लखनऊ : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सोमवार (Ram Katha Museum) को राजधानी पहुंचे. वह सोमवार को संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन के लिए लखनऊ आए थे. इस एमओयू के तहत अंतरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय एवं आर्ट गैलरी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ स्थल को समर्पित किया गया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'साल 2020 में जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण को मंजूरी दी तो यह सनातन धर्म और भगवान राम के भक्ति मंदिर निर्माण पहला चरण था. जब हमने जमीन पर निर्माण शुरू किया, इसके लिए जब हमने इसे खोदना शुरू किया तो यहां राम मंदिर से जुड़ी पौराणिक चीजें मिलीं. कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण की समीक्षा के लिए ऑनलाइन मीटिंग के दौरान कहा कि राम मंदिर की खोदाई के दौरान जो मूर्तियां और चीजें मिल रही हैं वह किसी खजाने से कम नहीं हैं.'
उन्होंने कहा कि 'जब 1992 में मस्जिद का विध्वंस हुआ उस समय भी जो चीज वहां से निकलीं वह भी भगवान राम के काल के समय से हैं, इसलिए यहां से जो भी चीज खोदाई के दौरान हजारों साल चले संघर्ष के दौरान मिली हैं उन्हें संरक्षित रखने के लिए एक संग्रहालय का निर्माण किया जाना था. आज इस संग्रहालय का निर्माण कराकर उत्तर प्रदेश सरकार व पर्यटन विभाग ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को समर्पित किया है.' इस अवसर पर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा, मंदिर निर्माण समिति के सदस्य अनूप कुमार मित्तल, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार दुर्गा शंकर मिश्रा व मुख्य अतिथि के तौर पर पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के मंत्री जयवीर सिंह उपस्थित थे.
उन्होंने कहा कि 'जब हमने राम मंदिर के निर्माण के लिए खोदाई का काम शुरू किया तो गहराई से करीब 14 मीटर नीचे तक हमें यहां पर कई ऐसी चीजें मिली हैं, जिन्हें आज के समय में कोई भी सोच नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि खोदाई के समय 11वीं सदी के कन्नौज के राजाओं द्वारा अयोध्या में स्थापित किए गए शिलालेख मिले हैं, इसके साथ ही दो हजार साल पुराने धरोहर व पत्थर मिले हैं जिन्हें संरक्षित किया जाना काफी आवश्यक है. उन्होंने बताया कि जब साल 2003 में कोर्ट के आदेश पर मंदिर परिसर का कार्बन डेटिंग कराया गया तो उस समय कनाडा के वैज्ञानिक ने इसका कार्बन डेटिंग करते हुए रिपोर्ट दी थी कि हम जितना बड़ा राम मंदिर का परिसर समझते हैं, मंदिर उससे कहीं अधिक विशाल क्षेत्र में स्थित था. उन्होंने कहा कि जब मंदिर के निर्माण में संग्रहालय की बात सामने आई तो हमने इसे काफी गंभीरता से लिया और सरकार से संग्रहालय के निर्माण करने के लिए मदद की मांग की थी जो आज पूरी हो गई.'
इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि '1996 में वह लखनऊ छोड़कर दिल्ली चले गए थे. जब वह 2020 में मंदिर निर्माण से जुड़े तब उन्हें दोबारा से लखनऊ आने का मौका मिला. मंदिर निर्माण का प्रपोजल तैयार होकर आया तो उसमें एक संग्रहालय के निर्माण की भी बात शामिल थी. उन्होंने कहा कि इससे पहले मैंने प्रधानमंत्री संग्रहालय के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी. प्रधानमंत्री संग्रहालय में हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय तक के सभी विकास कार्यों और उनके अनुभवों से जुड़ी चीजों को संरक्षित किया गया है. अब इस संग्रहालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त 2023 तक के कार्यकाल से जुड़ी हुई चीजों को प्रधानमंत्री संग्रहालय में संरक्षित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय को बनाते समय मुझे जो अनुभव हुआ वही अनुभव को मैं अंतरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय के निर्माण में प्रयोग करूंगा. यह संग्रहालय न केवल भगवान राम से जुड़ी हुई चीजों को सनातन धर्म से जुड़े लोगों के सामने प्रस्तुत करेगा, बल्कि दुनिया के सामने भगवान राम के जीवन परिचय को भी देखने और समझने का एक बेहतर साधन बनेगा.'
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि 'देश, दुनिया में भगवान राम से जुड़ी काफी चीजें एक ही स्थान पर, संग्रह करने का प्रयास है. उनकी अमूल्य धरोहर, संरक्षित करेंगे. देश पीएम, सीएम का, चंपत राय का आभारी है. पूरा विश्व राम मंदिर के उद्घाटन का इंतजार कर रहा है. अगले साल जनवरी में पीएम के हाथों लोकार्पित होगा. यह पल संस्कृति को गौरव और भारत को गौरव दिलाने वाला होगा. देश और प्रदेश को पर्यटन, संस्कृति के क्षेत्र में काफी बढ़ावा मिलेगा. पर्यटन से राजस्व और रोजगार भी बढ़ेगा. काशी में काॅरिडोर बनने के बाद, कायाकल्प हुआ है. रोजगार और राजस्व बढ़ा है. काफी श्रद्धालु आ रहे हैं. देश के लिए उदाहरण है. लोगों के लिए खुशहाली का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर सनातन परंपरा को आगे बढ़ाएगा. राम के चरित्र को जीवन में उतार लें तो विकृतियां समाप्त होंगी और राम राज्य की स्थापना होगी. प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम के द्वारा जो संग्रहालय निर्मित किया गया था उस संग्रहालय को कैसे हम और अत्याधिक आधुनिक एवं सुंदर तरीके से जनमानस को समर्पित कर सकें उसका कैसे संरक्षण, संवर्धन एवं विकास कर सकें इस उद्देश्य को पूर्ति करने के लिए इस राम कथा संग्रहालय का निर्माण कराया गया है.