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Mumbai local songs: मुंबई लोकल में चालीस साल का सुहावना सफर विजय आशर

Mumbai local songs: मुंबई की उपनगरीय लोकल ट्रेनों में व्यस्त समय के दौरान बमुश्किल लेगरूम होता है, लेकिन पिछले 40 वर्षों से, एक यात्री अपने साथी यात्रियों के लिए पुराने फिल्मी गीतों के मधुर संगीत कार्यक्रम के लिए यात्रा को सहनीय बना रहा है. आइए जानते हैं इस सुरीले सफर के पीछे की वजह और इसे मिलने वाली प्रतिक्रिया.

Melodious journey of forty years of Mumbai local songs
Mumbai local songs: मुंबई लोकल में चालीस साल का सुहावना सफर विजय आशर
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Published : Feb 8, 2023, 10:09 PM IST

Updated : Feb 8, 2023, 10:55 PM IST

मुंबई लोकल में विजय आशर

मुंबई: मुंबई में वेस्टर्न सबअर्बन रेलवे सर्विस के चर्चगेट रेलवे स्टेशन से भायंदर लोकल ट्रेन शाम 6.41 बजे रवाना होती है. ऑफिस से निकलते ही यह ट्रेन यात्रियों से खचाखच भर जाती है. जब ट्रेन चर्चगेट रेलवे स्टेशन पर भर रही होती है, कुछ यात्री मरीन लाइन्स रेलवे स्टेशन पर चढ़ते हैं और ट्रेन की घोषणा अगले स्टेशन से शुरू होती है. उसके बाद ट्रेन में किशोर कुमार की आवाज में सुंदर और श्रव्य फिल्मी गाने बजने लगते हैं, जिससे भीड़ से परेशान यात्रियों के चेहरे खिल उठते हैं और उनके साथ-साथ उनके होठ भी गुनगुनाने लगते हैं. प्रत्येक बुधवार और शनिवार को भायंदर लोकल का यह नियमित डाबा एक अनोखे सांग कंसर्ट में बदल जाता है. Melodious journey of forty years of Mumbai local songs

कौन हैं विजय अशर?
विजय आशर और उनके साथी यात्री मरीन लाइन्स रेलवे स्टेशन पर एक लोकल में सवार होते हैं. प्रत्येक बुधवार और शनिवार को विजय सर अपनी सुरीली आवाज में गीत प्रस्तुत करते हैं. विजय अशर मीरा रोड में रहते हैं. 72 साल की उम्र में भी वह एक शिपिंग कंपनी में बड़े चाव से काम कर रहे हैं. चूंकि वह पिछले चालीस वर्षों से इस यात्रा को कर रहे हैं, इसलिए उनके गीतों के पीछे का उद्देश्य भीड़ में यात्रा को सहयात्रियों के लिए सहने योग्य बनाना और कुछ समय के लिए उनका मनोरंजन करना है. वे यात्रियों से प्रतिक्रिया के अलावा कुछ नहीं की उम्मीद करते हैं.

भूले हुए गाने याद रखें
विजय आशर कहते हैं कि ये पुराने गाने हम इसलिए गाते हैं कि हिंदी के कई पुराने गाने आज की पीढ़ी को पता न चले या भुला दिए जा रहे हों, ताकि वो लोगों के दिलों में बसे रहें या उन्हें बार-बार सामने लाएं. विजय कहते हैं कि हमारा मकसद फिल्मी संगीत को जिंदा रखना और पुराने गानों के स्वाद को जिंदा रखना है. जनता की ओर से स्पीकर का तोहफा भायंदर लोकल में हर बुधवार और शनिवार को सहयात्रियों को ये दोस्ती पसंद आई.

आशर कहते हैं कि उन्हें जो खुशी मिली है, वह हमारे लिए लाखों की है. लोगों ने खुद पैसा इकट्ठा किया और विजय आशर को स्पीकर और माइक गिफ्ट किया, इसलिए उनके कॉन्सर्ट अब माइक पर होने लगे हैं, ताकि लोकल कोच में सवार सभी यात्री इसका लुत्फ उठा सकें. दरअसल, आशर मुंबई के स्थानीय भीड़-भाड़ वाले समय के संगीत कार्यक्रम यात्रा को सहने योग्य और यात्रियों के लिए सुखद बनाने में मदद करते हैं.

