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Makar Sankranti 2023 : इस विधि विधान से भगवान सूर्य को करें प्रसन्न, दान का है खास महत्व - मकर संक्रांति पूजा विधि

भारत के कई राज्यों में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) के पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार मकर संक्रांति 2023 का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. इसके लिए अलग अलग राज्यों में पूजा करने की अलग-अलग विधि है. संक्रांति पर भगवान सूर्य व शनि देव की विशेष रूप से पूजा की जाती है.

Makar Sankranti Puja Method
मकर संक्रांति पूजा विधि
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Published : Jan 13, 2023, 1:41 PM IST

Updated : Jan 14, 2023, 8:52 AM IST

दिल्लीः नया साल 2023 का पहला पर्व मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा. पर्व के लिए लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी है. मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरा और महत्व है. इसके अलावा पूजा करने का विधि विधान भी अलग है. मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की पूजा की पूजा की जाती है. उनके लिए व्रत रखा जाता है और दिनभर श्रद्धा के मुताबिक दान दिया जाता है. इस दिन सूर्य के उत्तरायण होता है इसलिए इन सब चीजों का महत्व और बढ़ जाता है. मकर संक्रांति पर गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि ऐसा करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

मकर संक्रांति पर पूजा का महत्व
मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की पूजा करने की परंपरा है. देश के अलग-अलग भागों में मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों और परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है. लेकिन सभी जगह भगवान सूर्यदेव की पूजा की जाती है. इसकी वजह यह है कि इस दिन सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं और देवताओं का दिन आरंभ होता है. हालांकि इस साल संक्रांति का पुण्यकाल रविवार को पड़ रहा है, रविवार सूर्यदेव का दिन है. संक्रांति में भी सूर्य पूजा करते हैं. ऐसे में इस दिन अधिक फल प्राप्त होगा.

ऐसे करें भगवान सूर्य को प्रसन्न
मकर संक्रांति पर विधि विधान से पूजा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं. इसके लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहाने के पानी में तिल मिलाकर नहाएं. इसके बाद लाल कपड़े पहनें और दाहिने हाथ में जल लेकर पूरे दिन बिना नमक खाए व्रत करने का संकल्प लें. इसके बाद व्रत के साथ दिन में श्रद्धा अनुसार दान करने का भी संकल्प लें. फिर सूर्य देव को तांबे के लोटे में शुद्ध जल चढ़ाएं. इस जल में लाल फूल, लाल चंदन, तिल और थोड़ा-सा गुड़ मिलाएं. सूर्य को जल चढ़ाते हुए तांबे के बर्तन में जल गिराए. तांबे के बर्तन में इकट्ठा किया जल मदार के पौधे में डाल दें.

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. मिश्र के मुताबिक,15 जनवरी को मकर संक्रांति 2023 का पुण्यकाल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से प्रारंभ होगा और यह शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं, मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजे तक रहेगा. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. उसके बाद सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन दान पुण्य करने की भी बात कही गई है. मकर संक्रांति के दिन दान दक्षिणा और स्नान आदि का भी बेहद महत्व बताया गया है. मकर संक्रांति के दिन तिल से बनी चीजों का दान किया जाता है.

दिल्लीः नया साल 2023 का पहला पर्व मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा. पर्व के लिए लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी है. मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरा और महत्व है. इसके अलावा पूजा करने का विधि विधान भी अलग है. मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की पूजा की पूजा की जाती है. उनके लिए व्रत रखा जाता है और दिनभर श्रद्धा के मुताबिक दान दिया जाता है. इस दिन सूर्य के उत्तरायण होता है इसलिए इन सब चीजों का महत्व और बढ़ जाता है. मकर संक्रांति पर गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि ऐसा करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

मकर संक्रांति पर पूजा का महत्व
मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की पूजा करने की परंपरा है. देश के अलग-अलग भागों में मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों और परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है. लेकिन सभी जगह भगवान सूर्यदेव की पूजा की जाती है. इसकी वजह यह है कि इस दिन सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं और देवताओं का दिन आरंभ होता है. हालांकि इस साल संक्रांति का पुण्यकाल रविवार को पड़ रहा है, रविवार सूर्यदेव का दिन है. संक्रांति में भी सूर्य पूजा करते हैं. ऐसे में इस दिन अधिक फल प्राप्त होगा.

ऐसे करें भगवान सूर्य को प्रसन्न
मकर संक्रांति पर विधि विधान से पूजा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं. इसके लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहाने के पानी में तिल मिलाकर नहाएं. इसके बाद लाल कपड़े पहनें और दाहिने हाथ में जल लेकर पूरे दिन बिना नमक खाए व्रत करने का संकल्प लें. इसके बाद व्रत के साथ दिन में श्रद्धा अनुसार दान करने का भी संकल्प लें. फिर सूर्य देव को तांबे के लोटे में शुद्ध जल चढ़ाएं. इस जल में लाल फूल, लाल चंदन, तिल और थोड़ा-सा गुड़ मिलाएं. सूर्य को जल चढ़ाते हुए तांबे के बर्तन में जल गिराए. तांबे के बर्तन में इकट्ठा किया जल मदार के पौधे में डाल दें.

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. मिश्र के मुताबिक,15 जनवरी को मकर संक्रांति 2023 का पुण्यकाल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से प्रारंभ होगा और यह शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं, मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजे तक रहेगा. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. उसके बाद सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन दान पुण्य करने की भी बात कही गई है. मकर संक्रांति के दिन दान दक्षिणा और स्नान आदि का भी बेहद महत्व बताया गया है. मकर संक्रांति के दिन तिल से बनी चीजों का दान किया जाता है.

Last Updated : Jan 14, 2023, 8:52 AM IST
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