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मेवानी ने असम से लौटने के बाद गुजरात सरकार को कहा 'निकम्मा' - मेवानी ने साधा गुजरात सरकार पर निशाना

विधायक जिग्नेश मेवानी (MLA Jignesh Mevani) ने गुजरात सरकार पर निशाना साधा है. अहमदाबाद पहुंचने के तुरंत बाद मेवानी ने एक सभा को संबोधित किया. मेवानी ने पीएम मोदी और असम सरकार की भी आलाेचना की.

Mevani called Gujarat govt useless
विधायक जिग्नेश मेवानी
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Published : May 4, 2022, 8:37 AM IST

अहमदाबाद : दलित नेता एवं गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी (MLA Jignesh Mevani) ने गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधा. असम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के लगभग दो सप्ताह बाद मंगलवार को गुजरात पहुंचे मेवानी ने गुजरात सरकार को 'निकम्मा' बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने उस वक्त कुछ नहीं किया, जब राज्य के एक विधायक का 'अपहरण' कर लिया गया और यहां से ले जाया गया था.

अहमदाबाद पहुंचने के तुरंत बाद मेवानी ने एक सभा को संबोधित किया. मेवानी ने उना तहसील में दलितों के खिलाफ दर्ज मामले (जुलाई 2016 में कुछ दलितों पर हमले के बाद विरोध प्रदर्शन को लेकर दर्ज), राज्य के अन्य आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस नहीं लेने और पुलिसकर्मियों के लिए ग्रेड-पे एवं अन्य विरोध प्रदर्शन करने वाले समूहों की मांग सरकार द्वारा पूरी नहीं किए जाने पर एक जून को 'गुजरात बंद' का आह्वान करने की चेतावनी दी.

उन्होंने कहा, 'मैं गुजरात सरकार से कहना चाहता हूं कि आप इतने 'निकम्मे' हैं कि आप तब कुछ नहीं कर सके, जब असम पुलिस गुजरात के गौरव को रौंदने आई थी. आपको इसके लिए शर्म आनी चाहिए.' निर्दलीय विधायक मेवानी ने कहा, 'असम पुलिस द्वारा गुजरात के एक विधायक का अपहरण करना और उसे असम ले जाना गुजरात के 6.5 करोड़ लोगों का अपमान है.'

'ऐसा माहौल बनाया जैसे आतंकी पकड़ा' : विधायक जिग्नेश मेवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला बोला. मेवानी ने कहा कि 'मुझे जमानत मिलने के तुरंत बाद एक महिला ने मुझ पर गलत आरोप लगाया,ये 56 इंच सीने वाले की कायरता है. प्राथमिकी हटाए जाने के बाद असम की अदालत ने पुलिस से पूछताछ की. 19 तारीख को मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई और मुझे गिरफ्तार करने के लिए 2500 किलोमीटर की दूरी से असम पुलिस गुजरात पहुंची. मेरी गिरफ्तारी के वक्त ऐसा माहौल बन गया था जैसे एक आतंकी पकड़ा गया. मेरे लैपटॉप और सेलफोन जब्त कर लिए गए. मेरा मानना ​​है कि स्पाई सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से इसमें छेड़छाड़ की गई है.'

इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और अर्जुन मोढवाडिया तथा अमित चावड़ा जैसे पार्टी के वरिष्ठ पार्टी नेता भी मौजूद थे. उन्होंने कार्यक्रम के लिए एकत्र लोगों को शपथ दिलाई कि वे कभी भी भाजपा को वोट नहीं देंगे या आरएसएस की शाखा में शामिल नहीं होंगे. मेवानी ने पूर्वोत्तर राज्य में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में निचली अदालत की आलोचनात्मक टिप्पणी पर 'माफी नहीं मांगने' के लिए असम सरकार पर भी निशाना साधा.

उन्होंने कहा, 'अदालत द्वारा की गई टिप्पणी पर शर्म महसूस करने के बजाय, अपनी अंतरात्मा पर सवाल उठाने और अपने चरित्र की समीक्षा करने के बजाय, यह (असम सरकार का) एक स्थगन आदेश (गौहाटी उच्च न्यायालय से) के साथ आई, ताकि उस समीक्षा आदेश (निचली अदालत के) को प्रकाशित न किया जा सके. लेकिन वह अभी माफी मांगने को तैयार नहीं है.' उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि बारपेटा अदालत ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में जमानत देने के अपने आदेश में की गई टिप्पणियों में 'हद पार कर दी' और इसने पुलिस बल तथा असम सरकार का 'मनोबल' गिराया.

पढ़ें- मेवानी को जमानत मिलने के बाद चिदंबरम ने साधा असम के मुख्यमंत्री पर निशाना

मेवानी शाम को अहमदाबाद पहुंचे और उनके समर्थकों ने हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत किया. बनासकांठा जिले के वडगाम के विधायक ने गिरफ्तारी के दौरान समर्थन के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गुजरात और असम के अन्य कांग्रेस नेताओं को धन्यवाद दिया. दो हफ्ते पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ट्वीट करने को लेकर असम पुलिस ने मेवानी को गुजरात के पालनपुर से उठा लिया था. कुछ दिनों पहले ट्वीट मामले में एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था. मेवानी को दूसरे मामले में भी एक हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई थी.

