श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को अगले आदेश तक घर में नजरबंद (Mehbooba Mufti House Arrest) कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने महबूबा मुफ्ती को हाउस अरेस्ट करने का आदेश जारी किया है.
इससे पहले पीडीपी ने एक ट्वीट में महबूबा को रोके जाने को लेकर आपत्ति जाहिर की थी. पुलिस द्वारा महबूबा को रोके जाने पर पीडीपी ने ट्वीट कर लिखा था कि प्रेस कॉलोनी में पीड़ित परिवार से मिलने से महबूबा को रोका गया. पीडीपी ने सवाल किया कि क्या नागरिकों द्वारा पार्थिव शरीर की मांग करना भी अब अपराध बन गया है?
महबूबा ने हैदरपोरा मुठभेड़ में नागरिकों की कथित हत्या के विरोध में बुधवार को हुए प्रदर्शन का नेतृत्व किया. जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'सरकार क्रूर है, हत्या करने के बाद शव भी वापस नहीं दिए.' उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र में स्थिति और खराब हो जाएगी, जो पहले ही एक राज्य से एक केंद्र शासित प्रदेश में बदल चुका है.
उन्होंने कहा, 'आतंकवाद से निपटने के बहाने आम नागरिक मारे जा रहे हैं.' महबूबा ने कहा कि यह ज्ञात नहीं है कि हैदरपोरा मुठभेड़ में कोई आतंकवादी मारा गया या नहीं, लेकिन मारे गए तीन नागरिकों के परिवारों का कहना है कि वे निर्दोष थे. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने आगे कहा, 'उनके परिवार के सदस्य उनके पार्थिव शरीर वापस चाहते हैं.'
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'हम सरकार से पूछ रहे हैं कि आप आखिर कितनी क्रूरता करेंगे. कश्मीरी पाकिस्तान के साथ नहीं गए, जब उसने 1947 में कश्मीर में बंदूकधारियों को भेजा था. तब कश्मीरियों ने इसे खारिज कर दिया था. आज भी कश्मीरियों को बंदूकों से नहीं दबाया जा सकता है. कश्मीरी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे.'
(एजेंसी इनपुट)