नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के कथित उल्लंघन के मामले में ऑक्सफैम इंडिया के कामकाज की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच की सिफारिश की है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. गृह मंत्रालय ने पाया कि ऑक्सफैम इंडिया ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत होने के बावजूद विभिन्न संस्थाओं को विदेशी योगदान भेजना जारी रखा. यह कानून इस तरह रकम के हस्तांतरण को प्रतिबंधित करता है.
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के दौरान कई ई-मेल पाए गए, जिनसे पता चला कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य एफसीआरए-पंजीकृत संगठनों को धन भेजकर या लाभकारी परामर्श मार्ग के माध्यम से एफसीआरए के प्रावधानों को दरकिनार करने की कथित तौर पर योजना बना रहा था. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण ने ऑक्सफैम इंडिया को विदेशी संगठनों या इकाइयों की विदेश नीति के एक संभावित साधन के रूप में उजागर किया, जिन्होंने वर्षों से संगठन को उदारतापूर्वक वित्त पोषित किया है.
सूत्रों ने कहा कि सामाजिक गतिविधियों के लिए पंजीकृत ऑक्सफैम इंडिया ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को धन भेजा. उन्होंने कहा कि इन निष्कर्षों के बाद, गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के कामकाज की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की.
ऑक्सफैम इंडिया जो सामाजिक गतिविधियों के लिए केंद्र को धन देने के लिए पंजीकृत है. वहीं ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी परिलक्षित होता है, जो धारा 194जे के तहत वित्त वर्ष 2019-20 में सीपीआर को 12,71,188 रुपये का भुगतान को दर्शाता है. अधिकारियों ने कहा, यह पता चला है कि ऑक्सफैम इंडिया ने नामित एफसीआरए खाते में विदेशी योगदान प्राप्त करने के बजाय सीधे अपने एफसी उपयोग खाते में 1.50 करोड़ रुपये का विदेशी योगदान प्राप्त किया. बता दें कि सरकार ने पहले 31 दिसंबर, 2021 को कथित एफसीआरए उल्लंघन के कारण ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया था.
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(पीटीआई-भाषा)