नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मनसुख मंडाविया (Central Health Minister Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को संक्रामक रोगों और ब्लैक फंगस को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी. कहा कि ऐसा कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला है जिससे ये पता चलता हो कि सभी वेक्टर जनित रोग (Vector-Borne Diseases) घातक हो सकते हैं.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है. मंत्री मंडाविया ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि 2020 में मलेरिया के 99.97 फीसदी मामले इलाज के बाद ठीक होने की बात सामने आई है.
देश में मलेरिया के मामलों और मौतों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. 2015 की तुलना में वर्ष 2020 में मलेरिया के मामलों में 84.4 प्रतिशत और मलेरिया से होने वाली मौतों में 83.6 प्रतिशत की कमी आई है. बताया कि 2020 में डेंगू के मामलों में 99.82 प्रतिशत रिकवरी दर्ज की गई है.
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चिकनगुनिया में रिकवरी रेट 100 प्रतिशत है और अब तक इस बीमारी के कारण किसी भी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश मौत नहीं हुई है. इस तथ्य से अवगत कि जून और सितंबर के बीच बरसात के महीनों में वेक्टर जनित रोग दिखाई देते हैं. मंडाविया ने कहा कि इस तरह की बीमारी से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू किया गया है.
जानें राज्य वार डेंगू और मलेरिया के आंकड़ें
आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ (10347), ओडिशा (6260) और झारखंड (3436) इस वर्ष सबसे अधिक मलेरिया के मामले दर्ज करने वाले शीर्ष तीन राज्य हैं. इसी तरह, तमिलनाडु (2062), केरल (1596) और कर्नाटक (1203) शीर्ष तीन राज्य हैं जहां इस साल सबसे ज्यादा डेंगू के मामले सामने आए हैं. वहीं मौतों की बात करें तो इस साल देश भर में मलेरिया से 18 मौतें और डेंगू से 4 मौतें हुईं.
जारी है ब्लैक फंगस का कहर
स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा में आगे बताया कि 28 जुलाई तक 46,764 म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस के केस दर्ज किए गए हैं. देश के तीन राज्यों महाराष्ट्र (9654), गुजरात (6846) और आंध्र प्रदेश (4209) में इस बीमारी के ज्यादा केस हैं.