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गिलानी के पार्थिव शरीर को पाक झंडे में लपेटने पर दर्ज FIR की महबूबा ने की आलोचना - Geelani's body in Pak flag

अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगने और उनके पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने पर प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार की आलोचना की.

महबूबा
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Published : Sep 5, 2021, 6:44 PM IST

श्रीनगर : अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगने और उनके पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने पर प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर रविवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार की आलोचना की.

एक वीडियो क्लिप में गिलानी के पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिखाया गया था जिसका संज्ञान लेते हुए बड़गाम पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के तहत अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था.

यह भी पढ़ें- अलगाववादी नेता गिलानी के परिवार के खिलाफ FIR, देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप

पुलिस जैसे ही गिलानी के शव तक पहुंची, दिवगंत अलगाववादी नेता के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया था. प्राथमिकी की आलोचना करते हुए महबूबा ने ट्वीट किया कि कश्मीर को खुली हवा की जेल बना दिया गया है और मरे हुए लोगों को भी छोड़ा नहीं जा रहा. एक परिवार को अपनी मर्जी से दुख जताने और अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया जा रहा. गिलानी साहब के परिवार पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज करने से पता चलता है कि भारत सरकार भीतर तक निर्मम है. यह नए भारत का नया कश्मीर है.'

(पीटीआई भाषा)

श्रीनगर : अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगने और उनके पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने पर प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर रविवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार की आलोचना की.

एक वीडियो क्लिप में गिलानी के पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिखाया गया था जिसका संज्ञान लेते हुए बड़गाम पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के तहत अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था.

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पुलिस जैसे ही गिलानी के शव तक पहुंची, दिवगंत अलगाववादी नेता के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया था. प्राथमिकी की आलोचना करते हुए महबूबा ने ट्वीट किया कि कश्मीर को खुली हवा की जेल बना दिया गया है और मरे हुए लोगों को भी छोड़ा नहीं जा रहा. एक परिवार को अपनी मर्जी से दुख जताने और अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया जा रहा. गिलानी साहब के परिवार पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज करने से पता चलता है कि भारत सरकार भीतर तक निर्मम है. यह नए भारत का नया कश्मीर है.'

(पीटीआई भाषा)

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