ETV Bharat / bharat

Ayodhya के लुप्त कुंड रामनगरी की सुंदरता में लगाएंगे चार चांद, कई का हुआ जीर्णोद्धार

अयोध्या के लुप्त हो चुके कुंड (Missing Ponds of Ayodhya) रामनगरी की शोभा बढ़ाने लगे हैं. कई ऐसे कुंडों की खोजकर उनका जीर्णोद्धार करा दिया गया है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 27, 2023, 1:50 PM IST

अयोध्या की शोभा बढ़ाने लगे लुप्त कुंड.

अयोध्या: आध्यात्मिक नगरी अयोध्या (Ayodhya) में एक तरफ भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए जिला प्रशासन अयोध्या विकास प्राधिकरण और पर्यटन विभाग संयुक्त अभियान चला रहा है. इसी कड़ी में अयोध्या (Missing Ponds of Ayodhya) की पहचान कहे जाने वाले उन कुंडों का भी सुंदरीकरण किया जा रहा है जो अतीत हो चुके थे.

Etv bharat
अयोध्या में लुफ्त कुंडों का कराया गया जीर्णोद्धार.
पर्यटन विभाग की ओर से अयोध्या में तीन ऐसे कुंडों का जीर्णोद्धार कराया गया है जो लुप्त हो चुके थे. इनमें हनुमान कुंड अग्निकुंड और गणेश कुंड प्रमुख हैं. प्रदेश सरकार के निर्देश पर इन कुंडों का सुंदरीकरण किया गया है. इस कारण अब यहां पर पर्यटक भी आने लगे हैं और स्थानीय लोग अपने मांगलिक और आध्यात्मिक आयोजनों को भी इन परिसरों में कर रहे हैं.
Etv bharat
अयोध्या की शोभा बढ़ाने लगे कुंड.
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि अयोध्या में पर्यटन विभाग द्वारा तीन लुप्त कुंडों का सुंदरीकरण किया गया है. वहीं, दंतधावन कुंड और विद्या कुंड का सौंदर्यीकरण की योजना है जो अन्य कुंड है उनका भी जीर्णोद्धार कराया जाएगा.
Etv bharat
अयोध्या में तीन कुंडों का हुआ जीर्णोद्धार.
अयोध्या को सजाने संवारने की पूरी योजना है.कुंडों में आम जनमानस की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है. इनमें यात्री शेड, सुलभ शौचालय प्रसाधन और कुंड तक पहुंचाने के लिए सीढ़ियां बनाई जा रही हैं. पर्यटकों के लिए जो मूलभूत सुविधाएं हैं वह सब हम उपलब्ध कराएंगे जिससे अयोध्या में पर्यटन संबंधी गतिविधियां बढे़ं और इन प्राचीन कुंडों की पहचान विलुप्त न हो.वहीं, जगतगुरु रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य महाराज ने बताया कि अयोध्या की पहचान कुंडों से है. अयोध्या श्रीलंका में भी हो सकती है और ऑस्ट्रेलिया में भी हो सकती है लेकिन यह कुंड ही अयोध्या को प्रमाणित करते हैं. तीर्थ विवेचनी सभा ने भी पत्थरों को लगाकर इनकी पहचान को परिलक्षित किया है. कुंडों के मध्य में अयोध्या बसी है और यही कुंड अयोध्या की पौराणिकता और आध्यात्मिकता के प्रतीक हैं. प्रदेश सरकार ने इन प्राचीन कुंडों की सुध ली है यह एक सार्थक पहल है. राम मंदिर के साथ-साथ इन कुंडों का निर्माण और जीर्णोद्धार हो जाएगा तो सांस्कृतिक रूप से और आध्यात्मिक रूप से जो अयोध्या जानी जानी जाती है वह अयोध्या इन कुंडों के निर्माण से जीवन्त हो उठेगी.ये भी पढ़ेंः Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर की पहली मंजिल का कार्य 50 फीसदी पूरा, ट्रस्ट ने शेयर की तस्वीरें

ये भी पढे़ंः दीपोत्सव 2023 और कार्तिक पूर्णिमा मेले को लेकर तैयारी शुरू, तय की गई रूपरेखा

अयोध्या की शोभा बढ़ाने लगे लुप्त कुंड.

