रायपुर: हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने एक बयान जारी किया था. किरणमयी नायक का बयान काफी चर्चा में रहा. दरअसल उन्होंने कहा था कि "प्रीवेडिंग शूट महिलाओं के भविष्य के लिए खतरनाक है." इस बयान पर कई समाज और संगठन के लोगों ने सहमति जताई है.
क्यों दिया किरणमयी नायक ने ये बयान: किरणमयी नायक ने अपने बयान को लेकर कहा कि "आयोग में एक ऐसा मामला आया था. शादी के दो दिन पहले ही रिश्ता टूट गया. जिसके बाद महिला आयोग में लड़की पक्ष ने शिकायत की. शिकायत के बाद लड़की पक्ष के खर्चे का पैसा लड़का पक्ष से दिलवाया गया. प्री वेडिंग शूट के फोटो को लेकर लड़की पक्ष काफी परेशान थे. महिला आयोग ने प्री वेडिंग शूट की सभी तस्वीरें डिलीट करवाए. भविष्य में किसी भी तरह की फोटो को ऑनलाइन लीक न करने की बात पर हस्ताक्षर कराया. आने वाले दिनों में प्रीवेडिंग शूट के कारण लड़कियों को कोई दिक्कत न हो इसलिए मैंने ये बयान दिया था."
बयान के बाद बढ़ा बवाल: किरणमयी नायक के बयान के बाद कई संगठनों ने प्री वेडिंग शूट को लेकर नकारात्मकता जाहिर की है. कई समाज के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. इन समाजों ने नायक के बयान पर सहमति जताते हुए प्री-वेडिंग शूट का विरोध किया है.
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कुनबी समाज ने किया विरोध: छत्तीसगढ़ कुनबी समाज के प्रदेश सचिव अमित दोए ने प्री वेडिंग शूट का विरोध किया. उन्होंने कहा, "प्री वेडिंग शूट नहीं होना चाहिए. इस शूट के माध्यम से बहुत से इंटीमेट सीन क्रिएट किए जाते हैं, जो एक शालीन और सभ्य समाज को शोभा नहीं देता. दूर किसी हिल स्टेशन में जाकर अकेले लड़का-लड़की का शूट करना अच्छा नहीं लगता. इसीलिए हमारे समाज में प्री वेडिंग शूट को ना करने की हम लोगों को सलाह दे रहे हैं."
गलत परिणाम आ रहे सामने: कुनबी समाज के अध्यक्ष रंजीत भाऊ का कहना है कि "प्री वेडिंग शूट आज के दौर में युवाओं की पहली पसंद बनते जा रही है. हालांकि इसके परिणाम नकारात्मक है. सूट के दौरान बच्चों को छोटे-छोटे कपड़े पहनाए जाते हैं जो कि बड़ों के सामने दिखाना उचित नहीं होता है."
धनगर समाज ने किया विरोध: धनगर समाज के सचिव आशीष धनगर का कहना है "वैवाहिक कार्यक्रम में प्री वेडिंग शूट का दौर चल रहा है. मैं उसका विरोध करता हूं. प्री वेडिंग शूट के जरिए सामाजिक विसंगतियां हमारे युवाओं पर हावी हो रही है."
गुप्ता समाज ने किया विरोध: गुप्ता समाज के सदस्य दीपक केसरी का कहना है कि, "प्री वेडिंग शूट को लेकर अधिकतर लोगों का अनुभव यही रहा है कि वह समाज में एक कुरीति के रूप में सामने आ रहे हैं. हमें इस कुरीति को रोकना है. इसलिए हमने हमारे समाज में प्री वेडिंग शूट को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर रखा है."
सिख समाज ने किया विरोध: छत्तीसगढ़ सिख समाज के अध्यक्ष सुखबीर सिंह सिंघहोत्रा का कहना है कि, "प्री वेडिंग शूट का सिख समाज विरोध करता है. प्री वेडिंग शूट के दौरान जब लड़का-लड़की आपस में मिलते हैं. तो लड़की-लड़का एक दूसरे को कुछ अंदरूनी बातें भरोसे के आधार पर बता देते हैं. कई बार इस वजह से रिश्ता टूट जाता है. इसीलिए मैं सभी समाज के लोगों से मांग करता हूं कि वह प्री वेडिंग शूट को ना करें. प्री वेडिंग शूट में लगाए गए खर्चे को किसी गरीब बेटी की शादी में लगा दें."
प्री वेडिंग शूट हमारे सभ्यता के खिलाफ: छत्तीसगढ़ सिख समाज के सदस्य हर किशन सिंह का कहना है कि " फिल्मों को देखकर ये नए चोचले शुरू हुए हैं. प्री वेडिंग शूट होना ही नहीं चाहिए. शूट के कारण लड़का-लड़की अकेले हिल स्टेशन में जाते हैं. ये हमारे सभ्यता के खिलाफ है. पुराने दौर में हमारे पूर्वज शादी से पहले लड़का लड़की को देखने भी नहीं देते थे. ये रीत अब भी चलनी चाहिए."
प्री वेडिंग शूट बंद होने का असर: कई समाज ने प्री वेडिंग शूट को बंद करने की बात कही है. इसका सीधा असर शादी के सीजन में शूट कर रहे स्टूडियों की कमाई पर पड़ेगा. वीएन एक्स स्टूडियो के मालिक विनय कुमार मिश्रा का कहना है कि, "शादी सीजन के समय उन्हें 1 महीने में चार से पांच प्री वेडिंग शूट के ऑर्डर आते हैं. प्री वेडिंग शूट में काफी वक्त लगता है. जिसके कारण और ऑर्डर नहीं ले पाते. प्री वेडिंग शूट में 5000 से खर्च शुरू होता है. ये खर्च 300000 रुपये तक जाता है. कभी-कभी क्लाइंट के बजट के अनुसार बजट बढ़ भी जाता है. प्री वेडिंग शूट में लड़की पक्ष, लड़का पक्ष की तुलना में अधिक रुचि दिखाता है."
अधिकतर समाज ने किया बहिष्कार: एक ओर जहां छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक का बयान सुर्खियां बटोर रहा है. वहीं दूसरी ओर कई समाज के लोग प्री वेडिंग शूट का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि हम आधुनिकता की होड़ में अपने संस्कृति से दूर हो रहे हैं. समाज के विरोध के बाद अगर कुछ लोग भी प्री वेडिंग शूट का बहिष्कार करते हैं तो इसका सीधा असर स्टूडियो पर पड़ेगा. अधिकतर लोग प्री वेडिंग शूट को लड़कियों के भविष्य के लिए इन सिक्योर मान रहे हैं. अधिकतर समाज ने शूट का बहिष्कार किया है.