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MF Hussain Death Anniversary: भारत के पिकासो एम एफ हुसैन की डेथ एनिवर्सरी, जबलपुर के म्यूजियम में मौजूद है नायाब पेंटिंग

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Published : Jun 9, 2023, 10:18 PM IST

Updated : Jun 9, 2023, 10:23 PM IST

भारत के पिकासो कहे जाने वाले और रंगों के बादशाह एम एफ हुसैन की आज डेथ एनिवर्सरी है. 9 जून 2011 को एम एफ हुसैन ने लंदन एक अस्पताल में अंतिम सांसे ली थी. आपको बता दें एम एफ हुसैन की एक खूबसूरत पेंटिंग जबलपुर के रानी दुर्गावती संग्रहालय में भी मौजूद है. इसकी बाजार में कीमत 100000000 से भी ज्यादा होगी.

MF Hussain signature on the painting
जबलपुर के म्यूजियम में मौजूद है नायाब पेंटिंग
जबलपुर के म्यूजियम में मौजूद है नायाब पेंटिंग

जबलपुर। पेंटिंग करते हुए किसी कलाकार को देखकर अक्सर लोग कहते हैं की लगता है कि यह एम एफ हुसैन बनेगा. कला की ऐसी ऊंचाई किसी कलाकार को सहज ही नहीं मिलती, बल्कि सदियों की तपस्या के बाद कोई कलाकार कला का पर्यायवाची बन पाता है. दुनिया का यह महान कलाकार 1986 में जबलपुर आया था, उसी दौरान उन्होंने यहां एक पेंटिंग बनाई थी. मकबूल फिदा हुसैन की एक खूबसूरत पेंटिंग जबलपुर के रानी दुर्गावती संग्रहालय में भी मौजूद है. जबलपुर के कलाकारों का कहना है कि इसकी बाजार में कीमत 100000000 से भी ज्यादा होगी.

एम एफ हुसैन की पेंटिंग जबलपुर में महेश्वरी परिवार के पास: जबलपुर मकबूल फिदा हुसैन की लगभग 5 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी एक्रेलिक कलर से बनी हुई हॉर्स पेंटिंग जबलपुर में रखी हुई है. 1986 में एम एफ हुसैन जबलपुर आए थे और उन्होंने रानी दुर्गावती संग्रहालय में एक कैनवास के ऊपर एक घोड़े की पेंटिंग बनाई थी. जबलपुर के पेंटर विनय अंबर का कहना है कि जब वे पेंटिंग बना रहे थे, उस वक्त मैं वहीं था और मात्र 12 मिनट में उन्होंने 20 वर्ग फीट की इस पेंटिंग को बना दिया था. जबलपुर में उनके द्वारा बनाई एक और पेंटिंग महेश्वरी परिवार के पास में है.

Horse painting by MF Husain
एम एफ हुसैन की बनाई घोड़े की पेंटिंग

एम एफ हुसैन की पेंटिंग करोड़ों में बिकती है: विनय अंबर का कहना है कि मकबूल फिदा हुसैन की पेंटिंग बाजार में करोड़ों रुपए में बिकती है. उनकी अब तक सबसे अधिक कीमत की पेंटिंग ₹180000000 में बिकी है. यदि उसी दृष्टिकोण से देखी जाए तो जबलपुर में जो पेंटिंग रखी हुई है, उसकी कीमत भी कई करोड़ रुपए होगी.

कलाकार की नजर: कलाकार समाज का एक ऐसा दर्पण है. जो समाज को वह दिखाने की कोशिश करता है. जो आम आदमी अपनी नंगी आंखों से नहीं देख पाता, इसलिए एक कलाकार हमारे समाज से ही चीजों को अपने कैनवास पर बनाता है, लेकिन उन आकृतियों में केबल रेखाएं नहीं होती बल्कि भाव भी होते हैं, एम एफ हुसैन की पेंटिंग्स में हमें वे सारे भाव देखने को मिलते हैं.

