रायपुर: राजधानी रायपुर में बालिगों के लापता होने के मामले में पुलिस गंभीर नहीं है. Missing cases increased in Chhattisgarh यह हम नहीं बल्कि बीते कुछ महीनों के केसेस कह रहे हैं. जिसमें पुलिस की जांच पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं. Chhattisgarh police negligence क्योंकि पुलिस बालिगों के लापता होने के मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखती है. उन्हें लगता है कि कुछ दिनों बाद वापस घर लौट आएंगे. chhattisgarh crime news इसके चलते पुलिस ऐसे मामलों में ज्यादा सक्रिय नहीं रहती. जिसका खामयाजा यह हुआ कि रायपुर में तीन बड़े मामले सामने आए. जिसमें बालिगों की हत्या कर दी गई. police negligence in missing cases
केस 1: उरला के कांग्रेसी पार्षद इकराम अहमद का भतीजा दो महीने पहले अचानक लापता हो गया था. पुलिस ने बालिग होने की वजह से शुरुआती जांच में मामले को गंभीरता से नहीं लिया. स्वजनों और कांग्रेस नेताओं के दबाव में पुलिस ने जांच शुरू की और संदेहियों से पूछताछ की तो 32 दिन बाद मामले का खुलासा हुआ. तो पता चला कि उसकी हत्या कर लाश को रेलवे पटरी के पास दफन कर दिया था.
केस 2: कोरबा की युवती रायपुर में अपना भविष्य गढ़ने आई थी. यहां निजी बैंक में काम कर करती थी. उसकी लाश ओडिशा के जंगल में मिली थी. जबकि परिजनों ने मोवा थाने में एक सप्ताह पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. स्वजनों को पहले से शक था. लेकिन पुलिस ने इस मामले में भी गंभीरता नहीं दिखाई थी. ओडिशा पुलिस ने रायपुर पुलिस को लाश मिलने की सूचना दी थी. जांच में पता चला कि युवती के बॉयफ्रेंड ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी.
केस 3: विधानसभा थाना क्षेत्र में 7 दिसंबर से 8 साल की बच्ची लापता हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में जांच को शुरू की, लेकिन उसका पता नहीं लगा पाई. घर से महज 500 मीटर की दूरी पर बदबू आने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस जाकर देखी तो बच्ची की लाश में मिली. जांच में पता चला कि बच्ची की दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई. पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया है.
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क्या कहती है पुलिस: रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि "लापता होने की सूचना पर पुलिस गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करती है. इन मामलों में लापता लोगों की फ़ोटो सभी थानों को भेजी भी जाती है. संदिग्धों से पुलिस पूछताछ भी करती है. ज्यादातर मामलों में पुलिस को सफलता भी मिली है. कई मामले प्रेम प्रसंग के भी होते हैं. बहुत से लोग घर वापस भी आ जाते हैं. कुछ केसेस हैं. जिनमें लापता होने के दौरान ही उनकी हत्या कर दी गई है. इस तरह के मामलों में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है."
गुमशुदगी के इन आंकड़ों ने बढ़ाई पुलिस की परेशानी
जनवरी 2022 में 207 लोग लापता
- 1 बालक
- 33 बालिका
- 44 पुरुष
- 129 महिलाएं
- 129 लोग वापस आ गए
- फरवरी 2022 में 303 लोग लापता
- 6 बालक
- 33 बालिका
- 74 पुरुष
- 116 महिलाएं
- 225 लोग वापस आ गए
मार्च 2022 में 282 लोग लापता
- 42 बालिका
- 78 पुरुष
- 5 बालक
- 157 महिलाएं
- 282 लोग वापस आ गए
अप्रैल 2022 में 237 लोग लापता
- 10 बालक
- 42 बालिका
- 62 पुरुष
- 123 महिलाएं
- 228 लोग वापस आ गए
मई 2022 में 267 लोग लापता
- 7 बालक
- 38 बालिका
- 76 पुरुष
- 146 महिलाएं
- 260 लोग वापस आ गए
जून 2022 में 265 लोग लापता - 11 बालक
- 35 बालिका
- 79 पुरुष
- 140 महिलाएं
- 264 लोग वापस आ गए
जुलाई 2022 में 182 लोग लापता - 10 बालक
- 28 बालिका
- 82 पुरुष
- 136 महिलाएं
- 256 लोग वापस आ गए
अगस्त-2022 में 187 लोग लापता - 12 बालक
- 21 बालिका
- 60 पुरुष
- 94 महिलाएं
- 187 लोग वापस आ गए
सितबंर 2022 में 224 लोग लापता
- 13 बालक
- 28 बालिका
- 61 पुरुष
- 122 महिला
- 224 लोग वापस आ गए
अक्टूबर 2022 में 195 लोग लापता
- 11 बालक
- 29 बालिका
- 65 पुरुष
- 90 महिलाएं
- 86 लोग वापस आ गए