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भाई को 3 साल बाद बिन ब्याही मां के रूप में मिली अपहृत बहन - दो बच्चों की बिन ब्याही मां

पहले किडनैप किया और फिर जगह-जगह बेचा. जब वह तीन साल बाद मिली तो दो बच्चों की बिन ब्याही मां बन गई थी. बिहार की यह दास्तां सभ्य समाज पर एक धब्बा है. फिलहाल, परिजनों का आरोप है कि बिहार पुलिस ने सहयोग नहीं किया.

Kidnap of Bihar minor
बिहार की नाबालिग का किडनैप
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Published : Feb 19, 2021, 10:29 AM IST

दौसा : बिहार से अपहरण की गई नाबालिग तीन साल बाद राजस्‍थान के दौसा (Dausa) जिले से म‍िली. बिहार पुलिस ने कोई सहयोग नहीं क‍िया, लेकि‍न दौसा पुलिस के सहयोग की सराहना हो रही है. इतना ही नहीं बिहार पुलिस नाबालिग के चरित्र पर सवाल उठाकर परिजनों को टरकाती रही. तीन साल बाद जब वह मिली तो उसकी गोद में दो मासूम बच्चे थे. बिना शादी के ही उसके बच्चे हो गए, जब महिला को भाई मिला तो दोनों फफक-फफक कर रो पड़े.

मामले की जानकारी देते एसआई रंजन कुमार

क्या था पूरा मामला?

बता दें कि बिहार के जहानाबाद से जून 2018 में एक नाबालिग का अपहरण हुआ. उसके बाद नाबालिग के परिजनों ने थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया और आरोपियों को नामजद भी किया. इन आरोपियों में एक हिमाचल प्रदेश का बाकी सब बिहार के रहने वाले थे. आरोपियों की गैंग महिलाओं का अपहरण कर उन्हें बेचने का काम करती थी. इस गैंग में एक महिला भी शामिल थी. इसी महिला ने नाबालिग को फंसाया और उसका अपहरण करवाकर नाबालिग को उत्तर प्रदेश के नोएडा और राजस्थान के दौसा तक भिजवा दिया.

फिर क्या हुआ?

इधर नाबालिग के परिजन चिंतित होते रहे और स्थानीय SSP से लेकर बिहार के DGP तक शिकायत लेकर चक्कर काटते रहे. वे एक ही मांग करते रहे कि उनकी बेटी और बहन को वापस ला दो. बिहार पुलिस, पीड़िता के परिजनों का बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रही थी. बल्कि परिजनों को यह कहकर टरका दिया जाता था कि आपकी लड़की प्रेम-प्रसंग के चलते भाग गई, लेकिन एक आस लिए नाबालिग का भाई दिन-रात पुलिस और प्रशासन के चक्कर काटता रहा. अपने स्तर पर कॉल डिटेल और मोबाइल की लोकेशन ट्रैस करता रहा. जब नाबालिग के भाई को पता चला कि उसकी बहन राजस्थान के दौसा में है तो वह फिर थाने में गया और पुलिस को साथ लेकर दौसा पहुंचा.

बिहार पुलिस ने क्या किया?

इसके बाद बिहार पुलिस दौसा की सदर थाना पुलिस के सहयोग से सदर थाना क्षेत्र के मांगलियावास गांव में पहुंची और महिला को दस्तयाब कर ल‍िया. महिला की हालत देखकर उसका भाई का भी रो-रो कर बुरा हाल हो गया. दस्तयाब हुई महिला ने मीडिया के सामने तो कुछ नहीं कहा, लेकिन अपने भाई को पूरी आपबीती सुनाई. महिला के साथ खरीदारों ने शादी नहीं की और उसके दो बच्चे भी हो गए. उस महिला को कई जगह बेचा गया. दौसा में भी उसे पांच लाख रुपए में खरीदकर लाया गया.

पढ़ें: उन्नाव मामला: आज होगा अंतिम संस्कार, गांव में भारी पुलिस बल तैनात

महिला के भाई का क्या कहना है?