अयोध्या: आध्यात्मिक नगरी अयोध्या (Ayodhya) में एक तरफ भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए जिला प्रशासन अयोध्या विकास प्राधिकरण और पर्यटन विभाग संयुक्त अभियान चला रहा है. इसी कड़ी में अयोध्या (Missing Ponds of Ayodhya) की पहचान कहे जाने वाले उन कुंडों का भी सुंदरीकरण किया जा रहा है जो अतीत हो चुके थे.

Etv bharat
अयोध्या में लुफ्त कुंडों का कराया गया जीर्णोद्धार.
पर्यटन विभाग की ओर से अयोध्या में तीन ऐसे कुंडों का जीर्णोद्धार कराया गया है जो लुप्त हो चुके थे. इनमें हनुमान कुंड अग्निकुंड और गणेश कुंड प्रमुख हैं. प्रदेश सरकार के निर्देश पर इन कुंडों का सुंदरीकरण किया गया है. इस कारण अब यहां पर पर्यटक भी आने लगे हैं और स्थानीय लोग अपने मांगलिक और आध्यात्मिक आयोजनों को भी इन परिसरों में कर रहे हैं.
Etv bharat
अयोध्या की शोभा बढ़ाने लगे कुंड.
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि अयोध्या में पर्यटन विभाग द्वारा तीन लुप्त कुंडों का सुंदरीकरण किया गया है. वहीं, दंतधावन कुंड और विद्या कुंड का सौंदर्यीकरण की योजना है जो अन्य कुंड है उनका भी जीर्णोद्धार कराया जाएगा.
Etv bharat
अयोध्या में तीन कुंडों का हुआ जीर्णोद्धार.
अयोध्या को सजाने संवारने की पूरी योजना है.कुंडों में आम जनमानस की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है. इनमें यात्री शेड, सुलभ शौचालय प्रसाधन और कुंड तक पहुंचाने के लिए सीढ़ियां बनाई जा रही हैं. पर्यटकों के लिए जो मूलभूत सुविधाएं हैं वह सब हम उपलब्ध कराएंगे जिससे अयोध्या में पर्यटन संबंधी गतिविधियां बढे़ं और इन प्राचीन कुंडों की पहचान विलुप्त न हो.वहीं, जगतगुरु रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य महाराज ने बताया कि अयोध्या की पहचान कुंडों से है. अयोध्या श्रीलंका में भी हो सकती है और ऑस्ट्रेलिया में भी हो सकती है लेकिन यह कुंड ही अयोध्या को प्रमाणित करते हैं. तीर्थ विवेचनी सभा ने भी पत्थरों को लगाकर इनकी पहचान को परिलक्षित किया है. कुंडों के मध्य में अयोध्या बसी है और यही कुंड अयोध्या की पौराणिकता और आध्यात्मिकता के प्रतीक हैं. प्रदेश सरकार ने इन प्राचीन कुंडों की सुध ली है यह एक सार्थक पहल है. राम मंदिर के साथ-साथ इन कुंडों का निर्माण और जीर्णोद्धार हो जाएगा तो सांस्कृतिक रूप से और आध्यात्मिक रूप से जो अयोध्या जानी जानी जाती है वह अयोध्या इन कुंडों के निर्माण से जीवन्त हो उठेगी.ये भी पढ़ेंः Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर की पहली मंजिल का कार्य 50 फीसदी पूरा, ट्रस्ट ने शेयर की तस्वीरें

ये भी पढे़ंः दीपोत्सव 2023 और कार्तिक पूर्णिमा मेले को लेकर तैयारी शुरू, तय की गई रूपरेखा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.