इंफाल : मणिपुर में दो युवा छात्रों की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने गुरुवार रात को गंभीर रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पूर्वी जिले के हेइनगांग में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के निजी आवास पर हमला करने का प्रयास किया. हालांकि, सीएम या उनके परिवार का कोई सदस्य यहां नहीं रहता. वह भारी सुरक्षा धेरे में इंफाल में रहते हैं. प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पूर्वी जिले में राज्य भाजपा अध्यक्ष अधिकारीमयुम शारदा देवी और भाजपा विधायक सोरईसम केबी के आवासों को भी निशाना बनाया.
सुरक्षा बलों के तुरंत हस्तक्षेप के बाद सभी स्थानों पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और स्मोक बम छोड़े गये. सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों, जिनमें पुरुष और महिलाएं शामिल थे, के बीच कुछ टकराव भी हुआ. शीर्ष पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम दोनों जिलों में तैनात है. खबर लिखे जाने तक इलाके में भारी तनावपूर्ण स्थिति बनी रहने की सूचना है. छात्रों के आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों को 29 सितंबर तक बंद कर दिया है. राज्य सरकार ने मंगलवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर भी प्रतिबंध फिर से लगा दिया है.
सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और धुआं बम का इस्तेमाल किया : सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और धुआं बम का इस्तेमाल किया. हिंसा की परिस्थितियों को रोकने के लिए मणिपुर पुलिस, सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को इंफाल घाटी में बड़ी संख्या में तैनात किया गया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, घटनास्थल के पास एंबुलेंस को आगे बढ़ते देखा गया लेकिन अभी तक किसी भी पक्ष के घायल होने की कोई खबर नहीं है. सुरक्षा बलों द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने की कोशिश में बुधवार को दो जिलों - इंफाल पूर्व और पश्चिम - में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया, जिसमें मंगलवार से 65 प्रदर्शनकारी घायल हो गए.
मणिपुर सरकार 'अत्यधिक बल प्रयोग' के आरोपों की जांच के लिए समिति बनाएगी : मणिपुर सरकार ने गुरुवार को 'सशस्त्र बलों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग' के आरोपों की जांच के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया. समिति का नेतृत्व आईजीपी एडमिन मणिपुर करेंगे और ज्यादती करने वाले किसी भी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि मणिपुर सरकार ने पिछले दो दिनों में सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों, मुख्य रूप से छात्रों पर अत्यधिक बल के कथित उपयोग की शिकायतों को सत्यापित करने के लिए गुरुवार को एक समिति का गठन किया. बलों ने जनता, विशेषकर छात्रों से निपटने में न्यूनतम बल का उपयोग करने पर चर्चा की.
सीएम पर शांति बहाली के लिए कुछ नहीं करने का आरोप : बता दें कि श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल, जिनके पास आतंक से संबंधित मामलों को संभालने में विशेषज्ञता है, को 'समय से पहले' मणिपुर वापस लाया गया है. अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की दृश्यता कम करने में मदद के लिए पूरे क्षेत्र में बिजली कनेक्शन बंद कर दिया है. प्रदर्शनकारियों में से एक ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री, अन्य मंत्री, विधायक और भाजपा नेता मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. वे कुकी उग्रवादियों और उनके समर्थकों की हिंसक गतिविधियों के खिलाफ भी चुप हैं.
दो छात्रों की लाश की तस्वीर हुई वायरल, भड़क गई हिंसा : जानकारी के मुताबिक मणिपुर में दो युवा छात्रों की हत्या के बाद उनका शव मिलने की तस्वीरें वायरल होने के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. भीड़ ने थौबल जिले में एक भाजपा कार्यालय को जला दिया. बता दें कि सत्रह वर्षीय छात्रा हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत 6 जुलाई को मणिपुर में जातीय हिंसा के चरम के दौरान लापता हो गए थे. बाद में उनकी तस्वीरें सोमवार को विभिन्न सोशल मीडिया में प्रसारित की गईं. उनके परिवारों को संदेह था कि उन्हें सशस्त्र हमलावरों ने मार डाला है. दोनों मृतक छात्र बिष्णुपुर जिले के रहने वाले थे.
भाजपा विधायक ने की सुरक्षा बलों की कार्रवाई की निंदा : इस बीच, भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने एक बयान में मणिपुर में आंदोलन से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की कार्रवाई की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि इस तरह के आंदोलन से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को और अधिक मानवीय होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए. भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह जो सीएम बीरेन सिंह के दामाद भी हैं ने कहा कि मैं अपने मणिपुरी भाइयों और बहनों से भी आग्रह करता हूं कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा में शामिल न हों.
लोगों से दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आह्वान : उन्होंने कहा कि आइए हम सुनिश्चित करें कि मारे गए छात्रों को जल्द से जल्द न्याय मिले. दिल्ली में मौजूद ज्यादातर विधायक केंद्र सरकार से जल्द से जल्द न्याय देने की मांग कर चुके हैं. आइए अगले कुछ दिनों में इसमें शामिल दोषियों को गिरफ्तार कर न्याय सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि आइए हम यह भी सुनिश्चित करें कि स्वदेशी लोगों को बचाने के हमारे सामान्य उद्देश्य से ध्यान न भटके, हमारा सामान्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाया जाए, जमीनी नियमों को तोड़ने वाले विद्रोही समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, सीमा पर बाड़ लगाने का काम पूरा किया जाए.