एम एफ हुसैन का आर्ट वर्क: मकबूल फिदा हुसैन ने लगातार 60 साल तक पेंटिंग बनाई और उन्होंने अपनी कला के जरिए दुनिया के कई बड़े महान लोगों को अपनी कूची के सहारे सम्मान दिया. जब उन्होंने मदर टेरेसा को देखा तो उन पर सीरीज ऑफ पेंटिंग्स बनाई. जब उन्होंने अजंता एलोरा देखें तो उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें बनाएं. जब उन्होंने गरीबी देखी तो गरीबों को अपनी पेंटिंग में उतारा और जब उन्होंने माधुरी दीक्षित को देखा माधुरी दीक्षित की सीरीज ऑफ पेंटिंग्स बनाई. इसी तरीके से उन्हें घोड़ों से बड़ा लगाव था. घोड़े की उर्जा को वे अपनी कूची के माध्यम से दिखाते थे. जबकि सामने कोई घोड़ा होता नहीं था, लेकिन उसके बावजूद उनकी पेंटिंग का घोड़ा एक अलग ही मुद्रा में दिखता था. यही जबलपुर के रानी दुर्गावती संग्रहालय में रखी हुई पेंटिंग में नजर आता है.

MF Hussain signature on the painting
पेंटिंग पर एमएफ हुसैन के हस्ताक्षर

कुछ खबरें यहां पढ़ें

विवादों के चलते देश छोड़ा: विनय अंबर का कहना है कि हिंदू देवी देवताओं की तस्वीर बनाने को लेकर मकबूल फिदा हुसैन का भारी विरोध हुआ. इसके चलते उन्होंने भारत को अलविदा कह दिया था, फिर वह कभी भारत नहीं आए. हालांकि यह तस्वीरें उन्होंने समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया से मुलाकात के बाद बनाई थी. ऐसा नहीं है कि मकबूल फिदा हुसैन ने हिंदू देवी देवताओं के कुछ एक चित्र बनाए हो, बल्कि उन्होंने लक्ष्मी-गणेश यहां तक की रामचरितमानस और महाभारत पर भी चित्र बनाएं, लेकिन उपद्रवियों को केवल कुछ एक चित्र नजर आए और उन्होंने एक कलाकार को देश से जुदा कर दिया. 9 जून को लंदन के एक अस्पताल में एम एफ हुसैन की गति रुकने से मृत्यु हो गई थी. आज भी एमएफ हुसैन की पेंटिंग पूरी दुनिया में कला के पारखीयों के पास हैं. हमें सिर्फ इस बात का गर्व है कि दुनिया का यह महान कलाकार कभी हमारे बीच से होकर भी गुजरा था.

जबलपुर के म्यूजियम में मौजूद है नायाब पेंटिंग

जबलपुर। पेंटिंग करते हुए किसी कलाकार को देखकर अक्सर लोग कहते हैं की लगता है कि यह एम एफ हुसैन बनेगा. कला की ऐसी ऊंचाई किसी कलाकार को सहज ही नहीं मिलती, बल्कि सदियों की तपस्या के बाद कोई कलाकार कला का पर्यायवाची बन पाता है. दुनिया का यह महान कलाकार 1986 में जबलपुर आया था, उसी दौरान उन्होंने यहां एक पेंटिंग बनाई थी. मकबूल फिदा हुसैन की एक खूबसूरत पेंटिंग जबलपुर के रानी दुर्गावती संग्रहालय में भी मौजूद है. जबलपुर के कलाकारों का कहना है कि इसकी बाजार में कीमत 100000000 से भी ज्यादा होगी.

एम एफ हुसैन की पेंटिंग जबलपुर में महेश्वरी परिवार के पास: जबलपुर मकबूल फिदा हुसैन की लगभग 5 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी एक्रेलिक कलर से बनी हुई हॉर्स पेंटिंग जबलपुर में रखी हुई है. 1986 में एम एफ हुसैन जबलपुर आए थे और उन्होंने रानी दुर्गावती संग्रहालय में एक कैनवास के ऊपर एक घोड़े की पेंटिंग बनाई थी. जबलपुर के पेंटर विनय अंबर का कहना है कि जब वे पेंटिंग बना रहे थे, उस वक्त मैं वहीं था और मात्र 12 मिनट में उन्होंने 20 वर्ग फीट की इस पेंटिंग को बना दिया था. जबलपुर में उनके द्वारा बनाई एक और पेंटिंग महेश्वरी परिवार के पास में है.