उनके साथी यात्रियों का कहना है कि हम बुधवार-शनिवार का इंतजार करते हैं. वे खाना लाते हैं. तो गाने और साथ में खाना कॉन्सर्ट को बहुत रंगीन बना देता है. आधे घंटे का सफर कब खत्म हो जाए, पता नहीं. इसलिए उन्हें बुधवार और शनिवार का इंतजार करना होगा. विजय आशर के लिए इन स्थानीय अभ्यारण्यों से सफर करने वाले यात्री काफी सुखद यात्रा कर पाते हैं.


ये भी पढ़ें: मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सर्वर डाउन, यात्रियों की चेकिंग हुई प्रभावित

मुंबई लोकल में विजय आशर

मुंबई: मुंबई में वेस्टर्न सबअर्बन रेलवे सर्विस के चर्चगेट रेलवे स्टेशन से भायंदर लोकल ट्रेन शाम 6.41 बजे रवाना होती है. ऑफिस से निकलते ही यह ट्रेन यात्रियों से खचाखच भर जाती है. जब ट्रेन चर्चगेट रेलवे स्टेशन पर भर रही होती है, कुछ यात्री मरीन लाइन्स रेलवे स्टेशन पर चढ़ते हैं और ट्रेन की घोषणा अगले स्टेशन से शुरू होती है. उसके बाद ट्रेन में किशोर कुमार की आवाज में सुंदर और श्रव्य फिल्मी गाने बजने लगते हैं, जिससे भीड़ से परेशान यात्रियों के चेहरे खिल उठते हैं और उनके साथ-साथ उनके होठ भी गुनगुनाने लगते हैं. प्रत्येक बुधवार और शनिवार को भायंदर लोकल का यह नियमित डाबा एक अनोखे सांग कंसर्ट में बदल जाता है. Melodious journey of forty years of Mumbai local songs

कौन हैं विजय अशर?
विजय आशर और उनके साथी यात्री मरीन लाइन्स रेलवे स्टेशन पर एक लोकल में सवार होते हैं. प्रत्येक बुधवार और शनिवार को विजय सर अपनी सुरीली आवाज में गीत प्रस्तुत करते हैं. विजय अशर मीरा रोड में रहते हैं. 72 साल की उम्र में भी वह एक शिपिंग कंपनी में बड़े चाव से काम कर रहे हैं. चूंकि वह पिछले चालीस वर्षों से इस यात्रा को कर रहे हैं, इसलिए उनके गीतों के पीछे का उद्देश्य भीड़ में यात्रा को सहयात्रियों के लिए सहने योग्य बनाना और कुछ समय के लिए उनका मनोरंजन करना है. वे यात्रियों से प्रतिक्रिया के अलावा कुछ नहीं की उम्मीद करते हैं.

भूले हुए गाने याद रखें
विजय आशर कहते हैं कि ये पुराने गाने हम इसलिए गाते हैं कि हिंदी के कई पुराने गाने आज की पीढ़ी को पता न चले या भुला दिए जा रहे हों, ताकि वो लोगों के दिलों में बसे रहें या उन्हें बार-बार सामने लाएं. विजय कहते हैं कि हमारा मकसद फिल्मी संगीत को जिंदा रखना और पुराने गानों के स्वाद को जिंदा रखना है. जनता की ओर से स्पीकर का तोहफा भायंदर लोकल में हर बुधवार और शनिवार को सहयात्रियों को ये दोस्ती पसंद आई.

आशर कहते हैं कि उन्हें जो खुशी मिली है, वह हमारे लिए लाखों की है. लोगों ने खुद पैसा इकट्ठा किया और विजय आशर को स्पीकर और माइक गिफ्ट किया, इसलिए उनके कॉन्सर्ट अब माइक पर होने लगे हैं, ताकि लोकल कोच में सवार सभी यात्री इसका लुत्फ उठा सकें. दरअसल, आशर मुंबई के स्थानीय भीड़-भाड़ वाले समय के संगीत कार्यक्रम यात्रा को सहने योग्य और यात्रियों के लिए सुखद बनाने में मदद करते हैं.

उनके साथी यात्रियों का कहना है कि हम बुधवार-शनिवार का इंतजार करते हैं. वे खाना लाते हैं. तो गाने और साथ में खाना कॉन्सर्ट को बहुत रंगीन बना देता है. आधे घंटे का सफर कब खत्म हो जाए, पता नहीं. इसलिए उन्हें बुधवार और शनिवार का इंतजार करना होगा. विजय आशर के लिए इन स्थानीय अभ्यारण्यों से सफर करने वाले यात्री काफी सुखद यात्रा कर पाते हैं.


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Last Updated : Feb 8, 2023, 10:55 PM IST
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