नई दिल्ली : पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इस बार आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने खुलकर नाराजगी जाहिर की है. मनीष तिवारी ने रविवार को ट्वीट कर पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पंजाब कांग्रेस में अराजकता फैलाई जा रही है.
बता दें, मनीष तिवारी जी-23 समूह का प्रमुख चेहरा भी हैं.
ट्विटर पर एक बयान साझा करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने ऐसी अफरातफरी और अराजकता कभी नहीं देखी, जो आज पंजाब कांग्रेस में हो रही है. एक पीसीसी अध्यक्ष द्वारा एआईसीसी की बार-बार खुली अवहेलना, सहकर्मी बच्चों की तरह एक-दूसरे से सार्वजनिक रूप से झगड़ते हैं.'
उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीनों से पंजाब में कांग्रेस बनाम कांग्रेस की लड़ाई जारी है. क्या हमें लगता है कि पंजाब के लोग इस डेली सोप ओपेरा से ऊबे नहीं हैं?
तिवारी ने कहा कि विडंबना यह है कि जिन लोगों ने इन सबकी शिकायत की, वे दुर्भाग्य से स्वयं सबसे खराब अपराधी बने हुए हैं.
कांग्रेस सांसद ने खड़गे समिति की भी खिंचाई की और कहा कि इतिहास में दर्ज होगा कि समिति की नियुक्ति में निर्णय की एक गंभीर त्रुटि थी, जिसने प्रत्यक्ष रूप से कथित और वास्तविक शिकायतों को सुना. इन विधायकों और अन्य गणमान्य लोगों को आंदोलित करने वाले मुद्दों- बरगड़ी (Bargari), ड्रग्स, बिजली, अवैध रेत खनन पर प्रगति कहां है? क्या कोई आंदोलन आगे बढ़ा है.
मनीष तिवारी को पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है. तिवारी ने हरीश रावत की अमरिंदर सिंह और खुद के बारे में हालिया टिप्पणियों के लिए उन पर निशाना साधा है. तिवारी ने कहा कि वह पिछले 40 साल से कांग्रेस में हैं, लेकिन पंजाब इकाई में इस तरह की अराजकता नहीं देखी.
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बता दें, कांग्रेस ने शुक्रवार को हरीश रावत की जगह हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है. चौधरी ने अमरिंदर सिंह को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कहा जाता है कि वह राहुल गांधी का करीबी है.