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CAPF और असम राइफल्स की भर्ती में अग्निवीरों को मिलेगी प्राथमिकता: गृह मंत्रालय

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को ट्वीट के माध्यम से बताया कि नई योजना के तहत अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है. गृह मंत्रालय का कहना है कि 'अग्निपथ योजना' के चार साल पूरा करने वालों को CAPFs और असम राइफल्स में प्राथमिकता दी जाएगी. वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

Ministry of Home Affairs
गृह मंत्री अमित शाह
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Published : Jun 15, 2022, 9:59 AM IST

Updated : Jun 15, 2022, 5:21 PM IST

नई दिल्ली : थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष अग्निपथ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले ‘अग्निवीर’ सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की. मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी.

सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा.

  • ‘अग्निपथ योजना’ युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए @narendramodi जी का एक दूरदर्शी व स्वागत योग्य निर्णय है।

    इसी संदर्भ में आज गृह मंत्रालय ने इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।#BharatKeAgniveer

    — गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) June 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है. उनके कार्यालय ने कहा, इस संबंध में, आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.

विशेषज्ञों को नहीं लगी खास: अग्निपथ योजना पर ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व अर्धसैनिक बल शहीद कल्याण संघ के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में पहले से ही कर्मियों की भारी कमी है और मैनपावर कट हर साल बढ़ रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हजारों सुरक्षाकर्मी या तो सेवानिवृत्त हो रहे हैं या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं. सरकार खाली पदों को भरने के बजाय नए-नए ऐलान कर रही है. इस तरह की घोषणा करने का क्या फायदा है. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त मैक्सवेल परेरा ने भी कहा है कि इस घोषणा से मौजूदा व्यवस्था में शायद ही कोई बदलाव आएगा.

क्या कहते हैं आंकड़े: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में 1098933 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 127049 पद रिक्त हैं. ईटीवी भारत के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में असम राईफल्स में कुल 65143 कर्मियों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले वर्तमान संख्या 57108 है और 8035 कर्मियों की कमी है. इसी प्रकार सभी सीएपीएफ में भी मानव संसाधन की कमी है. आंकड़ों के अनुसार, बीएसएफ में कुल 265173 कर्मियों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले वर्तमान संख्या 236268 है और 28905 कर्मियों की कमी है.

वहीं सीआईएसएफ की 163313 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले वर्तमान संख्या 139152 है और 24161 रिक्तियां हैं. इसके साथ ही सीआरपीएफ में कर्मियों कि वर्तमान संख्या 296898 है, जबकि इसकी स्वीकृत संख्या 324723 है और इसमें 27825 पद खाली हैं. और तो और, एसएसबी में 18633 कर्मियों, आईटीबीपी में 5169 कर्मियों और दिल्ली पुलिस में 14321 कर्मियों के पद रिक्त हैं. विडंबना यह है कि भर्ती की प्रक्रिया के दौरान कई मौकों पर कई युवा मेडिकल ग्राउंड के कारण सशस्त्र बलों में दाखिला पाने का मौका चूक जाते हैं.

पढ़ें: 'अग्निवीर' ... के बारे में जानें सबकुछ, कितनी मिलेगी सैलरी, किसे मिलेगा मौका ?

सीमा सुरक्षा बलों की भर्ती में, गृह मंत्रालय ने पहले ही सीमावर्ती जिलों में आबादी के लिए 20 प्रतिशत की मंजूरी दे दी है जो बल की जिम्मेदारी के क्षेत्र में आते हैं और 20 प्रतिशत रिक्तियां जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर, नक्सल प्रभावित क्षेत्र और उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाली आबादी को आवंटित की जाती हैं. बता दें कि सीएपीएफ में भर्ती कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से आयोजित नियमित भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है. वहीं सीएपीएफ को भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

इन पदों पर होगी भर्ती: अग्निपथ योजना के तहत थल सेना में सोल्जर रैंक, नौसेना में नौसैनिक या सोलर रैंक पर और वायु सेना में वायु सैनिक यानि एयरमैन रैंक पर भर्ती करने का प्रस्ताव है. अग्निपथ योजना के लिए उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल तक होनी चाहिए. इस योजना के तहत 10 हफ्ते से लेकर 6 महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद अग्निवारों को देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा.

शहीद होने पर परिजनों को मिलेगी एक करोड़ की राशि : अगर कोई अग्निवीर देश की सेवा करते हुए शहीद हो जाता है तो उनके परिजनों को सेवा निधि समेत एक करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी. इसके अलावा, बची हुई नौकरी का वेतन भी परिजनों को दिया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को पहले साल चार लाख 76 हजार रुपये का सालाना पैकेज मिलेगी, जो चार साल में बढ़कर छह लाख 92 हजार रुपये तक पहुंच जाएगा. यानी हर महीने 50 हजार रुपये से अधिक की सैलरी होगी. वहीं, जब चार साल की नौकरी पूरी हो जाएगी तो सेवा निधि के रूप में 11.7 लाख रुपये दिए जाएंगे.