महिला के भाई का कहना है कि बिहार पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया, जिन आरोपियों ने अपहरण करके महिला को भेजा था. उन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. इन आरोपियों में कई बिहार में जहानाबाद जिले के हैं. दौसा पुलिस ने उनका बहुत सहयोग किया है. इधर, अब बिहार पुलिस महिला को लेकर बिहार के लिए रवाना हो गई. पूरे मामले की जांच की जा रही है कि महिला का अपहरण करने में कौन-कौन लोग शामिल थे. इस महिला को कहां- कहां बेचा गया था और इनके खरीदार कौन-कौन हैं.

दौसा : बिहार से अपहरण की गई नाबालिग तीन साल बाद राजस्‍थान के दौसा (Dausa) जिले से म‍िली. बिहार पुलिस ने कोई सहयोग नहीं क‍िया, लेकि‍न दौसा पुलिस के सहयोग की सराहना हो रही है. इतना ही नहीं बिहार पुलिस नाबालिग के चरित्र पर सवाल उठाकर परिजनों को टरकाती रही. तीन साल बाद जब वह मिली तो उसकी गोद में दो मासूम बच्चे थे. बिना शादी के ही उसके बच्चे हो गए, जब महिला को भाई मिला तो दोनों फफक-फफक कर रो पड़े.

मामले की जानकारी देते एसआई रंजन कुमार

क्या था पूरा मामला?

बता दें कि बिहार के जहानाबाद से जून 2018 में एक नाबालिग का अपहरण हुआ. उसके बाद नाबालिग के परिजनों ने थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया और आरोपियों को नामजद भी किया. इन आरोपियों में एक हिमाचल प्रदेश का बाकी सब बिहार के रहने वाले थे. आरोपियों की गैंग महिलाओं का अपहरण कर उन्हें बेचने का काम करती थी. इस गैंग में एक महिला भी शामिल थी. इसी महिला ने नाबालिग को फंसाया और उसका अपहरण करवाकर नाबालिग को उत्तर प्रदेश के नोएडा और राजस्थान के दौसा तक भिजवा दिया.

फिर क्या हुआ?

इधर नाबालिग के परिजन चिंतित होते रहे और स्थानीय SSP से लेकर बिहार के DGP तक शिकायत लेकर चक्कर काटते रहे. वे एक ही मांग करते रहे कि उनकी बेटी और बहन को वापस ला दो. बिहार पुलिस, पीड़िता के परिजनों का बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रही थी. बल्कि परिजनों को यह कहकर टरका दिया जाता था कि आपकी लड़की प्रेम-प्रसंग के चलते भाग गई, लेकिन एक आस लिए नाबालिग का भाई दिन-रात पुलिस और प्रशासन के चक्कर काटता रहा. अपने स्तर पर कॉल डिटेल और मोबाइल की लोकेशन ट्रैस करता रहा. जब नाबालिग के भाई को पता चला कि उसकी बहन राजस्थान के दौसा में है तो वह फिर थाने में गया और पुलिस को साथ लेकर दौसा पहुंचा.

बिहार पुलिस ने क्या किया?

इसके बाद बिहार पुलिस दौसा की सदर थाना पुलिस के सहयोग से सदर थाना क्षेत्र के मांगलियावास गांव में पहुंची और महिला को दस्तयाब कर ल‍िया. महिला की हालत देखकर उसका भाई का भी रो-रो कर बुरा हाल हो गया. दस्तयाब हुई महिला ने मीडिया के सामने तो कुछ नहीं कहा, लेकिन अपने भाई को पूरी आपबीती सुनाई. महिला के साथ खरीदारों ने शादी नहीं की और उसके दो बच्चे भी हो गए. उस महिला को कई जगह बेचा गया. दौसा में भी उसे पांच लाख रुपए में खरीदकर लाया गया.

पढ़ें: उन्नाव मामला: आज होगा अंतिम संस्कार, गांव में भारी पुलिस बल तैनात

महिला के भाई का क्या कहना है?

महिला के भाई का कहना है कि बिहार पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया, जिन आरोपियों ने अपहरण करके महिला को भेजा था. उन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. इन आरोपियों में कई बिहार में जहानाबाद जिले के हैं. दौसा पुलिस ने उनका बहुत सहयोग किया है. इधर, अब बिहार पुलिस महिला को लेकर बिहार के लिए रवाना हो गई. पूरे मामले की जांच की जा रही है कि महिला का अपहरण करने में कौन-कौन लोग शामिल थे. इस महिला को कहां- कहां बेचा गया था और इनके खरीदार कौन-कौन हैं.

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