पुणे: कोरोना के मामले फिर से आने शुरू हो गए हैं. पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यात्री कोरोना से संक्रमित पाया गया है. चीन समेत अन्य देशों में कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. तमाम देशों ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. भारत में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कोरोना नियमों का पालन करने की अपील की है.
अब पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाला 1 मरीज कोरोना से संक्रमित पाया गया है. इस शख्स का पुणे एयरपोर्ट पर कोरोना टेस्ट किया गया था. इसमें वह कोरोना से संक्रमित पाया गया है. सैंपल को कोरोना जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया. इसमें इस शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इस मरीज को कोरोना का कौन सा वेरियंट मिला है, इसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. पुणे में अभी कोरोना के 54 एक्टिव मरीज हैं. चीन समेत अन्य देशों में बढ़ रहे कोरोना ने भारत में भी चिंता का माहौल पैदा कर दिया है और पुणे नगर निगम की ओर से पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर थर्मल स्कैनिंग भी शुरू कर दी गई है.
ऑक्सीजन प्लांट बढ़ाने का फैसला: विदर्भ, मराठवाड़ा, खानदेश पश्चिम महाराष्ट्र और कोंकण में ऑक्सीजन प्लांट हैं जो 25 मीट्रिक टन से 500 मीटर ऑक्सीजन मुहैया कराएंगे. मुंबई, पुणे और नागपुर शहरों के लिए सरकार ने इससे ज्यादा सुविधा की तैयारी की है. सरकार ने मई 2021 के निर्णय के अनुसार बड़े महानगर में 500 मीटर और उससे आगे की दूरी पर ऑक्सीजन प्लांट बनाने का निर्णय लिया था और इसके अनुसार आज राज्य में पर्याप्त व्यवस्था है.
कोरोना वायरस का प्रसार मार्च 2020 में मुंबई में शुरू हुआ था. जैसे ही यह फैलाव शुरू हुआ, मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी. मरीजों की मौत शुरू होते ही लॉकडाउन लगा दिया गया. मुंबई में कोरोना के फैलाव को कम करने के लिए ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटिंग, धारावी मॉडल, मुंबई मॉडल आदि उपाय किए गए. इन उपायों को दुनिया भर में देखा गया. पिछले ढाई साल में मुंबई में 11 लाख 55 हजार 93 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें 11 लाख 35 हजार 297 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं.
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महाराष्ट्र राज्य में 25 दिसंबर की रात 12 बजे तक 148 कोविड मरीज मिले हैं. इसमें सबसे ज्यादा मुंबई में 50, ठाणे जिले में 10, पुणे जिले में 42 और अकोला में 15 मरीज सामने आए हैं. कुछ जिले ऐसे हैं जहां सक्रिय कोविड रोगियों की संख्या दोहरे अंकों में है. कई जिलों में अभी भी कोई सक्रिय कोविड मामले नहीं हैं, जबकि कुछ जिलों में एक या दो मामले हैं. इस संबंध में नर्सेज एसोसिएशन की कार्यकर्ता त्रिशीला कांबले ने कहा कि अगर यह बढ़ोतरी होती है तो इसके लिए लोगों की कमी है. सरकार समय पर आवश्यकतानुसार कर्मचारियों की भर्ती नहीं करा रही है. विभिन्न संसाधन समय पर नहीं पहुंच रहे हैं तो क्या आश्चर्य है कि कल अराजकता फैल जाए.