हैदराबादः कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप पर काबू पाने के लिए देश में लॉकडाउन और कर्फ्यू लागू करा दिया गया है. लेकिन इस लॉकडाउन ने ऐसे कई लोगों के जीवन में तबाही मचा दी है जो अपने राज्य को छोड़ अन्य राज्यों में रोजगार के लिए चले आए हैं.
तेलंगाना के कई गरीब और जरूरतमंद लोग अब इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं. कई लोग इस लॉकडाउन में भूखे पेट खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं.
लॉकडाउन की वजह से हैदराबाद में रोजगार के लिए आए लोग अब सड़कों पर आ गए हैं. सड़कों पर बैठे-बैठे हर किसी को वे उम्मीदों भरी निगाहों से देखते रहते हैं कि कोई उन्हें खाना खिला दे. लॉकडाउन की वजह से जिनके सिर से छत छीन गई, वे अब पार्क, फूटपाथ, बस स्टॉप और मेट्रो स्टेशन के पास नजर आते हैं.
हैदराबाद के हर सड़क पर इस बेघर, बेसहारा लोग मिल जाएंगे जो ऑनलॉक होने के बाद यहां रोजगार के लिए चले आए थे. लेकिन अब फिर से लॉकडाउन होने के बाद यहां फंस गए हैं.
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लॉकडाउन ने उनका रोजगार तो छीन लिया, साथ ही वे अब अपने प्रदेश भी लौट नहीं पा रहे हैं. उनके पास घर का किराया भरने को पैसे नहीं है, जिसकी वजह से किरायेदारों ने भी उन्हें घर से निकाल दिया है. इस वजह से कई ऐसे परिवार अब भूखे पेट सड़कों पर नजर आते हैं.
ऐसे वक्त में इन लोगों के लिए दानदाता और एनजीओ कार्यकर्ता मसीहा बनकर सामने आ रहे हैं. ये कार्यकर्ता लॉकडाउन में भी गरीब और जरूरतमंदों को खाना और पानी मुहैया कराते हैं.
इन प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंद परिवारों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने मांग की है कि कम से कम एक वक्त की रोटी उनके बच्चों को मिले और बेघर और बेसहारा लोगों को सरकार आश्रय दे.