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मयोखा मित्र दुष्कर्म केस: आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध

केरल उच्च न्यायालय में सोमवार को उस व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया जिसने ओलंपियन मयोखा जॉनी की मित्र के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया और उसे ब्लैकमेल करने के लिए उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें लीं. अभियोजन ने कहा कि आरोपी को हिरासत में ले कर पूछताछ करने की जरूरत है.

केरल उच्च न्यायालय
केरल उच्च न्यायालय
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Published : Aug 2, 2021, 5:11 PM IST

कोच्चि : अभियोजन ने केरल उच्च न्यायालय में सोमवार को उस व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया जिसने ओलंपियन मयोखा जॉनी की मित्र के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया और उसे ब्लैकमेल करने के लिए उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें लीं. अभियोजन ने कहा कि आरोपी को हिरासत में ले कर पूछताछ करने की जरूरत है और उसका मोबाइल फोन भी अभी बरामद नहीं हुआ है.

न्यायमूर्ति श्रीसे वी के की एकल पीठ ने आरोपी की अग्रिम जमानत की याचिका पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस पर आदेश बाद में सुनाया जाएगा. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश के समक्ष अभियोजन ने कहा कि आरोपी के पुरुषत्व का अभी परीक्षण नहीं हुआ है.

इसके अलावा कई अन्य गवाहों से भी पूछताछ की जानी है और इसलिए उसे इस समय गिरफ्तारी से राहत नहीं दी जानी चाहिए. वहीं आरोपी ने अपनी दलील में कहा कि कथित घटना के पांच वर्ष बाद जुलाई 2016 में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई गई. साथ ही उसने दावा किया कि यह एम्परर इमैनुएल चर्च के दो धड़ों के बीच मतभेदों का परिणाम है.

इसे भी पढ़े-केरल रेप केस: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पीड़िता की आरोपी से शादी की याचिका

आरोपी सीसी जॉनसन ने दावा किया था कि वह और महिला इस गिरजाघर का हिस्सा थी और दुष्कर्म की शिकायत उसके गिरजाघर से जाने के बाद दर्ज कराई गई.

उसके वकील ने अदालत को बताया कि अपराध शाखा इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं दुष्कर्म के आरोप साजिश का हिस्सा तो नहीं हैं.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : अभियोजन ने केरल उच्च न्यायालय में सोमवार को उस व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया जिसने ओलंपियन मयोखा जॉनी की मित्र के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया और उसे ब्लैकमेल करने के लिए उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें लीं. अभियोजन ने कहा कि आरोपी को हिरासत में ले कर पूछताछ करने की जरूरत है और उसका मोबाइल फोन भी अभी बरामद नहीं हुआ है.

न्यायमूर्ति श्रीसे वी के की एकल पीठ ने आरोपी की अग्रिम जमानत की याचिका पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस पर आदेश बाद में सुनाया जाएगा. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश के समक्ष अभियोजन ने कहा कि आरोपी के पुरुषत्व का अभी परीक्षण नहीं हुआ है.

इसके अलावा कई अन्य गवाहों से भी पूछताछ की जानी है और इसलिए उसे इस समय गिरफ्तारी से राहत नहीं दी जानी चाहिए. वहीं आरोपी ने अपनी दलील में कहा कि कथित घटना के पांच वर्ष बाद जुलाई 2016 में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई गई. साथ ही उसने दावा किया कि यह एम्परर इमैनुएल चर्च के दो धड़ों के बीच मतभेदों का परिणाम है.

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आरोपी सीसी जॉनसन ने दावा किया था कि वह और महिला इस गिरजाघर का हिस्सा थी और दुष्कर्म की शिकायत उसके गिरजाघर से जाने के बाद दर्ज कराई गई.

उसके वकील ने अदालत को बताया कि अपराध शाखा इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं दुष्कर्म के आरोप साजिश का हिस्सा तो नहीं हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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