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पढ़ाई के लिए विदेश नहीं जा पा रहे छात्रों की परेशानी से अवगत हैं: विदेश मंत्रालय

कोरोना की वजह से प्रतिबंधों के कारण अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए विदेश नही जा पाने वाले भारतीय छात्रों की परेशानी से विदेश मंत्रालय अवगत है. यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में दी.

अरिंदम बागची
अरिंदम बागची
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Published : Jun 11, 2021, 4:45 AM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उन भारतीय छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों से अवगत है, जो कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए विदेश यात्रा करने में असमर्थ हैं और मंत्रालय संबंधित सरकारों के समक्ष प्राथमिकता के आधार पर इस मुद्दे को उठा रहा है.

एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं के अनुरूप, मंत्रालय विदेश में रहने वाले भारतीयों के हितों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'हम प्राथमिकता के आधार पर इस मुद्दे को संबंधित सरकारों के साथ उठाते रहे हैं। हमने कठिनाइयों का सामना कर रहे छात्रों से भी अनुरोध किया है कि वे विदेश मंत्रालय से संपर्क करें.' अमेरिका से टीके की आपूर्ति पर एक अलग सवाल का जवाब देते हुए बागची ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन ने घोषणा की है कि वह पहचान किए गए देशों को कोविड-19 टीकों की 2.5 करोड़ खुराक दान करेगा.

पढ़ें - सरकार ने कोविन को हैक किए जाने की मीडिया में आई खबरों को खारिज किया

उन्होंने कहा, 'तीन जून को, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने फोन कर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को पुष्टि की कि भारत (टीके) पाने वाले देशों में होगा. हम भारत को दिए जाने वाले टीकों की सटीक मात्रा और प्रकार के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी का टीका लगवाने वाले लोगों को विदेश यात्रा करने में परेशानी होने के सवाल पर बागची ने कहा कि भारत बायोटेक और स्पूतनिक वी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से इन टीकों को आपात इस्तेमाल की सूची में शामिल करने का आग्रह किया है और उम्मीद है कि प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी. ये दोनों टीके विश्व स्वास्थ्य संगठन की सूची में शामिल नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उन भारतीय छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों से अवगत है, जो कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए विदेश यात्रा करने में असमर्थ हैं और मंत्रालय संबंधित सरकारों के समक्ष प्राथमिकता के आधार पर इस मुद्दे को उठा रहा है.

एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं के अनुरूप, मंत्रालय विदेश में रहने वाले भारतीयों के हितों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'हम प्राथमिकता के आधार पर इस मुद्दे को संबंधित सरकारों के साथ उठाते रहे हैं। हमने कठिनाइयों का सामना कर रहे छात्रों से भी अनुरोध किया है कि वे विदेश मंत्रालय से संपर्क करें.' अमेरिका से टीके की आपूर्ति पर एक अलग सवाल का जवाब देते हुए बागची ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन ने घोषणा की है कि वह पहचान किए गए देशों को कोविड-19 टीकों की 2.5 करोड़ खुराक दान करेगा.

पढ़ें - सरकार ने कोविन को हैक किए जाने की मीडिया में आई खबरों को खारिज किया

उन्होंने कहा, 'तीन जून को, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने फोन कर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को पुष्टि की कि भारत (टीके) पाने वाले देशों में होगा. हम भारत को दिए जाने वाले टीकों की सटीक मात्रा और प्रकार के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी का टीका लगवाने वाले लोगों को विदेश यात्रा करने में परेशानी होने के सवाल पर बागची ने कहा कि भारत बायोटेक और स्पूतनिक वी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से इन टीकों को आपात इस्तेमाल की सूची में शामिल करने का आग्रह किया है और उम्मीद है कि प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी. ये दोनों टीके विश्व स्वास्थ्य संगठन की सूची में शामिल नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

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