धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले में एक परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया गया है. इसके लिए अल्पसंख्यक समुदाय की कमेटी ने फरमान सुनाया है. इस फरमान की मुनादी भी की जा रही है. इसके के लिए बकायदा वाहन पर लाउडस्पीकर लगाकर इलाके में अनाउंसमेंट भी की गई. इस अनाउंसमेंट में कहा जा रहा है," सुनो-सुनो, जो कोई भी इस परिवार से बात करेगा, उसे एक हजार भरना पड़ेगा जुर्माना". यह मामला झारखंड के अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री के पास भी पहुंचा. मंत्री ने मुस्लिम कमेटी के फरमान को सही करार दिया है. वहीं पीड़ित परिवार ने पुलिस के पास मदद की गुहार लगाई है.
दरअसल, धनबाद के पुटकी तीन नंबर के रहने वाले फारुख अंसारी उर्फ फिदा हुसैन और उनके पूरे परिवार के खिलाफ सुन्नी हंफी इस्लाहुल मुस्लिम कमेटी जामा मस्जिद ने सामाजिक बहिष्कार करने का फरमान सुना डाला है. इस फरमान के तहत लोगों को परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करने या किसी तरह का संबंध रखने पर एक हजार रुपए जुर्माने की राशि तय की गई है.
इसके लिए बतौर कमेटी के द्वारा वाहन में लाउडस्पीकर के जरिए इलाके में भ्रमण कर अनाउंसमेंट कर लोगों का आगाह किया जा रहा है. लोगों को चेतावनी दी रही है कि अगर किसी ने भी फारुख अंसारी के परिवार से बातचीत की तो एक हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा. इस फरमान के बाद पीड़ित परिवार का जीना मुहाल हो गया है, वह काफी परेशान हैं. पीड़ित परिवार ने मामले की लिखित शिकायत जिले के ग्रामीण एसपी कुलदीप चौधरी से की है.
क्या है मामला: जमीन विवाद को लेकर सुन्नी हंफी मुस्लिम कमेटी जामा मस्जिद ने यह फरमान जारी किया है. यह कार्रवाई फारुख अंसारी के ऊपर अपने भाई बशीर अंसारी को परेशान करने और कमेटी का निर्णय नहीं मानने के आरोप में की गई है. आरोप है कि फारुख अंसारी के पास नौ कमरे हैं. उसने अपने सगे भाई बशीर अंसारी को रहने के लिए मात्र एक कमरा दिया है. जिसमें शौचालय तक नहीं है. बशीर की दो जवान बेटियां हैं. उनके शौचालय के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगा दी है. कई बार फिदा हुसैन को कमेटी में बुलाकर समझाने का प्रयास किया गया लेकिन उसने कमेटी की बात नहीं मानी. अंत में मुस्लिम कमेटी ने बैठक कर सर्वसम्मति से उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया. इसके बाद भी फारुख ने अपने भाई की समस्या का समाधान नहीं किया. जिसके बाद 16 पंचायतों की कमेटी ने उनके खिलाफ और सख्त कार्रवाई करते हुए निकाह से मैयत तक उनके घर में मुस्लिम कमेटी के लोगों के शामिल नहीं होने की घोषणा की है.
पीड़ित परिवार ने की पुलिस से शिकायत: पीड़ित परिवार का कहना है कि मोहल्ले में उनकी दुकान है. बच्चे दुकान पहुंचते है. उन्हें भी दुकान से सामान खरीदने से मना कर दिया जा रहा है. वहीं फारुख ने आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि सारी संपत्ति उन्होंने अपनी कमाई से अर्जित की है. नौकरी के दौरान उन्होंने सभी की मदद की. अब मुस्लिम कमेटी एक तरफा निर्णय ले रही है. उन्हें सामाजिक बहिष्कार का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है. वहीं मामले को लेकर फारुख अंसारी की पत्नी मेहरून निशा ने 15 सितंबर को ग्रामीण एसपी कुलदीप चौधरी से मामले को लेकर लिखित शिकायत की है. उन्होंने एसपी से न्याय की गुहार लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. आवेदन की एक प्रतिलिपि पुटकी थाना को भी सौंपी गई है.
पुलिस अधिकारियों से की गई बात: मामले को लेकर मोबाइल पर ग्रामीण एसपी कुलदीप चौधरी से ईटीवी भारत ने संपर्क किया. ग्रामीण एसपी ने फोन पर मामले की जानकारी ली. मामले जानने के बाद उन्होंने अपना फोन काट दिया. दूसरी बार फिर से फोन लगाने के बाद उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. वहीं विधि व्यवस्था एसपी अरविंद कुमार बिन्हा से फोन पर बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है. पुटकी थाना प्रभारी से मामले की जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
वहीं पुटकी थाना प्रभारी रास बिहारी लाल से भी ईटीवी भारत ने फोन पर संपर्क कर मामले की जानकारी ली. पुटकी थाना प्रभारी ने मामला जानने के बाद कहा कि उनकी तबीयत खराब है. उन्होंने थोड़ी देर बाद बात करने के लिए कहा. करीब एक घंटा गुजर जाने के बाद फिर पुटकी थाना प्रभारी को फोन किया गया. लेकिन फोन किसी और ने रिसीव किया. रिसीव करने वाले के द्वारा कहा गया कि थाना प्रभारी नहीं हैं. उनकी तबीयत ठीक नहीं है. दो बार फोन करने के बावजूद भी थाना प्रभारी ने बात करना मुनासिब नहीं समझा.
मंत्री ने फरमान को सही ठहराया: वहीं मामले को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि कानून अपनी जगह है. जब तक समाज नहीं सुधरेगा तब तक कुछ नहीं हो सकता है. कानून क्या करेगा, जब एक भाई दूसरे भाई के साथ बेईमानी करेगा. उन्होंने कहा कि मामले की ज्यादा जानकारी मुझे नहीं है. लेकिन यदि भाई ने नौ कमरों में से एक ही कमरा भाई को दिया है, तो यह गलत है. मंत्री ने कमेटी के फरमान को सही ठहराया है.