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मौलाना मदनी ने दंगों के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया, कहा-सरकार का आश्रय ले रहा मोनू मानेसर

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Published : Aug 1, 2023, 10:23 PM IST

हरियाणा में सांप्रदायिक झड़पों (Haryana communal clashes case) पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने हरियाणा के सीएम को पत्र लिखा है.

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लखनऊ : हरियाणा में सांप्रदायिक झड़पें शुरू होने के एक दिन बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने मेवात में हाल के सांप्रदायिक दंगों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि ये अलग-अलग घटनाएं नहीं बल्कि क्षेत्र में नफरत-आधारित कार्यक्रमों के तहत संचालित संगठित आंदोलन का एक हिस्सा है.

सीएम से कार्रवाई की मांग : हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को संबोधित पत्र में मौलाना मदनी ने दोषी पुलिस अधिकारियों और दंगे भड़काने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की. मेवात में अशांति नूंह में सांप्रदायिक तत्वों द्वारा आयोजित एक उत्तेजक रैली से शुरू हुई. इससे सांप्रदायिक हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने बयान में आगे कहा है कि स्थिति के बारे में पूर्व सूचना और जनता को उकसाने की कोशिशों के बावजूद, प्रशासन ने तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए उचित कार्रवाई नहीं की.

मोनू मानेसर की गिरफ्तारी न होने पर चिंता : मौलाना मदनी ने पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि मेवात की स्थिति कोई अचानक हुई घटना नहीं है, बल्कि यह गुरुग्राम, मानेसर और पटोदी के इलाकों में मुसलमानों के खिलाफ लगातार नफरत आधारित कार्यक्रमों और खुले उकसावे का नतीजा है, यहां लिंचिंग की कई घटनाएं हुई हैं. इस दंगे के लिए सांप्रदायिकतत्वों को जिम्मेदार ठहराते हुए, मदनी ने मेवात में जुनैद और नासिर को जिंदा जलाने में कथित तौर पर शामिल आरोपी मोनू मानेसर को गिरफ्तार करने में विफलता पर चिंता व्यक्त की. कहा कि अंतरराष्ट्रीय बदनामी के बावजूद कथित सरकारी आश्रय और हिंदू चरमपंथी संगठनों की ओर से समर्थन प्रदान किया गया.

क्षेत्र में शांति व्यवस्था स्थापित करने के प्रयास में जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल गुरुग्राम पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल ने मृतक हाफिद साद के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. इस कठिन समय में सहायता भी प्रदान की.

यह भी पढ़ें : NCRT पाठ्यक्रम से मुगल साम्राज्य के अध्याय को हटाना निंदनीय और विवादास्पद- महमूद असद मदनी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी लिखा पत्र : जयपुर-मुंबई ट्रेन में रेलवे पुलिसकर्मी चेतन सिंह ने अपने वरिष्ठ और तीन मुस्लिम यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के एक दिन बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने घटना की निंदा की. कहा कि यह दुखद घटना नरसंहार की प्रवृत्ति के चिंताजनक उदय की याद दिलाती है. यहा मानवता और न्याय के सिद्धांतों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित एक पत्र में मदनी ने घटना की गंभीरता की ओर उनका ध्यान आकर्षित कराने पर जोर दिया है.

यह भी पढ़ें : दारुल उलूम में अंग्रेजी और आधुनिक विषय पढ़ाने पर रोक को लेकर मौलाना अरशद मदनी ने दी ये सफाई

लखनऊ : हरियाणा में सांप्रदायिक झड़पें शुरू होने के एक दिन बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने मेवात में हाल के सांप्रदायिक दंगों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि ये अलग-अलग घटनाएं नहीं बल्कि क्षेत्र में नफरत-आधारित कार्यक्रमों के तहत संचालित संगठित आंदोलन का एक हिस्सा है.

सीएम से कार्रवाई की मांग : हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को संबोधित पत्र में मौलाना मदनी ने दोषी पुलिस अधिकारियों और दंगे भड़काने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की. मेवात में अशांति नूंह में सांप्रदायिक तत्वों द्वारा आयोजित एक उत्तेजक रैली से शुरू हुई. इससे सांप्रदायिक हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने बयान में आगे कहा है कि स्थिति के बारे में पूर्व सूचना और जनता को उकसाने की कोशिशों के बावजूद, प्रशासन ने तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए उचित कार्रवाई नहीं की.

मोनू मानेसर की गिरफ्तारी न होने पर चिंता : मौलाना मदनी ने पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि मेवात की स्थिति कोई अचानक हुई घटना नहीं है, बल्कि यह गुरुग्राम, मानेसर और पटोदी के इलाकों में मुसलमानों के खिलाफ लगातार नफरत आधारित कार्यक्रमों और खुले उकसावे का नतीजा है, यहां लिंचिंग की कई घटनाएं हुई हैं. इस दंगे के लिए सांप्रदायिकतत्वों को जिम्मेदार ठहराते हुए, मदनी ने मेवात में जुनैद और नासिर को जिंदा जलाने में कथित तौर पर शामिल आरोपी मोनू मानेसर को गिरफ्तार करने में विफलता पर चिंता व्यक्त की. कहा कि अंतरराष्ट्रीय बदनामी के बावजूद कथित सरकारी आश्रय और हिंदू चरमपंथी संगठनों की ओर से समर्थन प्रदान किया गया.

क्षेत्र में शांति व्यवस्था स्थापित करने के प्रयास में जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल गुरुग्राम पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल ने मृतक हाफिद साद के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. इस कठिन समय में सहायता भी प्रदान की.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी लिखा पत्र : जयपुर-मुंबई ट्रेन में रेलवे पुलिसकर्मी चेतन सिंह ने अपने वरिष्ठ और तीन मुस्लिम यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के एक दिन बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने घटना की निंदा की. कहा कि यह दुखद घटना नरसंहार की प्रवृत्ति के चिंताजनक उदय की याद दिलाती है. यहा मानवता और न्याय के सिद्धांतों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित एक पत्र में मदनी ने घटना की गंभीरता की ओर उनका ध्यान आकर्षित कराने पर जोर दिया है.

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