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Manipur Violence : मणिपुर विधायकों ने शाह से राज्य में शांति बहाल करने का किया आग्रह

मणिपुर के विधायकों ने अमित शाह से राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाली की मांग करते हुए निर्णायक प्रस्वाव पर पहुंचने का आग्रह किया है. खासतौर पर प्रदेश में असम राइफल्स की जगह केंद्रीय सुरक्षा बल को तैनात करने का निवेदन किया है.

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Published : Jul 12, 2023, 1:33 PM IST

इम्फाल : मणिपुर के 31 विधायकों के एक समूह ने राज्य में शांति और कानून व्यवस्था की बहाली के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से निर्णायक प्रस्ताव पर पहुंचने का आग्रह किया है. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) मणिपुर ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान में कहा. बयान के अनुसार, विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री से निवेदन किया कि वह प्रदेश में तैनात नौवीं असम राइफल्स, 22वीं असम राइफल्स और 37वीं असम राइफल्स के स्थान पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती कराया जाए, जो प्रदेश में एकता को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है.

बयान में कहा गया है, "विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने आगे कहा कि असम राइफल्स की कुछ इकाइयों द्वारा इससे पहले भी निभाई गई भूमिकाएं चिंताजनक हैं, जो वर्तमान में राज्य के भीतर एकता के लिए खतरा भी बन सकती हैं." बयान में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री को दिए गए ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि 5 जुलाई 2023 को चुराचांदपुर में आयोजित शांति मार्च के दौरान हथियारों और गोला-बारूद के सार्वजनिक प्रदर्शन की व्यापक जांच की जानी चाहिए.

बयान में आगे कहा गया है कि प्रतिनिधियों ने इन हथियारों और गोला-बारूद के स्रोत के साथ-साथ उनकी लगातार सप्ताई को लेकर भी अहम सवाल उठाए, जो इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं. विधायकों ने इस मुद्दे के जल्द समाधान और अवैध हथियों की बार-बार आपूर्ति को रोकने की जरूरत पर जोर दिया. साथ ही विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री से शांति और साधारण स्थिति बहाल करने के लिए राज्य में सक्रिय सशस्त्र विद्रोही/सीमा पार सशस्त्र विद्रोही समूहों के खिलाफ मजबूत और अधिक प्रभावी कार्रवाई करने का आग्रह किया.

पढ़ें : Manipur Violence: ITLF ने मैतेई समुदाय के खिलाफ हिंसा में शामिल होने के लिए मांगी माफी

विधायकों ने इन सशस्त्र विद्रोही समूहों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. बयान में कहा गया है कि ऐसे सशस्त्र गुटों के कारण ही प्रदेश में अशांति लंबे समय से जारी है. विधायकों ने यह भी पुष्टि की कि सीमावर्ती क्षेत्रों में हिंसा रोकी जानी चाहिए. केंद्रीय सुरक्षा बलों को क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए अधिक सक्रिय पहुंच बनाना चाहिए, जो पिछले दो महीनों से अस्पष्ट है. एक बार सभी प्रकार की हिंसा और आक्रामकता समाप्त हो जाए इन क्षेत्रों में, हम सभी हितधारकों के साथ परामर्श के जरिये एक शांतिपूर्ण समाधान निकालने की दिशा में काम कर सकते हैं.

बयान में आगे कहा गया है कि विधायकों ने यह भी आग्रह किया, "राज्य के लोगों के लिए माल के सुरक्षित परिवहन की सुविधा के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग- 02 पर राजमार्ग गश्त को बढ़ाया जाए. इसके साथ ही भारत-म्यांमार सीमा के मणिपुर खंड पर सीमा बाड़ लगाने का काम तेजी से पूरा किया जाना चाहिए."

(एएनआई)

इम्फाल : मणिपुर के 31 विधायकों के एक समूह ने राज्य में शांति और कानून व्यवस्था की बहाली के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से निर्णायक प्रस्ताव पर पहुंचने का आग्रह किया है. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) मणिपुर ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान में कहा. बयान के अनुसार, विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री से निवेदन किया कि वह प्रदेश में तैनात नौवीं असम राइफल्स, 22वीं असम राइफल्स और 37वीं असम राइफल्स के स्थान पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती कराया जाए, जो प्रदेश में एकता को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है.

बयान में कहा गया है, "विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने आगे कहा कि असम राइफल्स की कुछ इकाइयों द्वारा इससे पहले भी निभाई गई भूमिकाएं चिंताजनक हैं, जो वर्तमान में राज्य के भीतर एकता के लिए खतरा भी बन सकती हैं." बयान में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री को दिए गए ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि 5 जुलाई 2023 को चुराचांदपुर में आयोजित शांति मार्च के दौरान हथियारों और गोला-बारूद के सार्वजनिक प्रदर्शन की व्यापक जांच की जानी चाहिए.

बयान में आगे कहा गया है कि प्रतिनिधियों ने इन हथियारों और गोला-बारूद के स्रोत के साथ-साथ उनकी लगातार सप्ताई को लेकर भी अहम सवाल उठाए, जो इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं. विधायकों ने इस मुद्दे के जल्द समाधान और अवैध हथियों की बार-बार आपूर्ति को रोकने की जरूरत पर जोर दिया. साथ ही विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री से शांति और साधारण स्थिति बहाल करने के लिए राज्य में सक्रिय सशस्त्र विद्रोही/सीमा पार सशस्त्र विद्रोही समूहों के खिलाफ मजबूत और अधिक प्रभावी कार्रवाई करने का आग्रह किया.

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विधायकों ने इन सशस्त्र विद्रोही समूहों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. बयान में कहा गया है कि ऐसे सशस्त्र गुटों के कारण ही प्रदेश में अशांति लंबे समय से जारी है. विधायकों ने यह भी पुष्टि की कि सीमावर्ती क्षेत्रों में हिंसा रोकी जानी चाहिए. केंद्रीय सुरक्षा बलों को क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए अधिक सक्रिय पहुंच बनाना चाहिए, जो पिछले दो महीनों से अस्पष्ट है. एक बार सभी प्रकार की हिंसा और आक्रामकता समाप्त हो जाए इन क्षेत्रों में, हम सभी हितधारकों के साथ परामर्श के जरिये एक शांतिपूर्ण समाधान निकालने की दिशा में काम कर सकते हैं.

बयान में आगे कहा गया है कि विधायकों ने यह भी आग्रह किया, "राज्य के लोगों के लिए माल के सुरक्षित परिवहन की सुविधा के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग- 02 पर राजमार्ग गश्त को बढ़ाया जाए. इसके साथ ही भारत-म्यांमार सीमा के मणिपुर खंड पर सीमा बाड़ लगाने का काम तेजी से पूरा किया जाना चाहिए."

(एएनआई)

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