नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने संसद के मानसून सत्र के दौरान सदन में ऑपरेशन ग्रीन योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा की केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने नंवबर 2018 में टमाटर, प्याज, आलू के मूल्य श्रृखंला के समेकित विकास के लिये किसानों के मूल्य वृद्धि को बढ़ाने हेतु ऑपरेशन ग्रीन योजना की शुरुआत की थी.
जिससे उत्पादक व उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिर रहे साथ ही साथ प्रसंस्करण की क्षमता व मूल्यवर्धन में बढ़ोतरी हो. यह योजना शॉर्टटर्म के लिए 50 फीसदी के दर से परिवहन व भंडारण के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी. सात ही लॉन्गटर्म के लिए मूल्यवर्धन हेतु 35 से 70 फीसदी सहायता अनुदान देती है, जिसमें प्रत्येक योजना पर अधिकतम अनुदान 50 करोड़ है.
इस योजना के लिए राज्यवार धन आवंटित नहीं है, यह योजना मांग पर आधारित है और उत्पादक समूहों से प्राप्त आवेदन के आधार पर योजना नियमानुसार अनुमोदित की जाती है. इस योजना का उद्देश्य उत्पादन समूहों में किसान उत्पादक संगठनों, कृषि लॉजिस्टिक, प्रसंस्करण सुविधाओं व मूल्य संवर्धन आदि को बढ़ावा देना है.
उसी के अनुरूप 6 परियोजनाओं को 363 करोड़ रुपये की लागत से अनुमोदित किया गया है जिसमें अनुदान की राशि 136.82 करोड़ रुपये है. ऑपरेशन ग्रीन परियोजना में 31 कृषि उत्पाद संगठनों जो 6 उत्पादक समूह में बंटे हुए हैं, की स्वीकृति दी गई है, जिसमें तीन- गुजरात में टमाटर, प्याज, आलू के लिए, दो- महाराष्ट्र में प्याज के लिए, एक- आंध्र प्रदेश में टमाटर के लिए अनुमोदित है. वर्ष 2021-22 के बजट घोषणा के अनुरूप विस्तारित ऑपरेशन ग्रीन योजना में झिंगा सहित 22 खराब होने वाले खाद्य पदार्थ शामिल किए गए हैं.
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बता दें खेती कार्यों में किसानों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी. किसान अगर आलू, प्याज, टमाटर, फल एवं सब्जी के अधिक उत्पादन को बाजार में ले जाना चाहते हैं सरकार की तरफ से उनको 50 फीसदी अनुदान भाड़े का मिलेगा. इस स्कीम का लाभ उन किसानों को भी मिलेगा जो फल या सब्जी को कोल्ड स्टोरेज या किसी वेयर हाउस में भंडारित करेंगे. उनके लिए भंडार शुल्क की कुल लागत का 50 फीसदी अनुदान की व्यवस्था की गई है. इस योजना का लाभ खाद्य प्रसंस्करणकर्ता, एफपीओ, सहकारी समितियां, व्यक्तिगत किसान, लाइसेंसधारी कमीशन एजेंट, निर्यातक, प्रोसेसिंग एवं विपणन के फुटकर व्यापारी पा सकते हैं.
टमाटर उत्पादक राज्यों की बात करें तो इसमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, गुजरात, तेलंगाना शामिल है. प्याज उत्पादक राज्यों की बात करें तो इसमें महाराष्ट्र, कर्नाटक गुजरात शामिल है. आलू उत्पादक राज्यों की बात करें तो इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश शामिल है.