भोजपुर: बिहार के आरा में चार दिन से लापता 12 वर्षीय बच्चे का क्षत-विक्षत शव (Mutilated body of Child found In Arrah) मिला है. हत्यारों ने बच्चे की हत्या निर्मम तरीके से की है. हैवानों ने बच्चे का हाथ-पैर और गर्दन तीनों अलग-अलग काटकर रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक दिया. पुलिस ने रेलवे ट्रैक के किनारे झाड़ी से शव बरामद किया है. घटना की सूचना मिलते ही बच्चे के परिजन और सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए. जिसके बाद शव को देखते ही लोग आक्रोशित हो गए और सड़क जामकर गजराजगंज ओपी थाना प्रभारी को सस्पेंड करने की मांग की.
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भोजपुर में चार दिन से लापता बच्चे की हत्या: दरअसल, चार दिन पूर्व गजराजगंज ओपी के हरी टोला गांव निवासी अशोक यादव का 12 वर्षीय पुत्र दया कुमार अचानक गायब (Crime In Bhojpur) हो गया. किशोर का अपहरण का केस थाने में दर्ज कराया गया. पिछले 13 अक्टूबर को लापता बच्चे की मारपीट पड़ोस के गांव के लड़कों के साथ हुई थी. उसके बाद से ही वह लापता था. परिजनों से इसकी सूचना पुलिस को दी थी. परिजनों का आरोप है कि मामले में पुलिस ने लापरवाही दिखायी. जिस कारण बच्चे को नहीं बचाया जा सका. फिलहाल शव मिलने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी है.
लड़की का लिंक आया सामने : मृत बच्चा कक्षा पांचवीं का छात्र था. वह आरा में रहकर पढ़ाई करता था. बताया जाता है कि वो बहन को परीक्षा दिलाने गया था. इस बीच, नाबालिग ने देखा कि उसकी बहन के बगल में बैठी लड़की आंसर शीट नहीं भर पा रही थी. नाबालिग उसका आंसर शीट भरने लगा. जिस पर उस लड़की ने अपने घरवालों को बाहर से बुला लिया. इससे गुस्साए उस लड़की के भाइयों ने उसके साथ मारपीट की. उसके बाद से ही लड़का गायब था. आज उसका शव पुलिस ने रेलवे ट्रैक के किनारे से बरामद किया. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि मृतक के परिवार वालों की ओर से अपहरण कर हत्या की आशंका व्यक्त किए जाने के बाद भी पुलिस एक्टिव नहीं हुई थी.
मंदिर के पास मिला मृत बच्चे का हाथ: मृतक की बड़ी मां के अनुसार बच्चे का हाथ कुत्ता मुंह में दबाकर मंदिर के पास घूम रहा था. मंदिर के पुजारी ने कुत्ते को देखा और हमलोगों की सूचना दी. हाथ से बच्चे की पहचान हो गयी. जिसके बाद थानाध्यक्ष से मिलने गए. इधर, स्थानीय लोगों का आक्रोश देख मौके पर एएसपी हिमांशु दल बल के पहुंच गए है. डॉग स्क्वायड और फोर्सेनिक की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया है. पीड़ित परिजनों की मांग है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सजा दिलाई जाए.
"13 अक्टूबर को मिसिंग केस दर्ज कराया गया था. जिसके बाद से पुलिस बच्चे की खोजबीन कर रही थी. डॉग स्क्वायड, फॉरेंसिक टीम और अन्य टूल की मदद ली जा रही थी, लेकिन किशोर को बरामद नहीं किया गया. आज ग्रामीणों के जानकारी पर शव बरामद किया गया है. पुलिस हत्या के कारण को पता लगाने का प्रयास कर रही है. फिलहाल संदेह के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी चल रही है" -हिमांशु, एएसपी
"गजराजगंज ओपी प्रभारी की लापरवाही से घर का चिराग बुझ गया है. चार दिन पहले ही थाना में अपरहण का मामला कराया गया था. इसके बावजूद भी बच्चे की खोजबीन नहीं की गयी. तब हमलोग सड़क पर उतर कर हंगामा किये थे. जिसके बाद गजराजगंज ओपी प्रभारी चंदन कुमार ने भरोसा दिलाया था कि बहुत जल्द बच्चे को वो ढूंढ निकालेंगे. इसके बाद बच्चे के साथ दीपावली और छठ पूजा मनाना. लेकिन पुलिस बच्चे को सही सलामत खोज नहीं पायी" -मृत बच्चे की बड़ी मां