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मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी, प्रशासन मुस्तैद

पंचांग के अनुसार 11 फरवरी यानी आज अमावस्या की तिथि है. माघ मास की अमावस्या को महत्वपूर्ण माना गया है. कड़ाके की ठंड के भी अडिग आस्था लेकर श्रद्धालु स्नान करने के लिए घाटों पर पहुंच रहे हैं.

मौनी अमावस्या
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Published : Feb 11, 2021, 9:56 AM IST

Updated : Feb 11, 2021, 1:18 PM IST

प्रयागराज/ देहरादून : मौनी अमावस्या के अवसर पर गुरुवार को गंगा नदी में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. गंगा में पवित्र स्नान कर लोग विधि विधान से पूजन कर जरूरतमंदों को दान दे रहे हैं. कड़ाके की ठंड के बीच वाराणसी और प्रयागराज में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी है.

माघ मास की अमावस्या को महत्वपूर्ण माना गया है. पंचांग के अनुसार 11 फरवरी यानी आज अमावस्या की तिथि है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या का खास महत्व माना जाता है. इस दिन श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि का कामना करते हैं.

श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

शास्त्रों में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के नाम से भी जानते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है. मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है.

मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ फलदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है.

अमावस्या का है खास महत्व

श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसके लिए सिविल डिफेंस के वालंटियर जगह-जगह पर तैनात किए गए है. त्रिवेणी घाट, वीआईपी, अरैल, राम घाट, दशासुमेर, झूंसी और छतनाग घाट पर श्रद्धालुओं के साथ कोई घटना न हो इसके लिए जल पुलिस के जवानों को भी तैनात किया गया है.

मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों का बन रहा महासंयोग

मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और छह ग्रह मकर राशि में होने महासंयोग बना रहे हैं. इस शुभ संयोग को महोदय योग कहते हैं.

स्नान करने के लिए घाटों पर पहुंचे श्रद्धालु.

माघ अमावस्या 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त-

  • फरवरी 11, 2021 को 01:10:48 से अमावस्या आरम्भ.
  • फरवरी 12, 2021 को 00:37:12 पर अमावस्या समाप्त.

मौनी अमावस्या व्रत नियम-

  1. सुबह नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
  2. इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए. गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं.
  3. अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें.
  4. अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं.
  5. माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए. इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.

साथ ही साथ साफ सफाई के लिए स्वच्छता की टीमें भी तैनात की गई हैं. मौनी अमावस्या के पर्व पर प्रयागराज संगम में आज 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना जताई गई है. इसके मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम और यातायात की एकल व्यवस्था की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक जाने में आसानी रहे.

प्रयागराज/ देहरादून : मौनी अमावस्या के अवसर पर गुरुवार को गंगा नदी में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. गंगा में पवित्र स्नान कर लोग विधि विधान से पूजन कर जरूरतमंदों को दान दे रहे हैं. कड़ाके की ठंड के बीच वाराणसी और प्रयागराज में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी है.

माघ मास की अमावस्या को महत्वपूर्ण माना गया है. पंचांग के अनुसार 11 फरवरी यानी आज अमावस्या की तिथि है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या का खास महत्व माना जाता है. इस दिन श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि का कामना करते हैं.

श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

शास्त्रों में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के नाम से भी जानते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है. मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है.

मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ फलदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है.

अमावस्या का है खास महत्व

श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसके लिए सिविल डिफेंस के वालंटियर जगह-जगह पर तैनात किए गए है. त्रिवेणी घाट, वीआईपी, अरैल, राम घाट, दशासुमेर, झूंसी और छतनाग घाट पर श्रद्धालुओं के साथ कोई घटना न हो इसके लिए जल पुलिस के जवानों को भी तैनात किया गया है.

मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों का बन रहा महासंयोग

मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और छह ग्रह मकर राशि में होने महासंयोग बना रहे हैं. इस शुभ संयोग को महोदय योग कहते हैं.

स्नान करने के लिए घाटों पर पहुंचे श्रद्धालु.

माघ अमावस्या 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त-

  • फरवरी 11, 2021 को 01:10:48 से अमावस्या आरम्भ.
  • फरवरी 12, 2021 को 00:37:12 पर अमावस्या समाप्त.

मौनी अमावस्या व्रत नियम-

  1. सुबह नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
  2. इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए. गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं.
  3. अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें.
  4. अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं.
  5. माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए. इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.

साथ ही साथ साफ सफाई के लिए स्वच्छता की टीमें भी तैनात की गई हैं. मौनी अमावस्या के पर्व पर प्रयागराज संगम में आज 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना जताई गई है. इसके मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम और यातायात की एकल व्यवस्था की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक जाने में आसानी रहे.

Last Updated : Feb 11, 2021, 1:18 PM IST
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