मेरठ: मेरठ आईटीआई (Meerut ITI) में अध्ययनरत छात्रों ने कबाड़ से खरीदकर ऐसी बाइक्स विकसित की हैं, जिन्हें चलाने में खर्च भी बेहद कम आने के दावे किए जा रहे हैं. संस्थान की ओर से बताया गया कि इस बाइक में सोलर प्लेट लगाई गई हैं. जिस वजह से महज 15 से 20 पैसे प्रति किलोमीटर के खर्च पर ये फर्राटा भर सकती हैं.
जहां एक ओर महंगाई आसमान छू रही है. तेल के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं वर्तमान समय में खर्चों को नियंत्रित करने को तमाम मशक्कते भी हो रही हैं. इसी कड़ी में मेरठ स्थित आईटीआई के छात्रों ने तो अपने हुनर के बल पर बेहद ही महत्वपूर्ण प्रयोग कर डाला है.
जी हां, मेरठ के साकेत स्थित आईटीआई के छात्रों ने अपने गुरुजनों से मार्गदर्शन पाकर न्यूनतम खर्च में संचालित होने वाली बाइक्स इजाद की हैं. इतना ही नहीं इसके लिए उन्होंने मेरठ के कबाड़ की मंडी के तौर पर प्रसिद्ध सोतीगंज के कबाड़ी बाजार से कबाड़ में से कुछ बाइक्स खरीदीं और उसके बाद फिर उन्हें अपने मुताबिक उन पर अपने हुनर को आजमाया.
इस बारे में आईटीआई के प्रशिक्षक व स्टाफ का कहना है कि ये सभी बच्चों की मेहनत का ही प्रतिफल है. मेरठ के साकेत स्थित आईटीआई के मैकेनिकल ट्रेड के छात्रों का दावा है कि जो दोपहिया वाहन कबाड़ की शक्ल में पहुंच चुके थे.
ऐसे ही वाहनों को कबाड़ी बाजार से महज ढाई से तीन हजार रुपये में खरीदकर लाया गया. संस्थान के जिम्मेदारों का कहना है कि छात्रों को पूरी छूट व सहयोग आईटीआई प्रशासन की तरफ से दी गई. इस बारे में आईटीआई के जिम्मेदार बताते हैं कि ये बाइक्स न सिर्फ इलेक्ट्रिक से चलेंगी, बल्कि सौर ऊर्जा के माध्यम से सड़कों पर फर्राटा भर सकती हैं.
पढ़ें : जम्मू-कश्मीर की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता में जीता स्वर्ण पदक
इस बारे में आईटीआई के जिम्मेदारों का कहना है कि महज दो यूनिट ऊर्जा में ये बाइक न्यूनतम 80 से 100 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती हैं. उन्होंने बताया कि सोलर प्लेट्स भी बाइक्स में लगाई गई हैं, जिससे रास्ते में चलते हुए बैटरी की पावर मेंटेन रखने में सोलर प्लेट कारगर है.
आईटीआई के प्रधानाचार्य पीपी अत्री ने बताया कि क्योंकि आईटीआई में छात्रों की क्रिएटिविटी को निखारने को हर सम्भव कोशिश होती है. वहीं जो भी अध्यापक व ट्रेनर हैं वो भी बेहद ही लगनशील हैं. उनकी मेहनत का ही प्रतिफल है कि इस प्रयोग को करने में साकेत स्थित आईटीआई के छात्रों व स्टाफ ने मिलकर ये सफलता हांसिल की है.
इस बारे में आईटीआई के प्रधानाचार्य पीपी अत्री कहते हैं कि कई कम्पनियों से उनकी बात चल रही है. लेकिन अभी कुछ भी कहना उचित नहीं है. इस बारे में आईटीआई के कॉर्डिनेटर बनी सिंह चौहान ने कहा कि छात्रों की मेहनत रंग लाई है और महज 20 हजार रुपये से भी कम खर्च में ये बाइक्स तैयार हो गई हैं.
उन्होंने बताया कि अभी भी शोध जारी है. ताकि और भी कम खर्च में इसके निर्माण को संभव किया जा सके. वहीं, आईटीआई के अध्यापकों व छात्रों का कहना है कि इसके माइलेज को और बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं.