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मनीष तिवारी ने अधीर पर किया पलटवार, राजनाथ पर निशाना साधने वाले ट्वीट की तस्वीरें साझा कीं

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी आलोचना किये जाने के कुछ दिनों बाद रविवार को पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी पर पलटवार किया और चीन की कथित घुसपैठ पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर निशाना साधने वाले अपने ट्वीट के ‘स्क्रीनशॉट’ (तस्वीरें) साझा किये.

Congress leader Manish Tewari etv bharat
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी
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Published : Nov 28, 2021, 10:36 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमलों से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के निपटने के तौर तरीकों की आलोचना करने को लेकर पिछले हफ्ते तिवारी पर प्रहार करते हुए कहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह मुद्दा उस वक्त नहीं उठाया, जब वह (संप्रग) सरकार का हिस्सा थे.

चौधरी ने कहा था कि 26/11 हमलों (मुंबई हमलों) के बजाय तिवारी को चीन पर और भारत की सीमा पर उसकी हालिया गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. चौधरी पर पलटवार करते हुए तिवारी ने ट्वीट किया, प्रिय अधीर दादा, उम्मीद करता हूं कि माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी को संबोधित ट्वीट के स्क्रीनशॉट आपकी चिंताओं और आलोचना को भी दूर कर देंगे.

उन्होंने रक्षा मंत्री सिंह को संबोधित अपने ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ दिन में किये गये ट्वीट में कहा, ‘चीन की लगातार घुसपैठ और उन्हें राजग/भाजपा सरकार का जवाब मेरी पुस्तक का एक अहम हिस्सा है.

मुंबई आतंकी हमलों के बाद संप्रग सरकार के प्रभावी कार्रवाई नहीं करने की बात कहने के लिए उनकी पुस्तक का सिंह द्वारा हवाला दिये जाने पर मीडिया में आई एक खबर को टैग करते हुए तिवारी ने ट्वीट किया, ‘माननीय राजनाथ जी, आपकी पार्टी में ट्रोल हैं, इसे मैं समझ सकता हूं लेकिन आपके रक्षा मंत्री होने के नाते मैं आपसे मेरी पुस्तक गंभीरता से पढ़ने का अनुरोध करना चाहूंगा, बशर्ते कि आप गंभीरता से सोचते हों कि सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट हमले ने पाकिस्तान के बर्ताव में कोई ठोस बदलाव लाया है.

उन्होंने कहा कि सरकार से नियंत्रण के बाहर के तत्वों के खिलाफ पारंपरिक बल की प्रतिक्रिया का विषय भी बहस किये जाने योग्य है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि आज भी यह उतना ही चुनौतीपूर्ण बना हुआ है, जितना 2008 में था.

तिवारी ने सिंह को संबोधित सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, मैं इस पर और अप्रैल 2020 से जारी चीनी घुसपैठ पर आपके सरकार की प्रतिक्रिया पर भी काफी चर्चा करूंगा, जो दो दिसंबर 2021 को पुस्तक के औपचारिक लोकार्पण के बाद इसका एक अहम हिस्सा होगा. बाद में उन्होंने ट्वीट के स्क्रीनशॉट साझा किये और चौधरी पर पलटवार किया.

तिवारी ने अपनी पुस्तक ‘10 फ्लैशप्वाइंट्स : 20 ईयर्स ’ में 26/11 हमलों से निपटने के तौर तरीकों को लेकर संप्रग सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि ‘संयम मजबूती का प्रतीक नहीं है’ और भारत को हमले के बाद ठोस कार्रवाई करनी चाहिए थी.

उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भी प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि ‘माउंटेन स्ट्राइक कोर’ को भंग करना सबसे बड़ा नुकसान है, जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को पहुंचाया है.

तिवारी, कांग्रेस के 23 नेताओं के उस समूह में शामिल हैं, जिसने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर पार्टी संगठन में नीचे से ऊपर तक बदलाव करने और कांग्रेस में हर पद के लिए चुनाव कराने की मांग की थी.

नई दिल्ली : लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमलों से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के निपटने के तौर तरीकों की आलोचना करने को लेकर पिछले हफ्ते तिवारी पर प्रहार करते हुए कहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह मुद्दा उस वक्त नहीं उठाया, जब वह (संप्रग) सरकार का हिस्सा थे.

चौधरी ने कहा था कि 26/11 हमलों (मुंबई हमलों) के बजाय तिवारी को चीन पर और भारत की सीमा पर उसकी हालिया गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. चौधरी पर पलटवार करते हुए तिवारी ने ट्वीट किया, प्रिय अधीर दादा, उम्मीद करता हूं कि माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी को संबोधित ट्वीट के स्क्रीनशॉट आपकी चिंताओं और आलोचना को भी दूर कर देंगे.

उन्होंने रक्षा मंत्री सिंह को संबोधित अपने ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ दिन में किये गये ट्वीट में कहा, ‘चीन की लगातार घुसपैठ और उन्हें राजग/भाजपा सरकार का जवाब मेरी पुस्तक का एक अहम हिस्सा है.

मुंबई आतंकी हमलों के बाद संप्रग सरकार के प्रभावी कार्रवाई नहीं करने की बात कहने के लिए उनकी पुस्तक का सिंह द्वारा हवाला दिये जाने पर मीडिया में आई एक खबर को टैग करते हुए तिवारी ने ट्वीट किया, ‘माननीय राजनाथ जी, आपकी पार्टी में ट्रोल हैं, इसे मैं समझ सकता हूं लेकिन आपके रक्षा मंत्री होने के नाते मैं आपसे मेरी पुस्तक गंभीरता से पढ़ने का अनुरोध करना चाहूंगा, बशर्ते कि आप गंभीरता से सोचते हों कि सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट हमले ने पाकिस्तान के बर्ताव में कोई ठोस बदलाव लाया है.

उन्होंने कहा कि सरकार से नियंत्रण के बाहर के तत्वों के खिलाफ पारंपरिक बल की प्रतिक्रिया का विषय भी बहस किये जाने योग्य है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि आज भी यह उतना ही चुनौतीपूर्ण बना हुआ है, जितना 2008 में था.

तिवारी ने सिंह को संबोधित सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, मैं इस पर और अप्रैल 2020 से जारी चीनी घुसपैठ पर आपके सरकार की प्रतिक्रिया पर भी काफी चर्चा करूंगा, जो दो दिसंबर 2021 को पुस्तक के औपचारिक लोकार्पण के बाद इसका एक अहम हिस्सा होगा. बाद में उन्होंने ट्वीट के स्क्रीनशॉट साझा किये और चौधरी पर पलटवार किया.

तिवारी ने अपनी पुस्तक ‘10 फ्लैशप्वाइंट्स : 20 ईयर्स ’ में 26/11 हमलों से निपटने के तौर तरीकों को लेकर संप्रग सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि ‘संयम मजबूती का प्रतीक नहीं है’ और भारत को हमले के बाद ठोस कार्रवाई करनी चाहिए थी.

उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भी प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि ‘माउंटेन स्ट्राइक कोर’ को भंग करना सबसे बड़ा नुकसान है, जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को पहुंचाया है.

तिवारी, कांग्रेस के 23 नेताओं के उस समूह में शामिल हैं, जिसने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर पार्टी संगठन में नीचे से ऊपर तक बदलाव करने और कांग्रेस में हर पद के लिए चुनाव कराने की मांग की थी.

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