नई दिल्ली : कोरोना महामारी से निपटने में सरकार की कई इकाइयां और यहां तक प्राइवेट सेक्टर की भी कई कंपनियां सरकार को मदद के लिए हाथ बढ़ा रही हैं. इसी क्रम में सड़क परिवहन और यातायात मंत्रालय ने भी कई योजनाएं बनाई हैं जिसकी रिपोर्ट तैयार कर उसे सार्वजनिक किया गया है. इसके अलावा मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों और यूनियन टेरिटरी को एडवाइजरी जारी की गई है की इन ऑक्सीजन टैंकर्स को चलाने वाले ड्राइवरों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार और राज्यों के बीच एक पुल तैयार किया जाए.
500 ड्राइवरों की नियुक्ति के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी
मंत्रालय द्वारा फिलहाल अगले सप्ताह तक ऐसे 500 ड्राइवरों की नियुक्ति राज्य सरकारों के साथ मिलकर की जाएगी और कुछ हफ्तों बाद इसे बढ़ाकर 2500 कर दिया जाएगा, जो अगले महीने तक ट्रेनिंग के बाद ऑक्सीजन टैंकर को चलाने के लिए पूरी तरह से नियुक्त कर लिए जाएंगे. इतना ही नहीं इन ड्राइवरों को ट्रेनिंग देने के लिए इंडियन केमिकल काउंसिल,नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और मेडिकल ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरर्स तीनों ही संगठन को जिम्मेदारी दी गई है और मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों को यह सलाह दी गई है कि वह इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए स्थानीय ड्राइवरों की ही नियुक्ति करें.
ड्राइवरों का डाटा बेस तैयार होगा
साथ ही इन ड्राइवरों का एक डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जाएगा और राज्यों को यह भी सलाह दी गयी है कि यह चयनित ड्राइवरों को स्पेशल ड्राइव के तहत वैक्सीन दिलवाई जाए और यदि यह ड्राइवर ऑक्सीजन के आवागमन के दौरान कोविड-19 से संक्रमित होते हैं तो उन्हें राज्य के अस्पतालों में प्राथमिकता के तौर पर उनका इलाज कराया जाए.
ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन
इसके साथ ही मंत्रालय ने पूरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जो 1 फरवरी 2021 तक खत्म हो रहे हैं 29 जून 2021 तक बढ़ा दिया है. इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को भी ऑनलाइन कर दिया गया है जो आधार के मान्यता के बाद प्राप्त किया जा सकता है, इसके लिए लोगों को आरटीओ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी का कहना है कि इनमें से कई योजनाओं पर काम हो चुका है और कई योजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए राज्य और यूनियन टेरिटरी के साथ सामंजस्य बिठाते हुए उसे आगे बढ़ाने की बातें चल रही है और उन्हें भी जल्दी पूरा कर लिया जाएगा.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में सड़क व परिवहन यातायात मंत्रालय ने पीएमओ और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ सामंजस्य बिठाकर कोविड-19 से संबंधित कार्य और सुविधाओं के लिए कई कदम उठाए हैं. मंत्रालय का दावा है कि ऑक्सीजन की सप्लाई में और नागरिकों को सड़क यातायात से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में मंत्रालय द्वारा बड़े स्तर पर सुविधाएं मुहैया कराई गई और लॉकडाउन के दौरान भी सड़क परिवहन के माध्यम से लोग अपने घर सही सलामत पहुंच सके.
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ऑक्सीजन के टैंकर को टोल फ्री किया गया
मंत्रालय का दावा है कि जब देश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की कमी हो रही थी तो सरकार ने अलग-अलग राज्यों में ऑक्सीजन प्लांट बनाने की घोषणा की और इस कार्य में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने नोडल एजेंसी के तौर पर इन प्लांट के इलेक्ट्रिकल और सिविल काम की जिम्मेदारी ली और उसे समय पर पूरा किया ताकि ऑक्सीजन की सप्लाई में एक राज्य से दूसरे राज्य के पहुंचने में कोई बाधा ना उत्पन्न हो. इसी तरह ऑक्सीजन के टैंकर को टोल फ्री किया गया है. यही नहीं मंत्रालय द्वारा इन वाहनों के परमिट को भी 30 सितंबर 2021 तक आगे बढ़ा कर छूट दे दी गयी है.
ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस तकनीक से जोड़ा
इसके अलावा मंत्रालय की तरफ से ऑक्सीजन टैंकर्स के बेरोकटोक आवागमन के लिए और उनकी मॉनिटरिंग के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLT) को जीपीएस तकनीक के साथ जोड़कर इन टैंकरों में लगाया गया है. ताकि इसकी मॉनिटरिंग की जा सके की इन टैंकरों को पूरे देश में आवागमन में कोई दिक्कत ना हो या इन्हें कहीं भी डायवर्जन का सामना ना करना पड़े.