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बाढ़ नियंत्रण-प्रबंधन मुद्दे पर कर्नाटक सीएम व महाराष्ट्र के मंत्री के साथ बैठक - Maharashtra Minister

सीएम कार्यालय में कृष्णा नदी घाटी में बाढ़ नियंत्रण और प्रबंधन के मुद्दे पर महाराष्ट्र के जल संसाधन विभाग के मंत्री जयंत पाटिल के साथ बड़ी बैठक की गई. करीब 50 मिनट तक बैठक में सीएम ने कृष्णा और भीमा नदी में बाढ़ के खतरों को लेकर लंबी चर्चा की.

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Published : Jun 19, 2021, 3:14 PM IST

बेंगलुरु : सीएम वीएस येदयुरप्पा व महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल के बीच महत्वपूर्ण बैठक की गई. दोनों राज्यों की बैठक में समन्वय से काम करने के लिए बाढ़ नियंत्रण के मुद्दे पर चर्चा हुई है.

बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि हमने कृष्णा और भीमा नदी में बाढ़ आपदाओं के बारे में बात की है. पानी के निर्वहन, वर्षा और पानी के आदान-प्रदान के बारे में चर्चा की गई. 4 टीएमसी पानी के अधिग्रहण पर एक तकनीकी सलाहकार समिति बनाने का निर्णय लिया गया है.

गर्मियों में और बारिश के मौसम में महाराष्ट्र को उतनी ही मात्रा में पानी छोड़ते हैं. दूध गंगा, महाराष्ट्र और कर्नाटक की एक संयुक्त परियोजना दो साल में पूरी होने वाली है. कर्नाटक जल संसाधन मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कृष्णा बेसिन महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच साझा करता है. जब बारिश अधिक होती है तो पानी छोड़ दिया जाता है.

पानी को चरणबद्ध तरीके से छोड़ना सबसे अच्छा होता है. इसमें 48 घंटे का समय लगेगा और बाढ़ की स्थिति को संभाला जा सकता है. बोम्मई ने कहा कि दूध गंगा परियोजना का काम हमारी ओर से पूरा हो गया है. उनका हिस्सा अभी भी लंबित है. इसे पूरा करने पर सहमति बनी है. हम बारिश के मौसम में महाराष्ट्र को पानी उपलब्ध कराने पर सहमत हुए हैं.

यह भी पढ़ें-वित्त मंत्रालय ने स्विस बैंकों में काले धन की मीडिया रिपोर्टस का किया खंडन

जल संसाधन विभाग के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि हमने आज महाराष्ट्र और कर्नाटक पर कई चर्चाएं कीं. बातचीत का विषय बाढ़ ही रहा. पिछले कई वर्षों में हमारे बीच समन्वय रहा है. कोल्हापुर क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से बारिश हो रही है. इसलिए बाढ़ को रोकने के लिए चर्चा की गई है.

बेंगलुरु : सीएम वीएस येदयुरप्पा व महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल के बीच महत्वपूर्ण बैठक की गई. दोनों राज्यों की बैठक में समन्वय से काम करने के लिए बाढ़ नियंत्रण के मुद्दे पर चर्चा हुई है.

बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि हमने कृष्णा और भीमा नदी में बाढ़ आपदाओं के बारे में बात की है. पानी के निर्वहन, वर्षा और पानी के आदान-प्रदान के बारे में चर्चा की गई. 4 टीएमसी पानी के अधिग्रहण पर एक तकनीकी सलाहकार समिति बनाने का निर्णय लिया गया है.

गर्मियों में और बारिश के मौसम में महाराष्ट्र को उतनी ही मात्रा में पानी छोड़ते हैं. दूध गंगा, महाराष्ट्र और कर्नाटक की एक संयुक्त परियोजना दो साल में पूरी होने वाली है. कर्नाटक जल संसाधन मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कृष्णा बेसिन महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच साझा करता है. जब बारिश अधिक होती है तो पानी छोड़ दिया जाता है.

पानी को चरणबद्ध तरीके से छोड़ना सबसे अच्छा होता है. इसमें 48 घंटे का समय लगेगा और बाढ़ की स्थिति को संभाला जा सकता है. बोम्मई ने कहा कि दूध गंगा परियोजना का काम हमारी ओर से पूरा हो गया है. उनका हिस्सा अभी भी लंबित है. इसे पूरा करने पर सहमति बनी है. हम बारिश के मौसम में महाराष्ट्र को पानी उपलब्ध कराने पर सहमत हुए हैं.

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जल संसाधन विभाग के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि हमने आज महाराष्ट्र और कर्नाटक पर कई चर्चाएं कीं. बातचीत का विषय बाढ़ ही रहा. पिछले कई वर्षों में हमारे बीच समन्वय रहा है. कोल्हापुर क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से बारिश हो रही है. इसलिए बाढ़ को रोकने के लिए चर्चा की गई है.

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