लखनऊः अदम पैरवी में खारिज हुए तलाक के मुकदमे को पुनः शुरू करने के लिए प्रदेश कार्यवाहक सरकार की एक मंत्री ने पारिवारिक न्यायालय (family court) के समक्ष अर्जी दी है. अर्जी में पूर्व आदेश को वापस लिए जाने का अनुरोध किया गया है.
मामले पर अपर पारिवारिक न्यायाधीश शुचि श्रीवास्तव ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है. पारिवारिक न्यायालय की पत्रावली के अनुसार मंत्री पारिवारिक विवादों के चलते अपने वर्तमान में विधायक निर्वाचित हुए पति से तलाक के लिए लखनऊ में पारिवारिक न्यायालय के समक्ष तलाक का मुकदमा दाखिल किया था. इस मामले को अदालत ने विचारार्थ स्वीकार करते हुए पति को अपना पक्ष रखने व आपत्ति दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था.
इसी दौरान वर्ष 2017 में विधानसभा के चुनाव में वादिनी ने विधायकी का चुनाव लड़ा व चुनाव जीत गईं तथा सरकार में उन्हें मंत्री पद मिला. जिसके बाद वह अदालत में मुकदमे की सुनावाई के दौरान हाजिर नहीं हुईं. उनकी लगातार गैर हाजिरी के कारण पारिवारिक न्यायालय के अपर प्रधान न्यायाधीश प्रथम द्वारा वर्ष 2018 में उनके तलाक के मुकदमे को अदम पैरवी में खारिज कर दिया गया था.
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अदम पैरवी में खारिज किए जाने के इसी आदेश को वापस लेने के लिए मंत्री सोमवार को अपने अधिवक्ता के साथ न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुईं. उन्होंने आदेश वापसी का प्रार्थना पत्र विलम्ब से दिए जाने के कारण अपना पक्ष रखा. अदालत ने सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है.