चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्य वन्यजीव वार्डन (Tamil Nadu Chief Wildlife Warden) शेखर कुमार नीरज (Shekhar Kumar Niraj) को बाघ टी-23 का शिकार करने का आदेश जारी किए चार दिन हो चुके हैं. वहीं पिछले नौ दिनों से वन अधिकारी और विशेष टीमें बाघ के लिए जंगलों में तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं.
शनिवार को भी चलाए गए तलाशी अभियान (search operation) का कोई खास नतीजा नहीं निकला. वन दल बाघ का पता नहीं लगा सके जो मायावी बना हुआ है. टी23 टाइगर की तलाश में दो मेडिकल टीम और 50 से ज्यादा वन अधिकारी जुटे हुए हैं. बाघ की लोकेशन का पता लगाने के लिए पहली बार खोजी कुत्ते का इस्तेमाल किया गया है. इस ऑपरेशन के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित चार एलीट टीमें कोयंबटूर से मुदुमलाई (Coimbatore to Mudumalai) आई हैं.
इस पहले बाघ को गोली मारने के आदेश के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) में मामला दर्ज किया गया था. इसका जवाब देते हुए चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन ने कहा है कि वे बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
बाघ को मारने की वन विभाग की कोई मंशा नहीं है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि दो दिनों में बाघ को पकड़ लिया जाएगा.
मसीनागुडी में बाघ द्वारा के चार लोगों की हत्या के बाद से अधिकारियों पर कुख्यात बाघ से निपटने का दबाव बढ़ रहा है. इसके बाद नीरज ने टी23 को शिकार करने का आदेश जारी किया. आदेश जारी होने के बाद पांच विशेष टीमों का गठन किया गया.
वन विभाग के आदेश में कहा गया है कि जुलाई के बाद से बाघों के हमले होने लगे थे. अन्य बाघों के साथ लड़ाई में 10 - 11 वर्ष की आयु का नर बाघ घायल हो गया औऱ भटक गया. यह बाघ इंसानों और पशुओं के लिए खतरनाक हो गया.
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गुदालुर वन कार्यालय एवं नीलगिरी जिला कलेक्टर (Gudalur Forest Office and the Nilgiris district collector) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद मुख्य वन्य जीव वार्डन ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 11 एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जारी प्रावधानों के तहत समस्याग्रस्त बाघ को पकड़ने का आदेश जारी किया है. .
बता दें कि मसीनागुडी, जो मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है, मानव-पशु संघर्ष के लिए जाना जाता है.