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मेघालय उच्च न्यायालय ने असम-मेघालय सीमा समझौते पर लगाई अंतरिम रोक

असम और मेघालय के बीच चल रहे सीमा विवाद पर शिलांग हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दोनों राज्यों के बीच इस साल की शुरुआत में दोनों मुख्यमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित एक अंतरराज्यीय सीमा समझौते पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है. इसका मतलब ये हुआ कि जमीन पर भौतिक सीमांकन या सीमा चौकियों के निर्माण पर अंतरिम रोक लग चुकी है.

meghalaya high court
मेघालय हाईकोर्ट
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Published : Dec 9, 2022, 2:27 PM IST

Updated : Dec 9, 2022, 5:02 PM IST

शिलांग : मेघालय उच्च न्यायालय ने इस साल की शुरुआत में असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित एक अंतरराज्यीय सीमा समझौते के संबंध में जमीन पर भौतिक सीमांकन या सीमा चौकियों के निर्माण पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा और असम के उनके समकक्ष हिमंत विश्व शर्मा ने दोनों राज्यों के बीच अकसर तनाव उत्पन्न करने वाले 12 विवादित क्षेत्रों में से कम से कम छह के सीमांकन के लिए इस साल मार्च में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.

मेघालय के चार ‘ट्रेडिशनल’ (आदिवासी) प्रमुख की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एच. एस. थांगखिव ने छह फरवरी 2023 को मामले की अगली सुनवाई तक इस पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति थांगखिव ने कहा, 'इस दौरान 29.03.2022 के समझौता ज्ञापन के तहत, अगली सुनवाई तक कोई भौतिक सीमांकन या जमीन पर सीमा चौकियों का निर्माण नहीं किया जाएगा.''

याचिका में उच्च न्यायालय से दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया गया था. याचिका में दावा किया गया कि यह संविधान की छठी अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, जो आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है.

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ टिप्पणियां खारिज की

शिलांग : मेघालय उच्च न्यायालय ने इस साल की शुरुआत में असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित एक अंतरराज्यीय सीमा समझौते के संबंध में जमीन पर भौतिक सीमांकन या सीमा चौकियों के निर्माण पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा और असम के उनके समकक्ष हिमंत विश्व शर्मा ने दोनों राज्यों के बीच अकसर तनाव उत्पन्न करने वाले 12 विवादित क्षेत्रों में से कम से कम छह के सीमांकन के लिए इस साल मार्च में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.

मेघालय के चार ‘ट्रेडिशनल’ (आदिवासी) प्रमुख की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एच. एस. थांगखिव ने छह फरवरी 2023 को मामले की अगली सुनवाई तक इस पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति थांगखिव ने कहा, 'इस दौरान 29.03.2022 के समझौता ज्ञापन के तहत, अगली सुनवाई तक कोई भौतिक सीमांकन या जमीन पर सीमा चौकियों का निर्माण नहीं किया जाएगा.''

याचिका में उच्च न्यायालय से दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया गया था. याचिका में दावा किया गया कि यह संविधान की छठी अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, जो आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है.

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Last Updated : Dec 9, 2022, 5:02 PM IST
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