाद पुलिस ने एक स्पेशल टीम गठित कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की पुरालेख शाखा द्वारा कैलाशनाथ स्वामी मंदिर में पत्थर के शिलालेखों पर अंकित गूढ़ाक्षरों को स्पष्ट करवाया गया. साथ ही मंदिर के उन कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई जो करीब 60 वर्षों से अधिक समय से वहां काम कर रहे थे.

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पूछताछ में यह सामने आया कि रानी सेम्बियन महादेवी साम्राज्य की सबसे शक्तिशाली रानियों में से एक थीं जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद, अपना जीवन मंदिरों के निर्माण और कला-संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने 60 वर्षों की अवधि में कई मंदिरों का निर्माण कराया और दक्षिण भारत में कई मंदिरों को उपहार दिए. आइडल विंग ने कहा कि यूनेस्को संधि के तहत सेम्बियन महादेवी की मूर्ति को पुनः प्राप्त करने और इसे सेम्बियन महादेवी कैलाशनाथ मंदिर में जल्द ही बहाल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

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