नई दिल्ली : थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष अग्निपथ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले ‘अग्निवीर’ सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की. मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी.

सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा.

  • ‘अग्निपथ योजना’ युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए @narendramodi जी का एक दूरदर्शी व स्वागत योग्य निर्णय है।

    इसी संदर्भ में आज गृह मंत्रालय ने इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।#BharatKeAgniveer

    — गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) June 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है. उनके कार्यालय ने कहा, इस संबंध में, आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.

विशेषज्ञों को नहीं लगी खास: अग्निपथ योजना पर ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व अर्धसैनिक बल शहीद कल्याण संघ के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में पहले से ही कर्मियों की भारी कमी है और मैनपावर कट हर साल बढ़ रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हजारों सुरक्षाकर्मी या तो सेवानिवृत्त हो रहे हैं या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं. सरकार खाली पदों को भरने के बजाय नए-नए ऐलान कर रही है. इस तरह की घोषणा करने का क्या फायदा है. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त मैक्सवेल परेरा ने भी कहा है कि इस घोषणा से मौजूदा व्यवस्था में शायद ही कोई बदलाव आएगा.

क्या कहते हैं आंकड़े: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में 1098933 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 127049 पद रिक्त हैं. ईटीवी भारत के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में असम राईफल्स में कुल 65143 कर्मियों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले वर्तमान संख्या 57108 है और 8035 कर्मियों की कमी है. इसी प्रकार सभी सीएपीएफ में भी मानव संसाधन की कमी है. आंकड़ों के अनुसार, बीएसएफ में कुल 265173 कर्मियों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले वर्तमान संख्या 236268 है और 28905 कर्मियों की कमी है.

वहीं सीआईएसएफ की 163313 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले वर्तमान संख्या 139152 है और 24161 रिक्तियां हैं. इसके साथ ही सीआरपीएफ में कर्मियों कि वर्तमान संख्या 296898 है, जबकि इसकी स्वीकृत संख्या 324723 है और इसमें 27825 पद खाली हैं. और तो और, एसएसबी में 18633 कर्मियों, आईटीबीपी में 5169 कर्मियों और दिल्ली पुलिस में 14321 कर्मियों के पद रिक्त हैं. विडंबना यह है कि भर्ती की प्रक्रिया के दौरान कई मौकों पर कई युवा मेडिकल ग्राउंड के कारण सशस्त्र बलों में दाखिला पाने का मौका चूक जाते हैं.

पढ़ें: 'अग्निवीर' ... के बारे में जानें सबकुछ, कितनी मिलेगी सैलरी, किसे मिलेगा मौका ?

सीमा सुरक्षा बलों की भर्ती में, गृह मंत्रालय ने पहले ही सीमावर्ती जिलों में आबादी के लिए 20 प्रतिशत की मंजूरी दे दी है जो बल की जिम्मेदारी के क्षेत्र में आते हैं और 20 प्रतिशत रिक्तियां जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर, नक्सल प्रभावित क्षेत्र और उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाली आबादी को आवंटित की जाती हैं. बता दें कि सीएपीएफ में भर्ती कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से आयोजित नियमित भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है. वहीं सीएपीएफ को भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

इन पदों पर होगी भर्ती: अग्निपथ योजना के तहत थल सेना में सोल्जर रैंक, नौसेना में नौसैनिक या सोलर रैंक पर और वायु सेना में वायु सैनिक यानि एयरमैन रैंक पर भर्ती करने का प्रस्ताव है. अग्निपथ योजना के लिए उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल तक होनी चाहिए. इस योजना के तहत 10 हफ्ते से लेकर 6 महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद अग्निवारों को देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा.

शहीद होने पर परिजनों को मिलेगी एक करोड़ की राशि : अगर कोई अग्निवीर देश की सेवा करते हुए शहीद हो जाता है तो उनके परिजनों को सेवा निधि समेत एक करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी. इसके अलावा, बची हुई नौकरी का वेतन भी परिजनों को दिया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को पहले साल चार लाख 76 हजार रुपये का सालाना पैकेज मिलेगी, जो चार साल में बढ़कर छह लाख 92 हजार रुपये तक पहुंच जाएगा. यानी हर महीने 50 हजार रुपये से अधिक की सैलरी होगी. वहीं, जब चार साल की नौकरी पूरी हो जाएगी तो सेवा निधि के रूप में 11.7 लाख रुपये दिए जाएंगे.

Last Updated : Jun 15, 2022, 5:21 PM IST
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