नई दिल्ली: जर्मनी के ब्रुहल में आठ से 12 मई तक बाल संरक्षण पर पायलट प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को प्रशिक्षण के लिए तीन अधिकारियों को नामित करने के लिए कहा है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन (पीएमआई टू यूएन) ने संयुक्त राष्ट्र पुलिस प्रभाग को प्राप्त निमंत्रण के बारे में सूचित किया है. उसने बाल संरक्षण पर नए संयुक्त राष्ट्र सुदृढीकरण प्रशिक्षण पैकेज पर पुलिस प्रशिक्षकों के लिए पायलट प्रशिक्षण के लिए नामांकन आमंत्रित किया है.
मंत्रालय ने कहा कि उम्मीदवारों के पास व्यक्तिगत पुलिस अधिकारियों (आईपीओ) के लिए संयुक्त राष्ट्र के पूर्व-तैनाती प्रशिक्षण देने की पृष्ठभूमि होनी चाहिए, उनके पास महत्वपूर्ण प्रशिक्षण अनुभव (कम से कम 3 साल का) होना चाहिए और वह धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलने में सक्षम हों. पायलट कोर्स का लक्ष्य महिलाओं और पुरुषों की समान भागीदारी होगा.
मूल्यांकन पास करने वाले पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को ब्रुहल, जर्मनी में संयुक्त राष्ट्र पुलिस के लिए बाल संरक्षण पर नए संयुक्त राष्ट्र सुदृढीकरण प्रशिक्षण पैकेज पर पुलिस प्रशिक्षकों के लिए पायलट प्रशिक्षण में सदस्यता के लिए विचार किया जाएगा. मंत्रालय ने कहा, सदस्य राज्य 1 मार्च तक तीन पुलिस अधिकारियों को नामित कर सकते हैं.
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य सदस्य देशों की राष्ट्रीय/या क्षेत्रीय पुलिस को बाल संरक्षण प्रशिक्षण देकर मजबूत बनाना है. ब्रिहल (जर्मनी) में नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित होने वाले पांच दिवसीय प्रशिक्षण संबंधी पत्र अर्धसैनिक बलों के महानिदेशक (डीजी), दिल्ली पुलिस आयुक्त और सीबीआई और आईबी के निदेशकों को भी भेजा गया है.
पढ़ें- Maximum Cases of Child Marriage : असम समेत 10 राज्यों में हैं बाल विवाह के सबसे ज्यादा मामले