जम्मू : जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव हो रहे हैं और पहली ही बार प्रदेश में कहीं भी चुनाव बहिष्कार का नारा सुनने को नहीं मिल रहा है, जबकि शिवसेना चुनाव बहिष्कार की अपील कर रही है.
जम्मू-कश्मीर में शिवसेना अध्यक्ष मनीष साहनी ने कहा, जनता के साथ जो वादे किए गए थे वह पूरे होने चाहिए. राज्य में चुनाव की जल्दी नहीं है. पांच अगस्त 2019 को जब यूटी बनाया गया था, ये वादा किया था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. हमारी सबसे पहली मांग ये है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाए.
यहां विकास किया जाए, रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं, हमें सब्जबाग दिखाए गए कि जम्मू-कश्मीर विकास के मार्ग पर दौड़ेगा. रोजगार के लिए यहां के युवा बाहर जाते हैं, अब यहां बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री आएंगी. पढ़ाई के लिए कॉलेज खुलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, आलोचना से हम कभी नहीं डरते, हमें जनता के विश्वास पर खरा उतरना है. इस समय चुनाव में जो भाग ले रहे हैं वह जनता के साथ विश्वासघात कर रहे हैं.
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