नई दिल्ली: पटना, सूरत, आगरा, भोपाल और इंदौर में मेट्रो परियोजनाओं की धीमी गति को देखते हुए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) ने संबंधित राज्य सरकारों से पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक (एमडी) नियुक्त करने को कहा है. साथ ही कहा है कि मेट्रो परियोजनाओं के लिए और नई अनुमानित समय सीमा का पालन करें.
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की फील्ड रिपोर्ट में कहा गया है कि पटना, सूरत, आगरा, भोपाल और इंदौर में मेट्रो परियोजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति बहुत धीमी है (Metro projects running very slow).
एमओएचयूए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि 'इन विशिष्ट मेट्रो परियोजनाओं में पटना, भोपाल और इंदौर का प्रदर्शन बहुत खराब है. ये तीनों काफी समय से नॉन स्टार्टर थे. हमने संबंधित राज्य सरकार से इन परियोजनाओं के लिए फुल टाइम एमडी की नियुक्ति करने को कहा है.'
इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि मेट्रो परियोजनाएं बहुत जटिल हैं. अधिकारी ने कहा कि निविदाओं की पूर्व योग्यता, आवश्यकताएं, नियम और शर्तें भी बहुत जटिल हैं.
अधिकारी ने कहा कि 'अगर किसी मेट्रो प्रोजेक्ट में पार्ट टाइम एमडी हो तो मेट्रो प्रोजेक्ट से जुड़े मुद्दों को समझना बहुत मुश्किल हो जाता है. कई बार नियमित अंतराल पर सीईओ का बदलना भी एक बहुत बड़ा मुद्दा होता है.'
भारत में कुल 12 मेट्रो परियोजनाओं में से दिल्ली मेट्रो, महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम, बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड में पूर्णकालिक एमडी हैं.
दूसरी ओर, गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, मुंबई मेट्रो लाइन 3, नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट और मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में एमडी के पास अतिरिक्त प्रभार है. पटना, सूरत, आगरा, भोपाल और इंदौर सहित इन सभी मेट्रो को अपनी परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है.
समय सीमा बढ़ी : 2019 में स्वीकृत, 32.50 किमी लंबी पटना मेट्रो परियोजना जिसकी समय सीमा फरवरी 2024 थी उसे बढ़ाकर फरवरी 2027 कर दिया गया है. अब तक पटना परियोजना ने 5.50 प्रतिशत भौतिक प्रगति और 9.97 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हासिल की है.
इसी प्रकार, सूरत मेट्रो परियोजना को जून 2024 से मार्च 2025 तक विस्तारित समय सीमा मिली. इसमें भी 13.75 प्रतिशत भौतिक प्रगति और 11.31 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हुई है. आगरा मेट्रो परियोजना की अनुमानित समय सीमा 31 दिसंबर, 2025 है.
भोपाल मेट्रो परियोजना को नवंबर 2022 से दिसंबर 2026 तक विस्तारित किया गया, जबकि इंदौर मेट्रो परियोजना की समयसीमा नवंबर 2022 से बढ़ाकर दिसंबर 2026 कर दी गई है. अधिकारी ने कहा कि 1 फरवरी, 2023 तक केंद्र सरकार ने मेट्रो परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 17879.48 करोड़ रुपये की राशि जारी की है.