नई दिल्ली: सीमा सड़क संगठन (border roads organisation) ने शनिवार को श्रीनगर-कारगिल-लेह मार्ग पर शक्तिशाली जोजिला दर्रा (strategically important Zojila Pass) खोल दिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. 11650 फीट की ऊंचाई पर स्थित, जोजिला एक रणनीतिक दर्रा है, जो कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच महत्वपूर्ण लिंक प्रदान करता है और सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों की कुंजी है.
यह दर्रा आमतौर पर हर साल नवंबर के अंत तक बंद हो जाता है, सर्दियों की शुरूआत के साथ, जब तापमान उप-शून्य डिग्री तक गिर जाता है और अगले साल अप्रैल के मध्य तक ही खुलता है. पहले के वर्षों में दर्रा बंद करने का औसत 135 दिन रहा है जिसे अब घटकर 73 दिन कर दिया गया है.
सेना ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे के विकास पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है, जोजिला र्दे को कम से कम बंद रखने की अनिवार्य आवश्यकता है. जोजिला र्दे को 4 जनवरी 2022 तक खुला रखा गया था और बीआरओ के प्रोजेक्ट बीकन और विजयक द्वारा 15 फरवरी 2022 को बर्फ हटाने का कार्य फिर से शुरू किया गया था. बीआरओ के निरंतर प्रयासों के बाद जोजिला र्दे पर कनेक्टिविटी शुरू में 3 मार्च को स्थापित की गई थी और उसके बाद वाहनों के सुरक्षित मार्ग के लिए सड़क की सतह में सुधार किया गया.
19 मार्च को दर्रा खोला गया और ट्रायल वाहन कारगिल की ओर से गुजरा. जिससे लद्दाख के लोगों को बहुत आवश्यक राहत मिली. पिछले साल के 135 दिनों के औसत की तुलना में इस साल दर्रा को 73 दिनों के बंद होने के बाद खोला गया है. इस अवसर पर डीजीबीआर के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए प्रोजेक्ट बीकन और विजयक के अधिकारियों की सराहना की. यह लद्दाख के लोगों के लिए आवश्यक सामान और आपूर्ति की उपलब्धता की सुविधा प्रदान करेगा और सेना के काफिले की आवाजाही में भी सहायता करेगा.
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उन्होंने राष्ट्र निर्माण में सबसे आगे रहने और चरम सीमाओं में सबसे अच्छी निर्माण एजेंसी बनने की बीआरओ की प्रतिबद्धता को दोहराया. बातचीत के दौरान डीजीबीआर ने कहा कि ट्रायल मूवमेंट सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है और नागरिक यातायात के लिए सड़क खोलने का निर्णय नागरिक प्रशासन द्वारा संयुक्त निरीक्षण के बाद लिया जाएगा.