चंडीगढ़: पड़ोसी देश पाकिस्तान अक्सर नापाक हरकतों को अंजाम देता रहता है. इस बीच पाकिस्तान में एक बार फिर अल्पसंख्यक सिख समुदाय की धार्मिक आजादी पर हमला किया गया. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित एक गुरुद्वारा साहिब में ईद के मौके पर चल रहे गुरबानी पाठ को शरारती तत्वों ने जबरन बंद करा दिया.
सिख समुदाय पर दबाव: बता दें कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय और सिखों पर अत्याचार का यह पहला मामला नहीं है. हाल ही में पाकिस्तान में जातीय और धार्मिक मतभेदों के चलते एक सिख युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बाद अब गुरुद्वारा साहिब पर हमला किया गया और इस दौरान पाठ बंद करा दिया गया. हमलावरों ने सभी को गुरुद्वारा छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. इसी बीच सिख और हिंदू समुदाय के लोग इकट्ठा हो गए और हमलावरों को पकड़ लिया. हमलावर ईद के मौके पर दूसरे धर्म का पाठ पढ़ने का विरोध कर रहे थे. स्थानीय लोगों ने बताया कि आरोपियों को पकड़कर पुलिस को सौंपा गया लेकिन पुलिस ने उन्हें बिना कोई कार्रवाई किये छोड़ दिया. मामले में कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं की गयी.
जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा, 'पाकिस्तान में शरारती तत्व सिंध के गुरुद्वारा साहिब सखार में जबरन घुस गए और गुरबानी कीर्तन बंद करवा दिया. पाकिस्तान प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें रिहा कर दिया. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.' ज्ञानी रघबीर सिंह ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए भारत सरकार से इस संबंध में उचित कदम उठाने की मांग की है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की भी मांग की.
ज्ञानी हरप्रीत सिंह की प्रतिक्रिया: इस मामले में तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जिस देश में राष्ट्रों की धार्मिक स्वतंत्रता छीन ली जायेगी वह देश रहने योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी छीनना दुर्भाग्यपूर्ण है. जत्थेदार तख्त साहिब ने इस मामले में पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधकों से बातचीत की और पूरे मामले की जानकारी ली.