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Mirwaiz sends notice to JK govt: मीरवाइज उमर फारूक ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर अवैध हिरासत में रखने का लगाया आरोप

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Published : Aug 20, 2023, 2:02 PM IST

Updated : Aug 20, 2023, 3:01 PM IST

जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने नोटिस के माध्यम से कथित अवैध हिरासत से रिहाई मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा के नाम पर उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है.

Etv BharatMirwaiz sent notice to the government in Jammu and Kashmir, alleging illegal detention
Etv Bharatजम्म-कश्मीर में मीरवाइज ने सरकार को भेजा नोटिस, अवैध हिरासत का आरोप

श्रीनगर: अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने सरकार से रिहाई की मांग की है. अलगाववादी नेता का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कुछ दिनों पहले कहा था कि वह (मीरवाइज ) स्वतंत्र है और कहीं भी जा सकता है. उपराज्यपाल के इस बयान के आधार पर मीरवाइज ने जेके प्रशासन को कानूनी नोटिस भेजा है और रिहाई की मांग की.

मीरवाइज ने अपने वकील नजीर अहमद रोंगा के माध्यम से नोटिस भेजा है. इसमें उन्होंने कहा है कि उनका मुवक्किल जम्मू -कश्मीर का प्रमुख धार्मिक और इस्लामी व्यक्ति होने के नाते एक विद्वान, उपदेशक है. नोटिस में कहा गया, 'मेरे मुवक्किल को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया. उसे अपने आवास से बाहर जाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि उसके आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी वहां तैनात की गई है. मेरे मुवक्किल के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है.'

वकील ने कहा, 'मेरे मुवक्किल के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. संविधान सभी को अधिकारों की गारंटी देता है, लेकिन मेरे मुवक्किल को न केवल धार्मिक अधिकारों से वंचित किया गया है बल्कि उनकी स्वतंत्रता में कटौती कर दी गई. यह सब अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के बाद की घटनाओं और प्रकरणों के मद्देनजर किया गया है, जो अपमानजनक है. एलजी मनोज सिन्हा ने दो साक्षात्कारों में दावा किया कि मीरवाइज कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन अपनी सुरक्षा के खतरे के कारण उनके अनुरोध पर सुरक्षा मुहैया करायी गयी है.'

ये भी पढ़ें- GUPKAR Alliance : अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर फिर साथ-साथ आए नेशनल कॉंफ्रेंस और पीडीपी

नोटिस में कहा गया, 'दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मेरे मुवक्किल को अपने करीबी रिश्तेदारों के अंतिम संस्कार और दफ़नाने के मौके पर शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई. उन्हें शुक्रवार को सामूहिक नवाज पढ़ने से भी रोका गया जो उनके धर्म के अधिकार का उल्लंघन है.' नोटिस में कहा गया है कि मीरवाइज को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में अपूरणीय क्षति हुई है, जिसका वह अपनी हिरासत के बाद से अब तक सामना कर रहे हैं. इसलिए इस कानूनी नोटिस के माध्यम से मीरवाइज उमर फारूक को स्वच्छंद रूप से आने जाने दिया जाए.

श्रीनगर: अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने सरकार से रिहाई की मांग की है. अलगाववादी नेता का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कुछ दिनों पहले कहा था कि वह (मीरवाइज ) स्वतंत्र है और कहीं भी जा सकता है. उपराज्यपाल के इस बयान के आधार पर मीरवाइज ने जेके प्रशासन को कानूनी नोटिस भेजा है और रिहाई की मांग की.

मीरवाइज ने अपने वकील नजीर अहमद रोंगा के माध्यम से नोटिस भेजा है. इसमें उन्होंने कहा है कि उनका मुवक्किल जम्मू -कश्मीर का प्रमुख धार्मिक और इस्लामी व्यक्ति होने के नाते एक विद्वान, उपदेशक है. नोटिस में कहा गया, 'मेरे मुवक्किल को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया. उसे अपने आवास से बाहर जाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि उसके आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी वहां तैनात की गई है. मेरे मुवक्किल के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है.'

वकील ने कहा, 'मेरे मुवक्किल के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. संविधान सभी को अधिकारों की गारंटी देता है, लेकिन मेरे मुवक्किल को न केवल धार्मिक अधिकारों से वंचित किया गया है बल्कि उनकी स्वतंत्रता में कटौती कर दी गई. यह सब अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के बाद की घटनाओं और प्रकरणों के मद्देनजर किया गया है, जो अपमानजनक है. एलजी मनोज सिन्हा ने दो साक्षात्कारों में दावा किया कि मीरवाइज कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन अपनी सुरक्षा के खतरे के कारण उनके अनुरोध पर सुरक्षा मुहैया करायी गयी है.'

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नोटिस में कहा गया, 'दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मेरे मुवक्किल को अपने करीबी रिश्तेदारों के अंतिम संस्कार और दफ़नाने के मौके पर शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई. उन्हें शुक्रवार को सामूहिक नवाज पढ़ने से भी रोका गया जो उनके धर्म के अधिकार का उल्लंघन है.' नोटिस में कहा गया है कि मीरवाइज को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में अपूरणीय क्षति हुई है, जिसका वह अपनी हिरासत के बाद से अब तक सामना कर रहे हैं. इसलिए इस कानूनी नोटिस के माध्यम से मीरवाइज उमर फारूक को स्वच्छंद रूप से आने जाने दिया जाए.

Last Updated : Aug 20, 2023, 3:01 PM IST
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