लुधियाना: पंजाब पुलिस अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है. उसके साथियों को भी लगातार गिरफ्तार किया जा रहा है. खन्ना पुलिस ने अमृतपाल की सुरक्षा में तैनात तजिंदर सिंह उर्फ गोरखा के बारे में भी कई अहम खुलासे किए हैं, जिसे खन्ना पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इससे पता चला कि उस पर पहले से ही दो केस दर्ज थे और वह एकेएफ का अहम हिस्सा था. एसएसपी ने कहा कि अमृतपाल के नेतृत्व में खालिस्तान की मांग को लेकर सशस्त्र संघर्ष चल रहा था.
ऐसे हुई थी अमृतपाल से मुलाकात : गोरखा को अमृतपाल से बिक्रमजीत सिंह नाम के शख्स ने जोड़ा था. वह 5 महीने पहले अमृतपाल के गांव गया था और अमृतपाल ने उसे अपना सुरक्षा गार्ड बना लिया. एसएसपी ने खुलासा किया है कि जलूपुर गांव में कुछ जगहों पर फायरिंग रेंज खोलकर फायरिंग का अभ्यास कराया जा रहा था. जिसकी कुछ तस्वीरें और वीडियो एसएसपी खन्ना ने मीडिया को भी साझा किए हैं.
एकेएफ की तैयारी : अजनाला में हुई घटना के दौरान अमृतपाल सिंह के साथ तजिंदर सिंह भी मौजूद था. अमृतपाल द्वारा बनाए गए एकेएफ में नियमित सदस्यों को नंबर भी दिए जाते थे. इसका मतलब आनंदपुर खालसा सेना था. ग्रुप-1 भी बनाया गया जिसे AKF कहा जाता है, जिसका पूरा नाम अमृतपाल टाइगर फोर्स था. इसमें नई भर्तियां की गईं और उनकी छंटनी की गई.
अलग फौज की तैयारी : एसएसपी ने यह भी खुलासा किया है कि नशा मुक्ति केंद्र की आड़ में जलूपुर बुलाकर युवकों को एकेएफ में भर्ती किया जाता था. तजिंदर सिंह पहले भी नशे का आदी था और ड्रग्स के बाद उसे फिर से एकेएफ में भर्ती कर लिया गया.
एकेएफ सदस्यों को हथियारों के इस्तेमाल, हथियारों की सफाई और हथियारों की फिटिंग का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा था. इस बाबत तजिंदर सिंह का एक वीडियो भी मीडिया के साथ साझा किया गया है.
आर्म्स ट्रेनिंग: इसके अलावा अमृतपाल की सेना द्वारा खालिस्तान लोगो और अन्य संबंधित दस्तावेज भी तैयार किए जा रहे थे जो तजिंदर के मोबाइल फोन से बरामद किए गए हैं. एसएसपी ने यह भी खुलासा किया कि खालिस्तान में बनने वाले राज्यों के लोगो तक बनाए जा रहे थे. यह सब मोबाइल से बरामद किया गया है.
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