नई दिल्ली : कर्नाटक के पूर्व मंत्री और खनन घोटाले के आरोपी जी जनार्दन रेड्डी (G Janradhana Reddy) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील की कि उन्हें अपने गृह नगर बेल्लारी जाने की अनुमति दी जाए. जमानत शर्तों में ढील दी जाए. उनका कहना है कि मुकदमे की प्रगति बिल्कुल नहीं हुई है और जिस रफ्तार से यह चल रहा है, इसे समय पर पूरा नहीं किया जाएगा.
रेड्डी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि उन्हें 2011 में गिरफ्तार किया गया था और 2015 में जमानत मिल गई थी, लेकिन उन पर कुछ शर्तें रखी गई थीं, जिसमें उनके गृह नगर बेल्लारी जाने की अनुमति नहीं थी. रोहतगी ने कहा कि मुकदमे की धीमी गति को देखते हुए 10 साल बीत चुके हैं और 10 साल और बीत जाएंगे और इसलिए उन पर शर्तें लगाना बहुत कठोर है.
रोहतगी ने कहा कि रेड्डी बेल्लारी के रहने वाले हैं. वहीं उनकी शादी हुई है. वह वहां से विधायक थे. वहीं उनका पुश्तैनी घर भी है. ऐसे में उन्हें वहां जाकर परिवार के साथ वक्त बिताने का समय दिया जाना चाहिए.
सीबीआई के विरोध का हवाला देते हुए, जिसमें उसने आशंका जताई है कि रेड्डी गवाहों को धमका सकते हैं, रोहतगी ने कहा कि हैदराबाद सीबीआई अदालत में मुकदमा चल रहा है जो बेल्लारी से 100 किलोमीटर दूर है. ऐसे में सीबीआई सिर्फ विरोध करने के लिए ऐसा कह रही है.
वहीं, सीबीआई ने जमानत का विरोध किया और अदालत के समक्ष दलील दी कि अगर जमानत की शर्त में ढील दी जाती है, तो इससे देरी होगी. सीबीआई ने तर्क दिया, 'तथ्य यह है कि वह बेल्लारी में रहेगा, जिससे लोगों के मन में डर पैदा होगा.'
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समय की कमी के कारण आज सुनवाई पूरी नहीं हो सकी,अदालत कल मामले की फिर सुनवाई करेगी. गौरतलब है कि रेड्डी एक अवैध खनन मामले में आरोपी हैं, जिसमें उनकी फर्म ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी (OMC) शामिल है. उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.