जमानत मिलने पर 'पुष्पा' स्टाइल में बोले जिग्नेश- 'झुकेगा नहीं'

अहमदाबाद : दलित नेता एवं गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी (MLA Jignesh Mevani) ने गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधा. असम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के लगभग दो सप्ताह बाद मंगलवार को गुजरात पहुंचे मेवानी ने गुजरात सरकार को 'निकम्मा' बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने उस वक्त कुछ नहीं किया, जब राज्य के एक विधायक का 'अपहरण' कर लिया गया और यहां से ले जाया गया था.

अहमदाबाद पहुंचने के तुरंत बाद मेवानी ने एक सभा को संबोधित किया. मेवानी ने उना तहसील में दलितों के खिलाफ दर्ज मामले (जुलाई 2016 में कुछ दलितों पर हमले के बाद विरोध प्रदर्शन को लेकर दर्ज), राज्य के अन्य आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस नहीं लेने और पुलिसकर्मियों के लिए ग्रेड-पे एवं अन्य विरोध प्रदर्शन करने वाले समूहों की मांग सरकार द्वारा पूरी नहीं किए जाने पर एक जून को 'गुजरात बंद' का आह्वान करने की चेतावनी दी.

उन्होंने कहा, 'मैं गुजरात सरकार से कहना चाहता हूं कि आप इतने 'निकम्मे' हैं कि आप तब कुछ नहीं कर सके, जब असम पुलिस गुजरात के गौरव को रौंदने आई थी. आपको इसके लिए शर्म आनी चाहिए.' निर्दलीय विधायक मेवानी ने कहा, 'असम पुलिस द्वारा गुजरात के एक विधायक का अपहरण करना और उसे असम ले जाना गुजरात के 6.5 करोड़ लोगों का अपमान है.'

'ऐसा माहौल बनाया जैसे आतंकी पकड़ा' : विधायक जिग्नेश मेवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला बोला. मेवानी ने कहा कि 'मुझे जमानत मिलने के तुरंत बाद एक महिला ने मुझ पर गलत आरोप लगाया,ये 56 इंच सीने वाले की कायरता है. प्राथमिकी हटाए जाने के बाद असम की अदालत ने पुलिस से पूछताछ की. 19 तारीख को मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई और मुझे गिरफ्तार करने के लिए 2500 किलोमीटर की दूरी से असम पुलिस गुजरात पहुंची. मेरी गिरफ्तारी के वक्त ऐसा माहौल बन गया था जैसे एक आतंकी पकड़ा गया. मेरे लैपटॉप और सेलफोन जब्त कर लिए गए. मेरा मानना ​​है कि स्पाई सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से इसमें छेड़छाड़ की गई है.'

इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और अर्जुन मोढवाडिया तथा अमित चावड़ा जैसे पार्टी के वरिष्ठ पार्टी नेता भी मौजूद थे. उन्होंने कार्यक्रम के लिए एकत्र लोगों को शपथ दिलाई कि वे कभी भी भाजपा को वोट नहीं देंगे या आरएसएस की शाखा में शामिल नहीं होंगे. मेवानी ने पूर्वोत्तर राज्य में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में निचली अदालत की आलोचनात्मक टिप्पणी पर 'माफी नहीं मांगने' के लिए असम सरकार पर भी निशाना साधा.

उन्होंने कहा, 'अदालत द्वारा की गई टिप्पणी पर शर्म महसूस करने के बजाय, अपनी अंतरात्मा पर सवाल उठाने और अपने चरित्र की समीक्षा करने के बजाय, यह (असम सरकार का) एक स्थगन आदेश (गौहाटी उच्च न्यायालय से) के साथ आई, ताकि उस समीक्षा आदेश (निचली अदालत के) को प्रकाशित न किया जा सके. लेकिन वह अभी माफी मांगने को तैयार नहीं है.' उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि बारपेटा अदालत ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में जमानत देने के अपने आदेश में की गई टिप्पणियों में 'हद पार कर दी' और इसने पुलिस बल तथा असम सरकार का 'मनोबल' गिराया.

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मेवानी शाम को अहमदाबाद पहुंचे और उनके समर्थकों ने हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत किया. बनासकांठा जिले के वडगाम के विधायक ने गिरफ्तारी के दौरान समर्थन के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गुजरात और असम के अन्य कांग्रेस नेताओं को धन्यवाद दिया. दो हफ्ते पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ट्वीट करने को लेकर असम पुलिस ने मेवानी को गुजरात के पालनपुर से उठा लिया था. कुछ दिनों पहले ट्वीट मामले में एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था. मेवानी को दूसरे मामले में भी एक हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई थी.

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