मुंबई : ईडी ने मेहुल चोकसी को एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित (declared fugitive economic offender ) करने की मांग की है. वहीं चोकसी ने हाईकोर्ट से कार्यवाही रोकने का अनुरोध किया है.
मेहुल चोकसी 14,500 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले (pnb fraud case) में आरोपी है. उसने बृहस्पतिवार को वरिष्ठ अधिवक्ता विजय अग्रवाल के मार्फत उच्च न्यायालय का रुख किया.
ईडी ने 2019 में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) अदालत में एक अर्जी देकर चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की थी.
अधिनियम के मुताबिक किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है, यदि 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक की संलिप्तता वाले अपराध के लिए उसके खिलाफ वारंट जारी किया गया हो और यदि व्यक्ति देश छोड़ कर चला गया हो और लौटने से इनकार कर रहा हो.
चोकसी ने अपनी अर्जी में कहा है कि उसे भगोड़ा आरोपी व्यक्ति घोषित नहीं किया जा सकता क्योंकि वह आपराधिक अभियोजन से बचने के लिए भारत छोड़ कर नहीं गया था बल्कि वह अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने से पहले चला गया था.
कारोबारी ने कहा है कि जुलाई 2021 में उसे डोमिनिका में एक अदालत ने जमानत दी थी और इलाज के लिए एंटीगुआ और बारबुडा की यात्रा (Visit Antigua and Barbuda) करने की अनुमति दी थी.
हालांकि चोकसी शहर में विशेष पीएमएलए अदालत में जारी कार्यवाही के चलते यात्रा में दिक्कत का सामना कर रहा है. अग्रवाल ने कहा कि भारतीय अधिकारियों के लिए यह दलील देना अनुचित है कि चोकसी इरादतन भारत लौटने से इनकार कर रहा है.
वकील ने दलील दी कि चोकसी आपराधिक अभियोजन का सामना करने के डर से भारत लौटने से इनकार नहीं कर रहा बल्कि अपनी मेडिकल स्थिति के कारण यात्रा मे अक्षम रहने के चलते ऐसा करने से रूक रहा है.
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वहीं, ईडी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता हितेन वेनगावकर ने चोकसी की अर्जी का विरोध किया और विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. उच्च न्यायालय ने केंद्रीय एजेंसी को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया और विषय की अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख दी.
(पीटीआई-भाषा)