पटना : बिहार विधानसभा में नित नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं. बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान लोकतांत्रिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ रही हैं. बुधवार को पंचायती राज मंत्री तो विधानसभा अध्यक्ष को कह बैठे 'व्याकुल' मत होइए. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि मर्माहत हूं. बिहार में सत्ता पक्ष और मंत्री सदन की गरिमा और आसन की महत्ता को तार-तार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार के एक भाजपाई मंत्री अध्यक्ष महोदय की तरफ उंगली उठाकर कह रहे हैं कि व्याकुल मत होइए. ऐसे सदन नहीं चलेगा. कैसे-कैसे लोग मंत्री बन गए हैं जिन्हें लोकतांत्रिक मर्यादाओं का ज्ञान नहीं?
दरअसल, पंचायती राज विभाग के सवाल लिए जा रहे थे. उसी दौरान विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि आपके विभाग से जवाब ऑनलाइन नहीं मिल रहे हैं. इसे लेकर अध्यक्ष पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी को निर्देश दे रहे थे. इसी बीच सम्राट चौधरी ने कहा कि 16 में से 14 प्रश्नों का उत्तर ऑनलाइन है. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि केवल 11 प्रश्नों का उत्तर ऑनलाइन आया है.
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इसी पर सम्राट चौधरी ने कहा कि ज्यादा व्याकुल होने की जरूरत नहीं है. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री से शब्द वापस लेने के लिए कहा, लेकिन मंत्री उसके लिए तैयार नहीं हुए और सदन को विधानसभा अध्यक्ष ने तुंरत स्थगित कर दिया.
विधानसभा के इतिहास में पहली बार
बिहार विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री के बीच विवाद के बाद सदन को स्थगित किया गया. दूसरी बार जब सदन शुरू हुआ तो विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं आए, उनके स्थान पर जेडीयू के नरेंद्र नारायण यादव ने सदन की शुरुआत की. लेकिन कुछ ही सेकंड में फिर से सदन को स्थगित कर दिया.