लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के दौरान हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक सद्भाव के प्रयासों की सराहना की है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को कहा कि यह निश्चित रूप से समाजवादी पार्टी सरकार में 2013 के दंगों के गहरे घावों को भरने में मदद करेगा.
उन्होंने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रविवार को हुई किसानों की महापंचायत में हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए भी प्रयास अति-सराहनीय. इससे निश्चय ही साल 2013 में सपा सरकार में हुए भीषण दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी, किन्तु यह बहुतों को असहज भी करेगी.'
बसपा नेता ने कहा, 'किसान देश की शान हैं तथा हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा के लिए मंच से साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए लगाए गए नारों से भाजपा की नफरत से बोयी हुई उनकी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई दिखने लगी है तथा मुजफ्फरनगर ने कांग्रेस व सपा के दंगा-युक्त शासन की भी याद लोगों के मन में ताजा कर दी है.'
मुजफ्फरनगर जिले में, हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच संघर्ष अगस्त-सितंबर 2013 में हुआ था. इसके परिणामस्वरूप हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के कम से कम 62 लोगों की मौतें हुई थीं.
गौरतलब हैं कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन किया था. जिसमें 27 सितंबर को 'भारत बंद' का एलान किया गया है.
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इस महापंचायत के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने मंच से अल्लाहु अकबर और हर हर महादेव के नारे लगवाए थे. टिकैत ने कहा कि अल्लाहु अकबर और हर हर महादेव के नारे पहले भी साथ-साथ लगते थे और आगे भी लगेंगे. उन्होंने अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत के समय का जिक्र करते हुए कहा कि उनके वक्त में भी ऐसे ही नारे लगा करते थे.
(पीटीआई-भाषा)