पटना : राजधानी पटना में मेट्रो रेल परियोजना पर लगभग 13,365 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होना है. जिसमें 20 फीसदी बिहार सरकार और 20 फीसदी केंद्र सरकार खर्च करेगी. बाकी 60 फीसदी 'जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी' से कर्ज लेकर कार्य किया जा रहा है.
मेट्रो निर्माण ने पकड़ी रफ्तार
पटना मेट्रो अब अपने काम की रफ्तार पकड़ने लगी है. कॉरिडोर-2 के साथ कॉरिडोर-1 पर कार्य चल रहा है. नगर विकास विभाग की ओर से कॉरिडोर के कार्य पर लगभग चर्चा पूरी हो गई है. हालांकि, अभी कॉरिडोर-2 पर काम की रफ्तार ने तेज गति पकड़ ली है. मीठापुर और खेमनीचक तक पहुंचने वाले रास्ते में निर्माण कार्य चल रहा है.
निर्माण की रफ्तार देख लोग खुश
निर्माण को लेकर लगभग इस इलाके की सभी सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट को हटा दिया गया है. नए बस स्टैंड से कॉरिडोर-2 पर कार्य चल रहा है. कार्य की रफ्तार को देखकर पटनावासी काफी खुश हैं. उनका मानना है कि यदि सरकार ने पटना वासियों को मेट्रो की सवारी कराने के लिए जो समय निर्धारित किया है. उस समय तक कार्य पूरा हो जाता है, तो सबसे ज्यादा खुशी हम लोगों को होगी.
कॉरिडोर-2 और कॉरिडोर-1 पर निर्माण
पटना मेट्रो कॉरिडोर-2 के लिए दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन कार्य करने में लगी हुई है. मेट्रो के कॉरिडोर-2 में प्राथमिकता के आधार पर कार्य शुरू किया गया है. इस कॉरिडोर में 7 स्टेशन अंडर ग्राउंड है. जबकि, 5 स्टेशन एलिवेटेड बनेंगे. पटना जंक्शन से आईएसबीटी तक जाने वाले कॉरिडोर-2 में राजेंद्र नगर के बाद से ही एलिवेटेड स्टेशन शुरू हो जाएंगे.
मेट्रो के काम की रफ्तार तेज
इस रूट का फर्स्ट एलिवेटेड स्टेशन मलाही पकड़ी तक होगा. इसके आगे खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरोमाइल और पाटलिपुत्र आईएसबीटी तक एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाने वाले हैं. जिसको लेकर कार्य चल रहा है. दिल्ली मेट्रो कार्पोरेशन की ओर से काम करने वाले सुपरवाइजर की माने तो काम की रफ्तार तेज है. पहले पिलर के लिए कार्य किए जा रहे हैं.
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लोगों को जाम से मिलेगा छुटकारा
बता दें कि मेट्रो के कॉरिडोर-2 के निर्माण के लिए डीएमआरसीएल की ओर से काम किया जा रहा है. डीएमआरसीएल ने राजेंद्र नगर में अंडरग्राउंड निर्माण के अलावा राजेंद्र नगर, मैनुलहक स्टेडियम, पटना यूनिवर्सिटी, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी के बाईपास अंडर पास मेट्रो स्टेशन निर्माण को लेकर कार्य करना है.
प्रोजेक्ट की लागत 1951 करोड़
इस प्रोजेक्ट की लागत 1951 करोड़ रुपए है. इस प्रोजेक्ट को 42 महीने में पूरा किया जाना है. मलाही पकड़ी के लिए आईएसबीटी तक लाइन निर्माण के लिए पहले से टेंडर फाइल किया जा चुका है. वही काम चल रहा है.