नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने कोहिनूर (Kohinoor) को वापस भारत लाने पर बड़ा बयान दिया है. सरकार के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बारे में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. बता दें, भारत में अंग्रेजी शासन के दौरान अंग्रेज कोहिनूर समेत कई बहुमूल्य वस्तुएं अपने देश ले गए थे. कोहिनूर ब्रिटिश महारानी के क्राउन की शोभा बढ़ाता रहा. भारत में समय-समय पर इस बेशकीमती हीरे को वापस अपने देश लाने की मांग होती रही है, इसकी वापसी के लिए मुहिम भी चलती रही है. अब महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद इस मांग ने फिर से जोर पकड़ लिया है.
कोहिनूर को भारत वापस लाए जाने की मांग और इससे जुड़े अन्य सवालों को लेकर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह यूनाइटेड किंगडम से दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक कोहिनूर को वापस लाने के तरीकों का पता लगाना जारी रखेगा. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कोहिनूर को वापस लाने की मांग को लेकर एक सवाल पर विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कुछ साल पहले संसद में इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कुछ साल पहले संसद में इसका जवाब दिया था. हमने कहा है कि हम इस मामले का संतोषजनक समाधान निकालने के तरीके तलाशते रहेंगे.
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महारानी एलिजाबेथ-II की मृत्यु के बाद भारत में उठी कोहिनूर लाने की मांग
बता दें, 108 कैरेट का कोहिनूर रत्न महारानी विक्टोरिया को 1849 में महाराजा दलीप सिंह द्वारा दिया गया था. इसे महारानी ने 1937 में अपने मुकुट पर पहना था. ब्रिटिश मीडिया में इस संभावना के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अब अगले साल 6 मई को एक एक समारोह में कैमिला को ये रानी कंसोर्ट का ताज पहनाया जाएगा. बता दें कि इधर, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद, भारत में बड़ी संख्या में कोहिनूर की भारत वापसी की मांग की जा रही है.
पीटीआई