रोहतक: बृजभूषण शरण और पहलवानों के बीच चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है. एक तरफ विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. तो दूसरी तरफ बीजेपी सांसद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपने बयान बदल लिए हैं. नाबालिग महिला पहलवान के पिता ने निजी टेलीविजन पर दिए इंटरव्यू में बताया कि उसकी बेटी से कुश्ती ट्रायल के दौरान भेदभाव हुआ था.
नाबालिग पहलवान के पिता के मुताबिक उन्होंने जब इसकी आवाज उठाई. तब ना तो खाप पंचायतों ने उनका साथ दिया और ना ही समाज ने. अगर उसका साथ किसी ने दिया है तो वो कुश्ती खिलाड़ी हैं. इसलिए वो कोर्ट में पेश हुए और कोर्ट के सामने सच्चाई रखी. नाबालिग महिला पहलवान के पिता ने बताया कि वो अपने परिवार के साथ घर में कैद हो गए हैं. जिस वजह से उनकी बेटी कुश्ती लड़ने के लिए तैयार नहीं है. इस सारे मामले के बाद उनकी मनोदशा ठीक नहीं है.
नाबालिग महिला पहलवान के पिता के मुताबिक लखनऊ में साल 2022 में हुई कुश्ती चैंपियनशिप में रेफरी ने उनकी बेटी के साथ अन्याय किया था. जिसकी बार-बार मांग उठाई गई, लेकिन न्याय नहीं किया गया. इसलिए उस वक्त काफी गुस्सा चढ़ा था, लेकिन किसी ने मेरी कोई नहीं सुनी. नाबालिग के पिता ने बताया कि उसकी बेटी की रीड की हड्डी में पहले चोट लगी थी, बावजूद उसके भी उसकी बेटी ने हौसला नहीं हारा और कुश्ती करने की जिद की.
नाबालिग के पिता के मुताबिक इतना करने के बाद भी लखनऊ में हुए ट्रायल में उनकी बेटी को बाहर निकाल दिया गया. इसी गुस्से में उन्होंने केस दर्ज करवाया था. उन्होंने कहा कि फिलहाल कोर्ट से केस वापस नहीं लिया है, लेकिन कोर्ट को सच्चाई बताई है. हमने कोर्ट को सभी सबूत उपलब्ध करवा दिए हैं. बता दें कि पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. 7 शिकायतकर्ताओं में एक नाबालिग पहलवान ने पोक्सो एक्ट के तहत शिकायत दर्ज करवाई थी.
इसके बाद नाबालिग का बयान पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया. इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई कर रही कोर्ट को ये बयान सीलबंद लिफाफे में भेज दिया गया. कोर्ट में बयान के वक्त नाबालिग के साथ उसके पिता और दादा दोनों मौजूद थे. नाबालिग पहलवान ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में शिकायत वापस लेने के लिए अपने पिता और दादा के साथ बयान दर्ज कराए. उसके बाद कोर्ट में मार्जिस्टेट के सामने अपने बयान दर्ज कराकर अपनी शिकायत वापस ली. नाबालिग ने कहा कि उसने भेदभाव का आरोप लगाया था, यौन शोषण का नहीं.