Horse painting by MF Husain
एम एफ हुसैन की बनाई घोड़े की पेंटिंग

एम एफ हुसैन की पेंटिंग करोड़ों में बिकती है: विनय अंबर का कहना है कि मकबूल फिदा हुसैन की पेंटिंग बाजार में करोड़ों रुपए में बिकती है. उनकी अब तक सबसे अधिक कीमत की पेंटिंग ₹180000000 में बिकी है. यदि उसी दृष्टिकोण से देखी जाए तो जबलपुर में जो पेंटिंग रखी हुई है, उसकी कीमत भी कई करोड़ रुपए होगी.

कलाकार की नजर: कलाकार समाज का एक ऐसा दर्पण है. जो समाज को वह दिखाने की कोशिश करता है. जो आम आदमी अपनी नंगी आंखों से नहीं देख पाता, इसलिए एक कलाकार हमारे समाज से ही चीजों को अपने कैनवास पर बनाता है, लेकिन उन आकृतियों में केबल रेखाएं नहीं होती बल्कि भाव भी होते हैं, एम एफ हुसैन की पेंटिंग्स में हमें वे सारे भाव देखने को मिलते हैं.

एम एफ हुसैन का आर्ट वर्क: मकबूल फिदा हुसैन ने लगातार 60 साल तक पेंटिंग बनाई और उन्होंने अपनी कला के जरिए दुनिया के कई बड़े महान लोगों को अपनी कूची के सहारे सम्मान दिया. जब उन्होंने मदर टेरेसा को देखा तो उन पर सीरीज ऑफ पेंटिंग्स बनाई. जब उन्होंने अजंता एलोरा देखें तो उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें बनाएं. जब उन्होंने गरीबी देखी तो गरीबों को अपनी पेंटिंग में उतारा और जब उन्होंने माधुरी दीक्षित को देखा माधुरी दीक्षित की सीरीज ऑफ पेंटिंग्स बनाई. इसी तरीके से उन्हें घोड़ों से बड़ा लगाव था. घोड़े की उर्जा को वे अपनी कूची के माध्यम से दिखाते थे. जबकि सामने कोई घोड़ा होता नहीं था, लेकिन उसके बावजूद उनकी पेंटिंग का घोड़ा एक अलग ही मुद्रा में दिखता था. यही जबलपुर के रानी दुर्गावती संग्रहालय में रखी हुई पेंटिंग में नजर आता है.

MF Hussain signature on the painting
पेंटिंग पर एमएफ हुसैन के हस्ताक्षर

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विवादों के चलते देश छोड़ा: विनय अंबर का कहना है कि हिंदू देवी देवताओं की तस्वीर बनाने को लेकर मकबूल फिदा हुसैन का भारी विरोध हुआ. इसके चलते उन्होंने भारत को अलविदा कह दिया था, फिर वह कभी भारत नहीं आए. हालांकि यह तस्वीरें उन्होंने समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया से मुलाकात के बाद बनाई थी. ऐसा नहीं है कि मकबूल फिदा हुसैन ने हिंदू देवी देवताओं के कुछ एक चित्र बनाए हो, बल्कि उन्होंने लक्ष्मी-गणेश यहां तक की रामचरितमानस और महाभारत पर भी चित्र बनाएं, लेकिन उपद्रवियों को केवल कुछ एक चित्र नजर आए और उन्होंने एक कलाकार को देश से जुदा कर दिया. 9 जून को लंदन के एक अस्पताल में एम एफ हुसैन की गति रुकने से मृत्यु हो गई थी. आज भी एमएफ हुसैन की पेंटिंग पूरी दुनिया में कला के पारखीयों के पास हैं. हमें सिर्फ इस बात का गर्व है कि दुनिया का यह महान कलाकार कभी हमारे बीच से होकर भी गुजरा था.

Last Updated : Jun 9, 2023, 10:23 PM IST
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