नई दिल्ली : जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के उस बयान की भाजपा ने निंदा की है, जिसमें उन्होंने गैर मुसलमानों से अपनी बेटियों को सह-शिक्षा वाले स्कूलों में न भेजने की अपील की थी. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि मदनी जैसे लोग ही भारत में तालिबान समर्थित विचारों को फैला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मदनी जैसे लोग भारत के मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं. मुस्लिम महिलाओं की 'सह-शिक्षा' पर सवाल उठाना उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है. मदनी को पता होना चाहिए कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यहां चीजें तालिबानी सोच के अनुसार नहीं चलती है, बल्कि संविधान के अनुसार पर चलती हैं.
जमाल सिद्दीकी ने कहा कि सालों से मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की जैसी समाजिक बुराइयों से बांधकर रखा गया था और अब उनकी शिक्षा पर भी प्रतिबंध लगाने की कोशिश की जा रही है.
दरअसल, जेयूएच की कार्यसमिति की बैठक के बाद सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में मदनी ने कहा कि अनैतिकता और अश्लीलता किसी धर्म की शिक्षा नहीं है. दुनिया के हर धर्म में इसकी निंदा की गई है, क्योंकि यही चीजें हैं जो देश में दुर्व्यवहार फैलाती हैं. इसलिए, हम अपने गैर-मुस्लिम भाइयों से भी कहेंगे कि वे अपनी बेटियों को अनैतिकता और दुर्व्यवहार से दूर रखने के लिए सह-शिक्षा देने से परहेज करें और उनके लिए अलग शिक्षण संस्थान स्थापित करें.
यह भी पढ़ें- ईंधन की कीमतों में उछाल पर राहुल भड़के, कहा- लोगों को सीधी चोट
कार्यसमिति की बैठक के दौरान बालक-बालिकाओं के लिए स्कूल-कॉलेजों की स्थापना, विशेष रूप से लड़कियों के लिए धार्मिक वातावरण में अलग-अलग शिक्षण संस्थान और समाज में सुधार के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई.
मदनी ने कहा कि आज की स्थिति में लोगों को अच्छे मदरसों और उच्च धर्मनिरपेक्ष शिक्षण संस्थानों की जरूरत है, जिसमें बच्चों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान किए जा सकें. मदनी ने कहा कि मुसलमानों को अपने बच्चों को किसी भी कीमत पर उच्च शिक्षा से लैस करना चाहिए.